परम आदरणीय आचार्य श्री अंकित प्रभाकर ने अच्छे ठंग से समझाया
@ramkrishandhakad1033 Жыл бұрын
सत्य समझाने का आपका प्रयास सराहनीय है भ्रम को दूर किया
@panditHDbarabanki Жыл бұрын
जय हो महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी महाराज की जय हो गुरुदेव नानक की
@nardevsharma3246 Жыл бұрын
अपने - अपने समय मे सभी महापुरुषों ने सनातन को बचाने के लिये कार्य किया... सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय..
@suratpunia6282 Жыл бұрын
अति उत्तम प्रवचन।
@SandeepChauhan-of4kw Жыл бұрын
अति उत्तम
@thegamersgaming600 Жыл бұрын
ओऽम् सम
@kamleshdindor9549 Жыл бұрын
आपकी समालोचना बहुत अच्छी लगी
@SandeepChauhan-of4kw Жыл бұрын
अति उत्तम विवेचना, आचार्य जी।
@ganeshchandrasuyal3576 Жыл бұрын
नमस्ते जी स्वामी अमृतानंद जी की वीडियो आजकल बहुत फेमस हो रही है जिसमें स्वामी दयानंद सरस्वती जी के बारे में बहुत प्रचार किया गया है एक बार उनकी
@NARENDRA-i6o11 ай бұрын
आचार्य जी आपने जो व्याख्या प्रस्तुत की महर्षि दयानंद सरस्वती जी की लिखी हुई पुस्तक सत्य प्रकाश वह आदित्य है इतना समझना पढ़ कर समझाना स्मवाओ नहीं है इसके लिए आपको कोटि प्रणाम
@PrabhakarSharma-qg4ov Жыл бұрын
आचार्य अंकित जी सादर नमस्ते सुप्रभातम 🚩🕉️🌞🔥🙏🙏 गुरू नानक देव जी की चार उदाशियां (यात्राएं) की इस दौरान वे अरब, ईरान, तुर्किस्तान, अफगानिस तान आदि देशों की यात्रा की और इस्लाम को मानने वाले लोगों को सत्य के मार्ग से अवगत कराया! जीवन का आखरी समय उन्होंने करतापुर में व्यतीत किया...
@mohanlalarypushp5886 Жыл бұрын
भाई उन्होंने कई सारे अच्छे कार्य किये जिसकी कतई निंदा ऋषि दयानंद नहीं की , अपितु उन्होंने उस समय धर्म व आर्य( हिंदू )जाति तथा राष्ट्र की रक्षा की! इस कार्य के लिए स्वामी जी ने बहुत ही प्रशंसा एवं सम्मान जनक विचार लिखे हैं! आज भी हम आर्यों के मन में सिख संप्रदाय एवं उनके गुरुओं के प्रति बहुत श्रद्धा है!
@veerchauhan7259 Жыл бұрын
अफ्रीका यूरोप ऑस्ट्रेलिया भी गए थे?
@ArjunSingh-f1j6u Жыл бұрын
Vedon ko kahani isliye kaha gaya hai ki vedon ko padhne se kuchh nahin hoga Ishwar ka smart avashyak hai aur Ishwar Ko Darshan ke liye Jo prayas Kiya jata hai usi ko tab kahate Hain aur tab karne se hi Gyan ki prapti hoti hai Guru Nanak Dev bahut bade siddh purush the chamatkari the Aisa Dayanand Saraswati mein ek bhi gun dikhai nahin deta hai Dayanand Ji to Keval vedon ki Ritu tota
@PrabhakarSharma-qg4ov Жыл бұрын
@@ArjunSingh-f1j6u आप ने महारिषि दयानन्द सरस्वती जी के लिए जो कुछ लिखा हुआ है ओ सबद्द अच्छे नहीं लगते वो बहुत ज्ञानी पुरुष थे आप ने सत्यार्थ प्रकाश का अध्यन किया है नहीं किया उन्हों ने ११में स्मूलवश में बहुत अच्छी जानकारी दी लिखीं है सत्य सनातन संस्कृति एवं धर्म रक्षक थे सत्य सनातन धर्म की जय हो 🚩🕉️🌞🔥🙏🙏
@satyavratbhardwaj4677 Жыл бұрын
The best vedio based on true analysis, many many thanks for this best vedio
स्वामी दयानन्द सरस्वती जी का उद्देश्य उन्होंने अपने अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश की भूमिका में पहले ही लिख दिया था कि 'मेरा इस ग्रंथ को बनाने का मुख्य उद्देश्य सत्यासत्य का प्रचार करना है अर्थात् जो जो सत्य है उसका मण्डन तथा जो जो असत्य संसार में फैला है उसका खण्डन।' इसमें किसी के साथ यहां तक कि वेद के स्वयं को अत्यंत अनुयाई मानने वालों के साथ भी भेद भाव नहीं किया। और एक बात स्वामी जी ने कही है इस ग्रंथ में मेरा अपना निजी कुछ भी नहीं है, जो कुछ भी है वह वेदादि सत्य शास्त्रों का है। अंकित जी का साभार जो उन्होंने आज सत्यार्थ का स्वामी के उद्देश्य को स्पष्ट किया।
@Nareshkumar_1974 Жыл бұрын
🚩जय भारत।
@kusumchaudhary6579 Жыл бұрын
Aapka analysis bhot hi acha hai
@premprakashjauhari2751 Жыл бұрын
Very good and informative video.
@मदन-मोहन11 ай бұрын
जो बात सही और न्याय उचित हो उसका सबको मानना और सम्मान करना चाहिए।
@nkmeena1249 Жыл бұрын
सनातन वैदिक आर्य हिन्दू धर्म की जय🚩🚩🚩🚩🚩
@PratibhaArya-sx5qg Жыл бұрын
सादर नमस्ते आचार्य जी 🙏🙏
@sukhramsolanki3320 Жыл бұрын
सादर नमस्ते जी
@sarojsharma412 Жыл бұрын
Om Acharya ji.
@mnpcontent5073 Жыл бұрын
Pranam guruji 🙏🙏🙏🙏
@LallySandhu-xh6uv Жыл бұрын
SAHIB SHRI GURU GRANTH SAHIB JI KI BAANI KO SMJNA NA TERE BAS KI BAAT HAI NA DAYANAND KI...
@atulbhut5387Ай бұрын
Jay sri ram🌹🌹🌹
@ramkrishandhakad1033 Жыл бұрын
आपका पुरुषार्थ उच्च है
@shankarji4920 Жыл бұрын
नमस्ते आचार्यजी।आपने तो सत्यार्थ प्रकाश को पुनर्जीवित करने या यूं कहा जाय तो सत्यार्थ प्रकाश को जन -जन तक पहुचाने का काम किया है।
धन्य है गुजरात की भूमि जिसने देश व धर्म बचाने वाले महापुरुषों जन्म दिया।
@RSB1439 ай бұрын
Murakh hoo tum isne sare Bharat ke adyatam ko apni murkhta ke smandar me fenk diya hai
@tahaarSingh01 Жыл бұрын
Saccha Gyan aur Sahi Gyan pure Vishva Mein Keval Sant Rampal Ji Maharaj ji ke pass hai
@anukumari8358 ай бұрын
Bhggg 😂😂😂😂
@JiyanandMudgal Жыл бұрын
मैने सत्यार्थ प्रकाश पढ़ा था उसमे शिवाय दूसरो की बुराई के अलावा कुछ भी नही लिखा
@JiyanandMudgal Жыл бұрын
बुरा वो होता है जो दूसरो में बुराई ढूंढता है
@RSB1439 ай бұрын
@user-hk2fk6wg7qHaa बुरा बुरा ही कह सकता है
@RSB1439 ай бұрын
@ChakravartyRashtra😂😅 accha to Teri taant bhi ganzi hai
@रंगमहलफाईनआर्टस Жыл бұрын
आपकी बात से में बिल्कुल सहमत नही मुझे बानी में कहीं नही मिला आज तक कि बाबा नानक साहेब ने खुद की पूजा अर्चना करवाने के लिए मत चलाया बाबा नानक साहेब ने खुद को बानी में साफ कहा है " हम कुकर तेरे दरबार, नानक दास, कहो नानक हम अज्ञानी ।
@rajubawa4372 Жыл бұрын
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त
@rajpal2034 Жыл бұрын
Thanks
@rajpal2034 Жыл бұрын
नमस्ते आचार्य जी
@sampurnaswadesipariwar3 ай бұрын
पुरे विस्तार से सिखों के बारे में स्वामी जी की बात बताएं
@surjansingh9161 Жыл бұрын
Is sanskrit language was allowed to each and every person of all castes as framed by Sri Manu ji at the time of Sri Guru Nanak Dev Ji. It was not allowed to poor caste person. So Sri Guru Nanak Ji Maharaj started to give spiritual knowledge in people own language which was widely used in public. I think about 13 languages including sankrit are used in Sri Guru Granth Sahib Ji . If somebody asked you why lok Bhasha and other languages which was used by the Sri Guru Nanak Dev Ji not used by Sri sarasvati Dayanand Ji in Satyarathprakash. Because Swami was no familiar with these language. Tomorrow some Englishperson may ask you why Satyarathprakash is not written in English language.
@OnkarSingh-cj4eh Жыл бұрын
जय गुरु नानक देव जी
@rishuthakur8761 Жыл бұрын
Sikh nahi hote to aaj pira bhart islaam raster ban jata hum hindu mandir bhi jatah or sabhi guruo ko dil se mante h hindu sikh jen budh sabhi sanatani dhrm parampara ke hi h 🕉️🙏💪💪⚔️⚔️🚩🚩🚩
@DigvijaySharma574 Жыл бұрын
SAMBHAJI MAHARAJ AND MARATHAS HAVE ALSO SACRIFICED THEIR LIFE AND THEIR LOVED ONES LIVES FOR Bharat
@LallySandhu-xh6uv Жыл бұрын
TU UNKO KON KEHTA HAI KE NHI KIYA?
@deepakkhanna1631 Жыл бұрын
किसी विशेष ग्रस्तता की सफाई में विश्लेषण प्रतित होता है... अनावश्यक उजागरता की कोशिश महसूस होती है... कुछ पक्षपाततासा विवेचन लग रहा है... नाहक विषयों को प्रधानता नही देनी चाहिये... प्रस्तुती का कारण संभ्रमितसा लगता है... शुभंभवतू . . .
@SatendraSingh-qf8zb Жыл бұрын
ये हीन भाव ग्रस्त लोगबाग की सोच है, जब कोई महान बनना चाहे और सामने हिमालय आ जाए तो लोग क्या कर सकते हैं?
@MadhuSharma-wz7lv Жыл бұрын
🌹🙏🙏Ach ji I am Arya Samaj member. I studied Maharishi Dayanand Saras..... from my childhood.
@santoshgiri6613 Жыл бұрын
Sundar
@karunakarswainswain9919 Жыл бұрын
Sahibatahe
@nkmeena1249 Жыл бұрын
पंजाबी भाषा में निर्भय को निर्भो कह देना गलत नहीं है क्षेत्रीय भाषा में ग्रामीण भाषा में उपदेश देना कोई गलत नहीं है
@LallySandhu-xh6uv9 ай бұрын
BHAI SAAB VAISE BHI GURMUKHI BHASHA KA APNA ALAG UCHARAN HOTA HAI,GURU SAHIB JI NE SANSKRIT KE KISI MANTAR KO GURMUKHI BHASHA ME TRANSLATE NHI KIYA THA,BLKI AKAL PURAKH KI BAANI JO GURU SAHIB JI KO AKAL PURAKH JI BHEJTE THE ,WO LIKHA HAI.ISILIYE GURBANI KO 'DHUR KI BAANI' KAHA GYA HAI.
@sunilji1965 ай бұрын
@@LallySandhu-xh6uv ये तो बिल्कुल मोहम्मद और अल्लाह वाली बात हो गई😂😂😂
@MohinderSahni-k5r Жыл бұрын
Swami Dyanand Saraswati (died 1883) who was a leader of the Arya Samaj movement in the 1800s. He emphasized the Vedic ideals of brahmacharya, including celibacy. He opposed untouchability and promoted the Vedas. He wrote a few books in one of which he made some derogatory claims against Guru Nanak and Guru Gobind Singh. The Sikh leaders at that time - Gyani Ditt Singh and Professor Gurmukh Singh of the SIngh Sabha Leher took on him and debated him. He couldn't faced them and ran away from Panjab and never returned back to Panjab. Later one of his followers Lala Daulat Rai would write a book in praise of Guru Gobind Singh titled Mahablee Guru Gobind SIngh Swaney Umri (Life story of the great warrior Guru Gobind Singh) as if to "apologise" for the error of Dyanand. This book was originally written in Urdu but translated into Punjabi as "Sahebay Kmaal Guru Gobind Singh." You are trying to revive what Dyanand said by saying Sikhs have not really understood what Dyanand said about our Gurus. If that is the case - then even Daulat Rai (Dyanand's own chela) did not understand. Btw what is there to misunderstand when Dyananad said "GN did not understand Sanskrit at all" GN wrote banni in Sanskrit which is contained in the SGGS under the title "Salok Seheskrti Mehla 1."
Ab tum logo se bada pakhandi jhuta koun hoga Aaj ka Sikh panth sabse pada pakhandi mat hai
@PawanKumar-wx2ml Жыл бұрын
Sodhi Patshah Shree Guru Gobind Singh ji bare hi shurvir yodha thay.
@darpangorakhpur1699 Жыл бұрын
आचार्य जी, गुरु ग्रंथ साहिब में वेद की प्रशंसा में जो पंक्तियां कही गई हैं कृपया उपलब्ध कराने का कष्ट करें। महती कृपा होगी। 🙏
@Sachin_Khokher Жыл бұрын
गुरु ग्रंथ साहिब मे वेद की प्रशंसा drive.google.com/file/d/1gskJtJvfzZqVdqj8e0aFdyiutCU36M-4/view?usp=drivesdk
@ArvindKumar-d4y7x Жыл бұрын
Ved shaaster kaho mat jhuth,,,jhuth kahe Jo na vichaare
@RSB1439 ай бұрын
Sirf prashnsaa hi hai in murkho ne jaan bhuj kr ulte meaning likh diye Dyanand ne sab kuch chori kiya hai sikh Dharm se
@rajeshpandey38473 күн бұрын
Pura Sikh panth hi copy paste hai Vedic dharam ka 😂
@RPMaurya-i4k Жыл бұрын
Esme har dharm ki burai her ki hai Astyarth prakash hai Ese bina padhe bhee jeevan maje me ji sakte hai
@prashantmuni Жыл бұрын
यदि गहराई से देखा जाए कि स्वामी दयानंद ने कहीं पर भी नानक जी की अपमान जनक टिप्पणी नहीं की है इस विषय पर कोई भी सिख महर्षि से द्वेष रखने वाला सनातन वैदिक धर्म के महत्व को नहीं जानता है।
@surjansingh9161 Жыл бұрын
Sikh aap se jyada gairahi me geye Hain. Brother
@LallySandhu-xh6uv Жыл бұрын
SAHIB SHRI GURU NANAK DEV JI MAHARAJ SAKHSHAT PARBRAHAM PARMESHAR HAIN ,BHASHA KA BRAHAMGYAN SE KYA SAMBANDH HAI?
@ravinderhundal-yr6hk Жыл бұрын
दयानन्द क्या जाने गुरु साहब जी की शिक्षाएं वो खुद भगवान थे साकार रूप में
@RSB1439 ай бұрын
Right...
@ptech9857 Жыл бұрын
🙏🙏
@LallySandhu-xh6uv Жыл бұрын
JAB SAHIB SHRI GURU NANAK DEV JI MAHARAJ SAHIB SHRI GURU GOBIND SINGH SAHIB JI MAHARAJ JI KE BARE ME BAKWAS KRDI TO SEEDHA MTLB HAI KE DAYANAND KO DHELE KI AKL NHI THI ...
@RSB1439 ай бұрын
Exactly.. sikhi to Hindu sanatan ki protection krti hai par Arya samaj to Sanatan ko replace krke khud ko bdaa bnaa dene ki sajish kr rhe hai, ...
@sbsingh7562 Жыл бұрын
वेद पढ़ने से पढ़ंत और रट्टू तोता ब्रा म्हण बनता है।
@vijaydify11 ай бұрын
नानक जी वेदी थे याने की उनके पिता ब्राह्मण थे अपभ्रंश बेदी हुआ
@RSB1439 ай бұрын
Chup kro agyani
@ganeshchandrasuyal3576 Жыл бұрын
🚩🙏🌹
@avtarsingh6618 Жыл бұрын
Ved paap or punn ki vichaar kar te hai ,janam maran ka chakkar khatam nhi kar te Parmatma nirkaar hai Jab vo akar dharan kar ta hai usey guru keh te hai Parmatma ne guru ka roop bnakar hmey shabad ke saath jorra Shabad gurbani parmatma ka nirgun sroop hai
@sunilji1965 ай бұрын
निराकार कभी साकार नही हो सकता।
@sultanlimba4366 Жыл бұрын
आचार्य जी आप की बातें से यह समझ बनी कि आप वेदों के समर्थक हैं और वेदों से आगे कुछ भी नहीं स्वीकारना चाहते हैं। और यही बात दयानंद सरस्वती जी मानते हैं। आपने के कहने का तात्पर्य यह है कि गुरु नानक देव जी ने वेदों का खंडन किया है।यह बात सही है। लेकिन केवल गुरु नानक जी ने ही अकेले वेदों का खंडन नहीं किया है बल्कि जितने भी संत हुए हैं उन सभी ने वेदों का खंडन किया है। जैसे कबीर जी, दादू जी, रविदास जी आदि अनेक।अब इन संतों ने वेदों को क्यों नहीं माना क्योंकि इन संतों ने वेदों से भी आगे का ज्ञान बताया है। वेद केवल ब्रह्म को ही परमसत्ता मानते हैं लेकिन महान संतों ने पारब्रह्म से भी आगे का ज्ञान बताया है। और दयानंद सरस्वती जी केवल वेदों तक ही सीमित रह गए आगे का भेद उन्होंने स्वीकार नहीं किया या फिर उन्हें शायद मालूम नहीं था। इसीलिए उन्होंने नानक आदि संतों के बारे में ये विचार कहे हैं।अब किन किन संतों का खंडन करेंगे। संत तो अनेक हुए हैं जिन्होंने वेदों के ज्ञान को पूर्ण नहीं माना है।उनका कहना है कि वेदों से भी ऊंची और सत्ता है जिसका वेदों के ऋषियों को ज्ञान नहीं था। कबीर साहब ने भी कहा है कि वेद कतएब पार नहीं पावती कहन सुनन से न्यारा । अतः उचित है कि आप पहले कबीर नानक आदि संतों की वाणी का अध्ययन कर लें फिर विचार करें। हमें जरूरत है हठधर्मिता से आगे जाने की । आपने नानक देव जी को धर्म गुरु कहा भी कहा तो मालूम हो कि संत कोई धर्मगुरु नहीं होते और न वे कोई धर्म चलाते हैं। धर्म तो संतों के नाम पर बाद में पैदा हो जाते हैं।संत धर्म जाति देश समाज वर्ग आदि को नहीं मानते हैं। और कई बातें भी आपने कहीं हैं जो सत्य नहीं है। दयानंद सरस्वती जी एक समाज सुधारक भी थे पर संतों को समाजसेवा में कोई रूचि नहीं होती। वेतो सिर्फ आत्मा को परमात्मा से मिलाने के लिए आते हैं। अन्य बातें स्वाभाविक रूप से उनके जीवन में आ जाती हैं।मेरा मानना है कि आपको इस बारे में और ज्यादा अध्ययन की आवश्यकता है।भाई साहब बुरा मत मानना संतों की बात हरएक के समझ में नहीं आती हैं।
@PradeepkumarVerma-nh6nt Жыл бұрын
Jaigurudev sant mat ki jai ho
@ATGstory5 ай бұрын
संतो की वाणी का सदैव सम्मान होना चाहिए ये बात सही है. परन्तु वैदिक ग्रंथो में ब्रह्म सिर्फ ईश्वर को नहीं कहा गया है प्रकृति, वेद, पंच महाभूतो और प्रणव को भी ब्रह्म कहा गया है. और निर्गुण संत परंपरा के महान संत जिनको संतमत कहते है उनमे कबीर साहब ने वेद और हिन्दू देवताओं का खंडन किया है. पर ब्रह्म का नहीं कबीर ने अपनी कई वाणी में ब्रह्म और जीव की एकता को स्वीकार किया है.और संत कबीर के कबीर सागर में कई जगह सत पुरुष साहेब को आदि ब्रह्म कहा गया है. इसी तरह गुरूजी नानक जी ने भी ब्रह्म का खंडन नहीं किया है न अन्य सिख गुरूजी ने न ही दादू दयाल जी ने न ही संत गरीबदास जी ने. न संत रविदास जी ने यहाँ गौर करने लायक बात ये है की इस पुरे संतमत का आधार संत कबीर साहेब का अनुराग सागर ग्रन्थ है. जो की कबीर सागर का भाग है. वेद का खंडन इन संतो ने इसीलिए किया था क्युकी उस समय वेदार्थ करने की प्राचीन प्रणाली नष्ट हो चुकी थी और वेदो के नाम पर कर्मकांड और उसके नाम पर आडम्बर . जातिवाद ही था. और दूसरा कारण ये भी हो सकता है की जैसे की उदहारण के तोर पर कबीर साहेब ने कभी कोई वाणी नहीं लिखी वह कहते थे और उनके भक्त लिखते थे. तो ऐसा हो सकता है की उनके ग्रंथो को कुछ विस्तार उनके शिष्यों ने दें दिया हो शायद. कारण बहुत हो सकते है. मगर ये भी सच है उनके लिए जो सनातन धर्म को मानते है की वेद ईश्वरीय ग्रन्थ है. इनमे लिखी संस्कृत पद कई जगह लौकिक नहीं है. इसीलिए इनको समझना भी सरल नहीं है. यही महान सन्देश दयानन्द सरस्वती ने भारत को दिया था. रही बात ब्रह्म से आगे के ज्ञान की तो ब्रह्म शब्द अनेकार्थक है पर जब ये ईश्वर के लिए कहाँ जाता है तो इसका अर्थ ही है सर्वोपरि विराजमान सबसे बड़ा इसलिए गुरू कबीर साहब अपने सन्देश कबीर सागर में अमर मूल में आदि ब्रह्म को मूल तत्त्व के रूप में वर्णन किया है. हा फिर भी कुछ कबीर पंथी और राधा स्वामी वाले ब्रह्म से आगे के ज्ञान की बात कहते है तो ये इस बात पर भी निर्भर करता है की कौन किस तत्त्व को किस नाम से परिभाषित कर रहा है. आगे सभी का सम्मान है सब को प्रणाम है 🙏🏻
@surjansingh9161 Жыл бұрын
Please don't ignore oneness (ek onkar)of Moolmatr of Guru granth Sahib as described by Sh. Guru Nanak Dev Ji . You are explaining the moolmatr by ignoring the oneness of onkar/omkar. Please include ek onkar . Thanks
@ianwright2848 Жыл бұрын
जय सेपरेट दलितस्थान...दलित आदिवासी की जनसंक्या २० % है तो दलित आदिवासी इंडिया की २०% जमीन पर अपना स्वतंत्र दलितस्थान बनायेंगे...और हर दलित आदिवासी को गन लाइसेंस भी दिया जाएगा ताकि वो अपनी जमीन प्रोटेक्ट कर सके...जो करना है तुमको तो करलो ...अब कोई नहीं रुकेगा. जय खुनी क्रान्ति..
@soniakainth4827 Жыл бұрын
10 saroj WALA.RAWWN HOBE 10 GUNDA GHANTALA YAH DASHMESH HOBE SAR JATA KUTTA HINSAK DANAV HOBE MOHAMMAD ULAT DAM MAH OM ALOH ULAT LOOSAR RASOOL ULAT HOLA MOHALLA ULAT ALLAH OM ALOH ULAT SARAB ALOH ULAT HOLA BARAS ULAT SARAB ALOH ULAT KUTTA MALAK KA KHELA ALLWH KA MULLA JAAT JAT JATTA AKAL MOT KA SIKHA JAAT JAT JATTSUNNI JAAT SUNNY DEOL PA JI WALA JAAT JATTA JAAT TAAJ MWHWL KA MAKBARA MUBARAK YWH KUTIYA JAAT JAT JATTA MAULA.JAAT MULLAT JAT JATTA SANAM ULAT MANAS ULAT SANAM ULAT MANAS ULAT SANAM ULAT MANAS ULAT SANAM ULAT MANAS ULAT SANAM ULAT MANAS ULAT SANAM ULAT MANAS BAHUT PYAR KARTE HAIN TUM.KO SANWM NWGAR KI VADHU RANDI RADHA NAGAR VADHU SHAKUNTALWM BUDHA BHU DANABWBA SAAB BHEEM RAO BHU DANQV RAO RAO TAOISM AGDA SAMWJ GAON KA JALLAD JAGIRDra Is ka yahan BEGUM JAWN GARIB KA BAHU BEGI KHATOON KHOTA KHOTI MAZDURA YWHWN WAHWN MAZLUMA.YWHWN WAHWN JAGAO SANATWN SUNNAT KA GULQMQ JAGAO LALLAH ALLAH KA GULAMA JAGAO JQGAO BRAHAMA ABRAHAM KA GULAMA ALLAH ULAT HALLA YAHI HALLAL KYA LALLAH KA L CHILAYA ALLAH BANAYA ISLAMIK HO ISAI HO GAYA NA PURA JHWDU LQGAYA JA RAHA NAANAK NISHAN SHAITAN KA CHADE SO UTRE DOJAKH KI AAG MAH OM ALOH ULAT NAANAK ULAT KANAAN YA CANAAN JO YERRUSLAM KA PROMSE LAND LINE WITH ME ON RAMALLA CITY JERUSALEM WALI TALWAR YWNI SHIYA VAISHYA ISLWM.KA.PAAK MWHINA RAMJAAN ULAT NAAJ MAR ULAT RAM JAAN ULAT NAAJ MAR ULAT RAM SANAM ULAT MANAS ULAT SANAM ULAT MANAS ULAT SANAM ULAT MANAS
@kamalaprasadtiwari8641 Жыл бұрын
आचार्य जी मुझे बेद चाहिए जीनका अनुवाद हिन्दी में हो और कैसे मिलेगा उसका पूरा बिवरण दें
@surendarsinghfalodya6140 Жыл бұрын
भाई आचार्य जी आप झूठ बोल रहे हैं सबसे पहले तो आपको बोलने की तमीज नहीं आप सिख धर्म के पांच काकरो को मकर कह रहे हैं आपको अधूरा ज्ञान है सिख धर्म के गुरु ग्रंथ साहिब में या किसी भी धार्मिक पुस्तक में यह नहीं लिख के ब्रह्म मर गया नहीं आपको गुरबाणी के श्लोक शुद्ध उच्चारण करने आ रहे हैं आर्य समाज आर्य समाज के सत्यार्थ प्रकाश में केवल सिख गुरुओं की बुराई नहीं बल्कि इस सत्यार्थ प्रकाश में कबीर जी की भी बुराई लिखी है और हिंदू देवी देवताओं की भी बुराई लिखी है दयानंद सरस्वती गुजरात के सौराष्ट्र प्रांत के ग्राम टंकारा तहसील मोरबी जिला राजकोट का मूल शंकर नाम का ब्राह्मण जो अति पिछड़े दलित आदिवासी लोगों से नफरत करता था यदि मैं कहूं दयानंद सरस्वती की मृत्यु कैसे हुई थी तो सारी दुनिया जानती है उनके मृत्यु कैसे हुई मगर मुझे शोभा नहीं देता किसी भी धर्म के धर्मगुरु के बारे में कुछ गलत बोलना हां यदि गुरु गोविंद सिंह ना होते तो यह दयानंद सरस्वती भी ना होता इतना जरूर होता दयानंद की जगह यह दाऊद खान होता आप कह रहे हैं कि गुरु नानक गुरु गोविंद सिंह और दयानंद सरस्वती एक जैसे हैं दयानंद सरस्वती गुरु नानक और गुरु गोबिंद सिंह के बराबर कैसे हो सकता है गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज सनातन संस्कृति हिंदू धर्म और भारत को बचाने के लिए अपने चार बेटों का बलिदान दिया अपने पिता गुरु तेग बहादुर का बलिदान दिया अपने माता माता गुजरी जी का बलिदान दिया अपने हजारों सिखों का बलिदान दिया आप बताइए कितने आर्य समाज के लोगों का बलिदान मुगल शासको के सामने या अंग्रेज शासको के सामने दयानंद सरस्वती कितने आर्य समाजओ का बलिदान दिया दयानंद सरस्वती गुरु गोबिंद सिंह जी की भाती अपने कितने बेटों को दीवारों में चुनवा कर शहीद क्या दयानंद सरस्वती के पिताजी ने गुरु गोबिंद सिंह जी के पिताजी गुरु तेग बहादुर की तरह देश के लिए अपना सर कटवाया ना कहो तब की ना कहो जबकि बात कहूं मैं अब की अगर ना होते गुरु गोविंद सिंह तो सुन्नत होती तुम किसी सबसी सिख धर्म के लोग गुरु ग्रंथ साहिब को भगवान नहीं अपना गुरु मानते हैं भगवान तो सिख लोग श्री अकाल पूरक निरंकार को मानते हैं गुरु ग्रंथ साहिब को अपना गुरु ही मानते हैं मगर हस सिख धर्म के लोगों के लिए गुरु ग्रंथ साहिब ही सब कुछ है गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश गुरुद्वारा साहब में होता है और हर गुरुद्वारे में भूकंप के लिए रोटी मिलती है 24 घंटे लंगर चलता है आप बताइए आपके आर्य समाज के मंदिर में कितने आर्य समाज के मंदिरों में भूखे लोगों को भोजन मिलता है आप गुरु ग्रंथ साहिब की तुलना सत्यार्थ प्रकाश जीजा स्वामी दयानंद सरस्वती से कैसे कर सकते हैं जहां हर गुरुद्वारे में लाखों लोग भूखे अपने पेट की भूख लगा रूपी भोजन खाकर बुझाते हैं वही किसी आर्य समाज मंदिर में एक गिलास किसी को पानी भी नहीं मिलता जब देवी आपदा आती है चाहे करोना कॉल हो या कहीं बाढ़ सूखा गुरु नानक गुरु गोबिंद सिंह के सिख भाई आगे आते हैं आपके आर्य समाज लोगों को तो कहीं भी आगे आता नहीं देखा मेरा परिवार भी पहले आर्य समाज को मानता था बहुत यज्ञ करता था मगर हमने सिख धर्म में अच्छाई अच्छी और गुरुद्वारों में मानवता देखें तब हम भी गुरु गोविंद सिंह के सिख बन गए मैं तो कहता हूक्शुद्ध हिंदू सिख ही है सिख धर्म में बलिदानी के किस्से लाखों की संख्या में भरे हुए हैं जबकि आर्य समाज में एक भी कोई बलिदानी नहीं है आपको बिल्कुल भी गुरु ग्रंथ साहिब की गुरु वाणी का ज्ञान नहीं है नहीं आप शुद्ध श्लोक का उच्चारण कर रहे अधूरा ज्ञान मत दीजिए गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज एहसान बानो की उन्होंने अपना सब कुछ परिवार बलिदान करके देश धर्म को बचाया अगर गुरु गोविंद सिंह ना होते तो नाही दयानंद सरस्वती होता और ना ही आर्य समाज होता आपके अधूरे ज्ञान का जवाब दिया है यदि आपको बुरा लगे और आपका दिल दुखी तो क्षमा चाहता हूं
@JaswantSingh-xw2hp Жыл бұрын
JE KOEE KAHE SANT KO CHEENA (TULSI)HAATH KAN PAR DEENA(TULSI JI)
@RSB1439 ай бұрын
Right
@dineshdua2687 Жыл бұрын
यदि स्वामी दयानंद सरस्वती जी गुरुग्रंथ साहिब के पूर्व या सम होते तो स्वामी दयानंद सरस्वती के उपदेश गुरुग्रंथ साहिब में अवश्य शामिल होते.. यह मेरा निजी मत है कृप्या अन्यथा ना लें..
@RSB1439 ай бұрын
Kbhi nhi ye to fit hota hi nhi naa rishi naa gyani ye murakh hai
@JiyanandMudgal Жыл бұрын
क्या कभी तुम लोगो ने विचार किया की जिन महापुरुषों की तुम निंदा करते हो उन्होंने कौन सा ज्ञान कराया लोगों को। जिससे लोग उनके अनुयाई बने लोग बेवकूफ नहीं थे की उनको गुरु बनाया निंदा करके तुम क्या शिक्षा देना चाहते हो समाज को की लोग भी तुम्हारी तरह दूसरो की निंदा करे
@sbsaraswati9871 Жыл бұрын
मूर्ति पूजा के बारे में ऋषि मुनियों के साथ भगवान राम और भगवान कृष्ण आदि शंकराचार्य तक प्रमाण है उसे ना मान कर दयानंद के पूछ पकड़ कर चलने वालों क्या अंधविश्वासी नहीं?
Sach ko pehchannne k liye bohot patience aur dimag chahiye....aur issko log nahi Jaan pate.
@PrakashTamore-f4d7 ай бұрын
महाराष्ट्र के नट श्रीराम लागू ऐसी गलती करते थे खुद नासिक थे और वेद के बारे मे यने ईश्वर को नही मानते
@PrakashTamore-f4d7 ай бұрын
24:18
@sadhanasadhana4648 Жыл бұрын
Did Dayanand ji know Guru Nanak dev ji and his aim of coming in this world? The words He used were in Punjabi language.
@JaskaranSingh-ix1vv5 ай бұрын
एक मूर्खानंद को गुरु नानक देव जी तुल्य कैसे बता सकते हो।वेद के बारे बिल्कुल सही कहा है गुरु नानक देव जी ने।साध की महिमा वेद न जाने बाकी पंक्ति मन गढ़त है यानी झूठ लिखा मेरा चैलेंज है आर्य समाज को दूसरी पंक्ति गुरु ग्रंथ साहिब में ढूंढ के दें।मैं निर्मला हूं मूर्खानंद को निर्मले संत ही चैलेंज करते रहें हैं।वो भाग जाता था भागे भी क्यूं ना मूर्खानंद जो ठहरा । मूर्खानंद नाम महर्षि ओशो ने दिया है । महर्षि मूर्खानंद नही ओशो हैं। वो कहते थे तुम नाराज मत होना तेरे बस की बात नहीं है।
@MohinderSahni-k5r Жыл бұрын
Please note Guru Nanak never condemned any religious book what to talk of Vedas. He only questioned validity of futile rituals. Guru Nanak was well versed in Sanskrit and there are some Sanskrit shabad of his in SGGS so please don't mislead people. Guru Nanak says bhulan andhar sabhko abhul guru kartar - other than God anyone can make mistake. Therefore, did God made a mistake that after creation of human being, he had to write a book and that too in sanskrit while depriving others. Guru Nanak says original and authentic Vedas are written in the conscience of all beings and in the language he speaks and understand, ' hukam rajaiee chalna nanak likhiya naal' - follow laws of nature which are written within each and every beings. Further when God has given freewill to everyone one cannot impose his ideology on other by saying ‘My way is high way’.So Sri Guru Nanak Ji Maharaj started to give spiritual knowledge in people own language which was widely used in public. I think about 13 languages including sankrit are used in Sri Guru Granth Sahib Ji .
@CreativeVlog623 Жыл бұрын
Ved puran kuran pukarn pothian naam bina sab kood gali hoshian BHAAV ..VED PURAN KURAN AUR PARCHALLT POTHIAN PUKAR PUKAR KAR KEH RHI HE KE PARMATMA KE NAAM BINA SAB JHOOTH HE ISME VED KI KAHAAN BEADBI HUI
@harjitsingh9002 Жыл бұрын
Swami ji from Gujrat. he didn't know in Punjabi language we use word (BHOW) ਭਉ for frear.There are so many languages in india.How you can say every word is equal meaning in other language.
@RSB1439 ай бұрын
Inka koi bdaa ilaj krne ki jrurat hai
@dsjangir6644 Жыл бұрын
Acharya Ankit Prabhakar ji nameskar. Aap Acha Kam Kar Rahe h. In logone bahut kurbani di h Hindustan or Hindustan ki janta ke liya. Lakin apne AK bat sahi nahi ki, ki panch kaka nahi hone chahia chahiya
@LallySandhu-xh6uv9 ай бұрын
SIKH MAT NHI SIKH DHARAM,AGAR DHARAM KI PARIBHASHA DEKHO,USKE ANUSAR SIKH IK DHARAM HAI,PATH POOJA,BELIEF,GRANTH,NISHAN SAHIB SAB HAI.GURBANI KI KNOWLEDGE NHI THI DAYANAND KO .
@aryayashwantmehta Жыл бұрын
Mansa Devi guru gobind das bihari ji ki kuldevi k 8 haath hain... unmein 5 haath mein 5 hathiyar.... khalsa kshatriy ko 5 hathiyar ka adhikar diya...5 kakaar angrezon ka shadyantr hai
@Mandeepsandhu947 Жыл бұрын
Shri maan g apko kisi baat ka koi gyaan nhi hai aap logo ko gumraah mat kro....rhi baat shri guru gobind singh ji ki agr weh na hote toh apka dyanand bhi na hota
@sunilji1965 ай бұрын
ये क्या निराधार बात बोली है। ऐसे तो मैं भी बोल सकता हु की अगर सनातनी ना होते तो सिख गुरु गोबिंद सिंह पैदा ही नही होते।
@saritathapar6164 Жыл бұрын
Aisa to ho hi nahi sakta.
@LallySandhu-xh6uv Жыл бұрын
DAYANAND KOI RISHI NHI THA,JO BAKWAS USNE KI ,USKO TUM DEFEND MAT KRO ,USKO KHUD KO AKL NHI THI ...
@jagjitlali6363 Жыл бұрын
batay he nahi, maa ,baap be balidan kiya, guru gobind singh ji nay.
@RSB1439 ай бұрын
In murkho kaa koi bdaa illaj krne ki jrurat hai
@georgevid6570 Жыл бұрын
Please prove Vedas are from God.
@vijaydify11 ай бұрын
क्या श्रीराम कृष्ण जी गृहस्थी नहीं थे क्या और जो महान ऋषी हुए सब वे भी तो गृहस्थ थे ना
@avtaarrooprai3282 Жыл бұрын
Aaj tum Dayanand ki baat kartay ho wo waqt bhool gaye jab aourngzeb aap kokaat raha tha agar Sikh guru na hotay toh Dayanand ke saath aap sab 5 waqt ki namaaz pad rahe hotay kisi ke saath toh bafa daar bani guru ka apmaan kar ke aap apna he apmaan karo ge jayda gyaan ke ahnkaar se niklo jis ne pura y pariwaar ka balidaan kar diya Dayananda ki taareef ke liye nahi kiya apna dharm samaj kar kiya asli hindu toh Sikh hain Sarhind ja kar dekh lena sikkh wo hain jin o ne sawalaakh se ek ko sach main ladwaya hai aur kabhi zarurat Ladi toh aaj bhi aur kal bhi Sikh zulm ke kheelaaf takk da jaye ge fir bhale he wo koi bhi dharm ho q ki ahnkaar ka koi dharm nahi hota
@pkpandey4775 Жыл бұрын
साँच को आँच नहीं
@GyanmatiGupta-co4yx Жыл бұрын
आत्मा मां के गर्भ में कब प्रवेश करती है कौन से महीने में प्रवेश करती है
@bdahirwar9352 Жыл бұрын
achary ji , Jain, budh, Sikh, bharteey isai, bharteey musalman, ye sab , ved, aur sanatan se , bahar alag dharm, ya panth me kyon gaye. tatha abhi bhi kyon doosre dharmo me ja rahe hai.
@LallySandhu-xh6uv9 ай бұрын
RISHI DAYANAND NE KOI SIDHAANT NAHI BNAYA,WO VEDIC SIDHAANT KI BHI SAHI VYAKHYA NHI KR SKE .
@sandhusaabsaab8856 Жыл бұрын
Sikh n hota to ky dayand etni bat likhta nhi ur rehi bat kakar ke hm apne kakar kyu kahtmkere
@LallySandhu-xh6uv9 ай бұрын
GURU SAHIB JI TUMHARE DAYANAND KI TRAH DOGLI BAAT NHI KRTE THE ,HAR BAAT SEEDHI SEEDHI,SAAF SAAF THOK KR KI HAI.
@kushankkumaryadav9477 Жыл бұрын
Aacharya ji Hindi samaj kaun hai aur jhule ka Lal College ke bare mein
@kushankkumaryadav9477 Жыл бұрын
Aacharya ji Sindhi samaj kaun hai aur jhulelal Kaun hai iske bare mein kripya bataiye
@nkmeena1249 Жыл бұрын
प्रत्येक संत और आचार्य का खंडन करना भी उचित नहीं है
@RSB1439 ай бұрын
@user-hk2fk6wg7qtum log murakh hoo kon hai ye muttanand isko certificate dene kaa hak kisne diya
@RSB1439 ай бұрын
@user-hk2fk6wg7q 😂🤣😁😅😆 dhmki namazi hoo .....kya
@RSB1439 ай бұрын
@user-hk2fk6wg7q aur Haa jail to Arya samaj ke us dyanand murkh ho honi cahiye.... jisne juth bol bol kr sabi santo , avtaro, Grantho ki ninda ki hai
@RSB1439 ай бұрын
@user-hk2fk6wg7q bhej de mene to sach likha hai Arya samaj ki Saba ko bolna phale apne rishi ki gaaliya dene wali baate dekh lee .... Dongi tha, Dhrut, aur Murakh bhi tha ... isme kya shak hai
@RSB1439 ай бұрын
@user-hk2fk6wg7q ninda nhi juth bol raha hai tumhara rishi, aur galiya hi to de raha hai jis level tak ki galiya kisi kitab me likh saktaa hai us se uper ki kya kitab me likhega ... ab Ye sab Dhrut taa aur Dongi hona nhi to aur kya Hai... Hum prove kr sakte hai ki ye jo likha hai vo sab Dhurt taa, murakhta aur Dogi giri Hai ....
@birranson88813 ай бұрын
Derpoke ka apna koi smmaan nahi wog Gurus ka kya apmaan kereyga. Sorry.
@khairagyani Жыл бұрын
mr. Braber nhi.ek Smaj bnana' aur baat hai aur desh me ek nya 4tha dharam khara karke chala dena aur baat hai.unka kaddh dekhna ho to india get jao shahidon ke naam ginke aao.fir brabri ki samiksha karna.mughal hakoomat ko pata tha agar guru teg bahdur ji ko musalmaan bana liya to desh ke sab sikh aur bhari ginti me hindu musalmaan dharm grahan kar lenge.tum kisi ke dharam me teeka tippni mat karo.tumra arya samaj tumhe mubarak.