ब्राह्मण झूठ बोलने में सदा माहिर रहा है और आप भी वही कर रहे हैं। वर्ण-व्यवस्था में चुनने की स्वतंत्रता नहीं थी। यह जन्म आधारित पीढ़ी दर पीढ़ी अनिवार्य अनुपालन की सामाजिक, धार्मिक एवं कानूनी व्यवस्था थी। वर्ण-व्यवस्था के प्रतिकूल कार्य करने वालों के लिए सजा भी निर्धारित थी।
@Bjljspjmbah2 ай бұрын
सत्यवचन 🙏🏼
@LifeSignify2 ай бұрын
Mai Brahman nahi hoon bhai aur jaativad ki kuritiyan to bad me aayee hai main to varn vavyastha ki shuruaat ki baat ki hai
@panchanandmirdha24742 ай бұрын
सर आप को याद रखना चाहिए कि सबको सामान अवसर नहीं मिला था
@panchanandmirdha24742 ай бұрын
आप शब्द जाल में फंसाकर अपने आप को महान समझते हैं
@errahulmali74862 ай бұрын
Matalab hum sudharenge nahi 😂😂 ek baat toh hai, Brahmin aapane aapako badalata rahata hai, koi nahi hum bhi dhyan rakhenge 😂😂 OBC want Caste Census ✊✊ we want proportional representation 💪💪
@srias20222 ай бұрын
A brahman saving Brahmanism and attacking the marginalized section of society, what a masterstroke
@anandgarhwal14212 ай бұрын
Jatiwad= bramhanwad, ye samaj ka zeher hai Bramhan baton ki jalebiyan bana ke is system ko hamesha justify kate hai, pura privilege apne pas rakhne ke liye Upper caste maintain caste system through continuous violence. Koi 5000 sal ka itehas nahi hai, kuch archeological proof nahi milta kisi bhi vedic sabhyata ka, Ramayam Mahabharata, ved, upnishad mei jo devnagri lipi likhi hui hai wo pichle 1000 sal mei bhi develop hui hai, toh 5000 sal kha se hue? Sari bramhano ki gapod hai bas
@LifeSignify2 ай бұрын
Ved shrut parmpara se hain jiska itihas 5000 saal se bhi jyada purana hai
@anandgarhwal14212 ай бұрын
@@LifeSignify saboot kya hai bataiye? Muh se bol Dene se saboot nahi ho jata.
@LifeSignify2 ай бұрын
अग्रवाल साहब, पूरे सत्य की जानकारी नहीं होना कोई गलती नहीं है किन्तु उसे ही पूरा सत्य मान लेना गलत है, भाषा और लिपि दो अलग बातें हैं, आप हिन्दी भाषा में लिख रहे हैं लेकिन लिपि रोमन प्रयोग कर रहे हैं इसका यह तो अर्थ नहीं होता कि हिन्दी भाषा नहीं है, मैं ब्राह्मण नहीं हूं, ब्राह्मण वाद का विरोधी भी हूँ और मेरे कथन बहुत से ब्राह्मणों को भी स्वीकार नहीं होंगे, लेकिन मैंने बहुत अध्ययन करने के बाद ही कुछ कहा है, आप भी पढ़िए क्योंकि सत्य तक पहुंचने का वही एकमात्र उपाय है, सोचिए कि जब केवल वैश्य जाति थी तो अग्रवाल, गुप्ता, जैसवाल आदि क्यों बन गए, सामाजिक विकास की धारा हमारे पसंद से नहीं चलती है धन्यवाद
@errahulmali74862 ай бұрын
Vaise Brahmintva ko pahale aur Shudra ko last me kyu likha 😂😂
@shyamsingh67892 ай бұрын
Arya videshi hai anaryae moolniwasi hai jaati shoshan karne ka tarika hai
@with_KD17.12 ай бұрын
समय के साथ कई लेख लिखे गए। जानने की बात ये हैं कि यह सभी लेख किसी के दिमाग की उपज हैं। यानी की उनके अपने अनुभव, नजरिया , सोच - विचार आदि आदि । यह कैसे सही हो सकता है , कोई अपने विचार किसी लेख से सभी पर थोप दे।। अंतिम सत्य यही हो सकता हैं कि , हमे ही चयन करना होगा क्या ठीक है । मजे की बात यह हैं की कुछ भी अंतिम नहीं।
@LifeSignify2 ай бұрын
AAP sahi hai
@LifeSignify2 ай бұрын
बहुत सुंदर कहा आपने, लेकिन मानव स्वभाव सदा सत्य के खोज में लगा रहता है और यही उसके अब तक के विकास का कारण भी है
@with_KD17.12 ай бұрын
@@LifeSignify 💯🙇
@devamaurya74672 ай бұрын
Don't watch there video...provide fake information...
@LifeSignify2 ай бұрын
Reality will remain reality. You watch me or not.
@THINKINDIA-14192 ай бұрын
@@LifeSignify you shape the reality 😂😂😂
@ourbastaribastarian29852 ай бұрын
अगर ये चचा जी दूसरे वर्ग में पैदा हुए रहते तो शायद इनका कथन अलग मिलता 😅। जो जहा पैदा होगा वह उस हिसाब से बातें करेगा 😂
@thechanger51462 ай бұрын
Jaati pratha janm par adharit hai, jo unscientific hai na iska arth na koi matlab, ye uppar caste ki sajish apne se niche logo soshan karna,jai sanvidhan jai bheem murdabad manu or uske chele
@Pendu_in_corporate2 ай бұрын
Kuch bhi ....😂
@scienceisfunbyraunak72162 ай бұрын
Wolf in sheeps clothing.
@RakeshHembrom-xk5fv2 ай бұрын
Ya to aap pagal hai ya dusro ko pagal bana rahe hai
@LifeSignify2 ай бұрын
Inhe bigre dimago me bhare khushiyo ke latchche hai Hume pagal hi rahne do hum pagal hi achche hain
@vinayshastri72512 ай бұрын
Baat Ko aap log samjhega Kyunki baat kya kah rahe hain usko dekhiae aap Kuchh Bhi comment comment kya karna hai Soch Samajh Kar kariye Kisi Ko Pagal bolo ya galat Shabd ka aap sambodhan Karen yah Baat galat hai Sar ji kya kah rahe hain use per Dhyan dijiye aap
@syamd27642 ай бұрын
To, जनरल चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण, कथित भीम आर्मी Sub : बांग्लादेश में दलित हिंदुओं के ऊपर होने वाले अत्याचार, के प्रति वहां शांति स्थापित करने हेतु बावत श्रीमान, जैसा कि हमें ज्ञात है,भारत में सिर्फ एक ही आर्मी है। जिसे हम इंडियन आर्म्ड फोर्स के नाम से जानते हैं। लेकिन कुछ विगत वर्षों में, एक भीम आर्मी internal बन गई है, जिसका chif रावण है। इनके भुजा के बल की प्रशंसा हमने कई बार देखी है, टीवी के माध्यम से यह सरे आम किसी को भी जूता मार देते हैं। पुलिस वालों को उंगली दिखा देते हैं, अंबेडकर साहब द्वारा बनाए हुए संविधान और कानून को भी ललकार देते हैं। भारत के अंदर कोई भी संस्था इनका कुछ बिगाड़ भी नहीं पा रही। इस प्रकार के अतुलित बल को देखते हुए, मैं रावण से अनुरोध करता हूं, कि वह अपनी सेना को लेकर के बांग्लादेश में जाएं। और वहां पर दलित हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोके और शांति स्थापित करके ही वापस आए। अगर वह ऐसा करते हैं, तो हम सब उनको नेता सुभाष चंद्र बोस के समक्ष वाला सम्मान देंगे। क्योंकि नेताजी के पास भी अपनी खुद की एक आर्मी थी, और अंग्रेजों को पानी पिला देती थी। वही झलक आपके आर्मी में भी दिखाई देती है। ऐसा करने से आपको दो फायदा होगा, और साथ ही साथ भारत को भी फायदा होगा।, 1=फायदा, भारत में आपसे भी पहले, एक दलित नेता हुए थे उनका नाम जोगिंदर नाथ मंडल था। भारत आजाद जब हुआ था। तो उनका मानना था कि दलित उत्थान सिर्फ मुस्लिम बस्तियों में ही हो सकता है, यहां पर ब्राह्मणवादी लोग रहते हैं, दलित का उत्थान नहीं हो पाएगा, गौरतलब है कि, वह आपसे भी कहीं बड़े दलित नेता थे। मतलब पहले दलित नेता मंडल के कहने पर ही हजारों लाखों दलित पाकिस्तान चले गए थे, बांग्लादेश भी किसी जमाने में ईस्ट पाकिस्तान था, वह वहां के पहले कानून मंत्री बने, 3 साल भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए लात मार के कानून मंत्री से भगा दिया। वह एक चतुर दलित नेता थे, इन्होंने देखा कि अब जान पर आ गई, अपने बीवी बच्चे और लाखों दलित हिंदुओं को बेसहारा छोड़कर, अल्लाह जी के सहारे बीच रास्ते में छोड़कर भाग गए। आज जो बांग्लादेश में दलित भाइयों के साथ हो रहा है वह इन्हीं की देन है जोगिंदर नाथ की, आप दलित नेता होने के नाते आपके पास एक अच्छा मौका है, आप अपनी आर्मी लेकर के वहां जाएं शांति स्थापित करें और यह कलंक हटा लें। जो दलित नेताओं के ऊपर लगा हुआ है। 2: फायदा जिस प्रकार से दलित लोगों ने अंग्रेज के साथ मिलकर,पेशवा की सेना को हराया था, इस जीत का जश्न, आप लोग आज भी भीमा कोरेगांव मे मानते हैं, इस प्रकार का जश्न, बांग्लादेश की सेना को हरा करके, इतिहास में एक गौरव स्थापित कर सकते हैं। और जो जनरल, युद्ध जीतता है उसे इतिहास कभी नहीं भूलता। यहां पर अभी आपकी आर्मी आरक्षण के लिए युद्ध लड़ रही है, मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं हमारी न्यायिक व्यवस्था ऐसी है इसका फैसला आते-आते 32 से 35 साल हो जाते हैं, उदाहरण के लिए अजमेर सेक्स कांड का फैसला 32 साल के बाद आया। आरक्षण बचाओ अभियान आप एक दो महीने के बाद भी वापस आकर के लड़ सकते हैं, आरक्षण आपका कहीं भाग करके नहीं जा रहा है, और ना ही कोई ब्राह्मण इसे तुरंत छीन सकता है। अभी priority दलित भाइयों को बचाने की है, आपने इसका ठेका ले रखा है, दलित नेता होने का, इसलिए यह पत्र, मैं आपको लिख रहा हूं दलित नेता का ठेकेदार के नाते अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, अपनी आर्मी नहीं भेजते हैं और बांग्लादेश में दलितों के अधिकारों का रक्षा नहीं करते, तो आप एक कायर दलित हिंदू नेता कहलाएंगे,। इतिहास में आप शिखंडी बन जाएंगे। जो ब्राह्मण तलवार नहीं कलम उठाता है। उनके सामने आप शेर बन जाते हैं। और बांग्लादेश में जो तलवार उठा रहे हैं मार काट कर रहे हैं, उनके सामने आप भीगी बिल्ली बन कहलाएंगे। आप सुभाष चंद्र बोस बनना चाहते हैं या भीगी बिल्ली यह आपकी आर्मी के ऊपर है। कृपया मेरी बातों को गंभीरता से लें सेनापति की कलम से Note :यदि आप यह, चुनौती नहीं स्वीकारते है, तो (आजाद और रावण )नाम जो ब्राह्मण का चुरा रखे है, इसे छोड़ देना, क्यूंकि रावण एक पराक्रमी सेना का जनरल था। आजाद एक क्रन्तिकारी थे, अंग्रेजो कि छावनी मे घुस कर मारते थे। इन पराक्रमी ब्राह्मण का नाम बदनाम ना करना