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Hyundai cars starting problem | Ignition coil wiring Diagram explain.
कार इग्निशन कॉइल वायरिंग को समझने के लिए, सबसे पहले इग्निशन सिस्टम का बुनियादी कार्य जानना जरूरी है। इग्निशन कॉइल कार के इंजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि यह बैटरी से आने वाली लो-वोल्टेज को हाई-वोल्टेज में बदलकर स्पार्क प्लग तक पहुंचाती है, जिससे इंजन स्टार्ट होता है।
यहाँ इग्निशन कॉइल वायरिंग की जानकारी दी जा रही है:
इग्निशन कॉइल के मुख्य घटक:
प्राइमरी कॉइल (Primary Coil): लो-वोल्टेज सर्किट के लिए होता है।
सेकेंडरी कॉइल (Secondary Coil): हाई-वोल्टेज सर्किट के लिए होता है।
इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU): यह इग्निशन टाइमिंग को नियंत्रित करता है।
इग्निशन कॉइल वायरिंग प्रक्रिया:
बैटरी से पॉजिटिव वायर (Positive Wire from Battery): बैटरी से एक वायर इग्निशन स्विच तक जाता है और फिर से इग्निशन कॉइल के प्राइमरी टर्मिनल (+) से जुड़ता है।
इग्निशन स्विच से ग्राउंडिंग (Grounding from Ignition Switch): ग्राउंडिंग वायर इग्निशन स्विच से होते हुए कॉइल के नेगेटिव टर्मिनल (-) से जुड़ता है।
इग्निशन मॉड्यूल (Ignition Module): यह मॉड्यूल इग्निशन कॉइल के साथ जुड़ा होता है, जो इलेक्ट्रॉनिक स्पार्क कंट्रोल करता है। यह प्राइमरी कॉइल के नेगेटिव साइड को कंट्रोल करता है ताकि कॉइल में करंट का प्रवाह समयानुसार कट सके और हाई-वोल्टेज उत्पन्न हो सके।
स्पार्क प्लग कनेक्शन (Connection to Spark Plug): सेकेंडरी कॉइल से निकलने वाला हाई-वोल्टेज वायर सीधे स्पार्क प्लग से जुड़ता है, जो सिलिंडर के अंदर स्पार्क उत्पन्न करता है और इंजन शुरू करता है। #hyundai #youtube #exter #thecarshow #exter2024 #overheating #shirtsfeed #shortfeed #subscribe