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उपमंडल रोहडू के दलगांव में आयोजित भूंडा में बेड़ा सुरत राम ने पवित्र घास से बने रस्से पर बैठकर साढ़े सौ फट गहरी खाई को देवता बकरालू के आशीर्वाद से पार कर दिया है। आयोजन स्थल के चारोंओर देवता के जयकारे लगने लगे। हजारो लोगों के सामने भुंडा संपन्न हो गया। उसकी की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए थे। रस्से के निचे जाली लगाई गई थी। इस मौके मंदिर के आस पास हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जुटी थी। इस बीच परंपारिक वेशभूषा में नृत्य करते खूंद आकर्षण का केंद्र बने रहे। 4 जनवरी 2025 की शाम करीब छह बजे चंद पलों के भीतर बेडा सुरत राम को आयोजन स्थल तक पहुंचाया गया। उसे लकड़ी की काठी पर बिठाया गया । ऊपर वाले छोर पर सुरत राम करीब तीन सौ फुट नीचे दूसरे छोर में उसका पूरा परिवार इंतजार में था। तीन मिनट में सुरत राम को सकुशल रस्से के सहारे नीचे उतारा गया। रस्से पर सकुशल उतरने के बाद सुरम राम को लोगों ने कंधे पर उठाकर देवता के मंदिर तक पहुंचाया। लोगों ने उसे भेंट के तौर पर नकदी भी दी। अनुष्ठान में रस्से को बांधने और लाने की भूमिका बजरेट कोटी के ठाकुर व देवता महेश्वर के देवलुओं ने निभाई। इससे पहले दिन अनुष्ठान के लिए पवित्र घास से बने रस्से को गांव के समीप पास नाले में पानी के बीच रखा गया। सैकड़ों लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ रस्से को कंधे पर उठाकर नाले तक पहुंचाया। रात भर स्पैल क्षेत्र के लोगों ने तलवारों के साथ कड़े पहरे में रखा।