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@Red_Moose9 сағат бұрын
😊
@SachinSaini-f3y8 сағат бұрын
Parnam sir ❤❤❤
@manjusahu349314 сағат бұрын
आत्मज्ञान सबसे पहले आता है फिर निष्कामता फिर कर्मसंन्यास ,, फिर कर्मयोग और दोनों में कर्मयोग श्रेष्ठ है पंरतु बिना कर्मसंन्यास के नहीं ,, प्रणाम आचार्य जी 🌸🌷🙏🌷🌸
@pinkiyadav422215 сағат бұрын
आचार्य श्री सादर प्रणाम 🙏🏾
@MANOJKUMARPANWAR-u6r8 сағат бұрын
▫️व्यक्ति को संस्कारित करती हैं: शरीर समय समाज संयोग ▫️आत्मज्ञान (ज्ञानयोग) निष्काम कर्म( कर्मयोग ) कर्मसंन्यास
@prashantthawali837917 сағат бұрын
Pranam❤
@SurajKatuwal-rv1nv17 сағат бұрын
धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
@apurvasoni406514 сағат бұрын
न जानना ही मैं/अहम् बन जाता है। धन्यवाद,आचार्य श्री! 💐🙏
@Himanshu_Upadhyay_4 сағат бұрын
धन्यवाद! 🙏🏻🪔
@Aasha_ki_baaten19 сағат бұрын
प्रणाम आचार्य जी ❤
@SUDESHDIKHIT12 сағат бұрын
प्रचलित रुढियों , मान्ताओ की अवधारणा से दैहिक कर्मकांड सत्य तत्व बोध के बगैर निष्काम कर्म है।साष्टांग प्रणाम गुरूवर ।❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@shivamsingh448518 сағат бұрын
❤🙏
@anukaushal868917 сағат бұрын
"श्रद्घा ही निष्कामता है।"🙇 ~आचार्य प्रशांत जी।।🌷🙏
@hariomtiwari40305 сағат бұрын
Koti koti pranam hai aise mahapurush ko 🙏🙏🙏
@KrishnachandraLohra-z9j18 сағат бұрын
Main Dhyan se sun raha hun
@ARYANKSHTIJRai-ff4vy19 сағат бұрын
Om Shanti... Good morning
@vxbvxb68437 сағат бұрын
Aacharya ji parnam
@KusumRao-r8c17 сағат бұрын
Jai ho Aacharya jee ko barambar pranam❤
@KanikaBoro-t3o16 сағат бұрын
Pranam acharya.niskam karma ko upne bari saral se samjaya
@kukdiyajagdish234317 сағат бұрын
सबसे पहले आत्मज्ञान उसके बाद निष्काम कर्म और उसके बाद कर्म संन्यास आए तो सबसे ऊंची बात है।निष्काम हुए बिना कोई कर्म का त्याग करने लग जाए तो वो पाखंड हो जाता है। आत्मज्ञान सबसे ऊंची बात है।
@SachinSaini-f3y7 сағат бұрын
प्रकृति में किसी की भी गतिशीलता आत्मिक नहीं होती।
@rameshkumark.c.851717 сағат бұрын
Pranam acharya ji
@rupsingh310517 сағат бұрын
Excellent explanation of NISHKAMTA. Thank you Acharya ji.
@AnupamaMishra-df1se18 сағат бұрын
प्रणाम आचार्य जी
@NancyNamdev-wr8xz13 сағат бұрын
Jai ho gurudev ji ki ❤❤❤❤❤
@SurajKatuwal-rv1nv17 сағат бұрын
🙏🙏🙏💕💕💕💕💕🇳🇵
@NeetuSiyag-jn9nb11 сағат бұрын
Me pura bahri hu❤❤❤🙏🙏
@ghanshyamverma431818 сағат бұрын
❤❤ best example नेता जी बोस जो कि 1985 तक गुमनाम जीवन जीए
@ilagandhi37549 сағат бұрын
Nice information
@bimladevi-lc2xn12 сағат бұрын
Thanks 😊
@motivationalquotes269313 сағат бұрын
Excellent acharya ji❤
@leelathakur513 сағат бұрын
🙏
@yourfeelings496515 сағат бұрын
I love you sir😢
@MANOJKUMARPANWAR-u6r8 сағат бұрын
विवरण: इस वीडियो में आचार्य जी ने कर्म और कर्म संन्यास के बीच के संबंध को समझाया है। उन्होंने बताया कि मुक्त पुरुष कुछ नहीं करता, लेकिन सब कुछ अपने आप हो जाता है। यह स्थिति तब आती है जब व्यक्ति प्रकृति के साथ एक हो जाता है। आचार्य जी ने अर्जुन और श्री कृष्ण के संवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि कर्म का महत्व कर्ता के महत्व से कम है। जब व्यक्ति आत्मज्ञान प्राप्त करता है, तो वह निष्काम कर्म की ओर बढ़ता है, जिसका अर्थ है कि वह अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए कार्य करता है। कर्म संन्यास तब आता है जब व्यक्ति अपनी कामनाओं से मुक्त हो जाता है। आचार्य जी ने यह भी बताया कि कर्म संन्यास का अर्थ यह नहीं है कि व्यक्ति कर्म नहीं करता, बल्कि वह अपने लिए कुछ नहीं करता।
@RinkuYadav-vc3us18 сағат бұрын
Good morning guruji
@sanjivmodi589217 сағат бұрын
Good morning acharya ji
@dalivo-lh6dr14 сағат бұрын
Aap sey kya kahu aap khud samajh lo ❤
@ilagandhi37549 сағат бұрын
Nishkam karm se bandhan nahi hota
@sarjeetkumar428411 сағат бұрын
मेरी चाल भी बाहरी, ये रुमाल भी बाहरी, एक गीत आचार्य प्रशांत द्वारा (2017) - ❤🙏🙏 kzbin.info/www/bejne/favQqp6qfMxjfNk
@motivationalquotes269313 сағат бұрын
Aacharya ji mai to samjh me aa gya but jo kr rha h sab vo kyu kr rha h