मां के न होने की संवेदनाएं कविता में फूट पड़ी....... बढ़िया इंटरव्यू...जीवन के रंगों को ग़ज़लों में लाना जीवन और ग़ज़ल दोनों की ज़रूरत है..
@pallavipatel953919 күн бұрын
सौम्य साक्षात्कार सर👏
@anjunigam650119 күн бұрын
नयी पीढ़ी के लिए बहुत सुन्दर बात कही। सुलझी हुए ,गुढ़ विचार
@gulshansharma465019 күн бұрын
अति सुंदर🎉
@manganmishramarttand277218 күн бұрын
महत्वपूर्ण वार्ता, बधाई आप दोनों को।
@dr.nidhimishra781419 күн бұрын
बहुत ही सुंदर साक्षात्कार। आप दोनों ही दिग्गजों को सादर प्रणाम 🙏
@rameshgautam127519 күн бұрын
शानदार साक्षात्कार। आपने सिया जी के सृजन पर विस्तृत बातचीत की।
@atulmishra728519 күн бұрын
बहुत सुंदर
@jagdishchauhan667419 күн бұрын
बहुत ज्ञानवर्धक संवाद।
@poonamahuja522017 күн бұрын
शब्द संवाद एक बहुत ही सुंदर प्रयास है योग्य साहित्यकारों को हम सब से परिचित करवाने के लिए। सिया जी का इंटरव्यू बहुत ही यथार्थवादी एवं संवेदना से पूर्ण था। वियोगी होगा पहला कवि आह से उपजा होगा गान। कल्पना का बाजारीकरण साहित्य के लिए एक अति दुखद अनुभूति है।
@almamateralumni19 күн бұрын
Bahot hi Shaandaar ❤❤❤❤❤❤
@chayaagarwal196719 күн бұрын
सिया हमारे बरेली का गौरव है, 'शब्द संवाद' के साथ लवलेश को बहुत शुभकामनाएं