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#acharyaprashant
वीडियो जानकारी: 04.09.24, संत सरिता, गोवा
प्रसंग:
~ हम किस केंद्र के साथ पैदा होते हैं? राम केंद्र और आम केंद्र क्या है?
~ संस्कार और शिक्षा वास्तव में क्यों होना चाहिए?
~ कब समझे कि जिंदगी सही दिशा जा रही है?
~ कब समझे कि मूर्खता अभी सर चढ़के बोल रही है?
~ दुनिया तुम्हें पागल कहे, तो कोई दिक्कत नहीं, बशर्ते तुम्हारा पागलपन सच्चाई के लिए हो, मुक्ति के लिए हो; तब उसे अपमान की तरह नहीं, सम्मान की तरह लेना।
~ कौन हमसे प्यार करता है, यह मत जानो, यह जानो कि उसकी प्यार करने की औकात है या नहीं।
जो मैं बौरा तो राम तोरा
लोग मरम का जाने मोरा।
मैं बौरी मेरे राम भरतार
ता कारण रचि करो स्यंगार।
माला तिलक पहरि मन माना
लोगनि राम खिलौना जाना।
थोड़ी भगति बहुत अहंकारा
ऐसे भगता मिलै अपारा।
लोग कहें कबीर बौराना
कबीर का मरम राम जाना।
~ कबीर साहब
संगीत: मिलिंद दाते
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References:
उसे ज़िंदगी और ज़िंदगी के बीच
कम से कम फ़ासला
रखते हुए जीना था
यही वजह थी कि वह
एक की निगाह में हीरा आदमी था
तो दूसरी निगाह में
कमीना था
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