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Eternal Hospital humbly pays respect to the one who gave a part of himself/herself so that others can live. Their gift represents the highest form of generosity and compassion for others.
A patient who underwent heart transplant shares his experience while leading a normal life.
"अंगदान महादान का अनंत स्वरूप"
अंगदाता के जज्बे को कुछ पंक्तियों में एटर्नल हॉस्पिटल की को - चेयरपर्सन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर मिसिज़ मंजू शर्मा ने कुछ इस प्रकार उतारा है -
तेरे वंश का ही अंश हूँ मैं,
तेरे वंश का ही अंश हूँ मै।
अस्तित्व से अनंत हूँ मैं,
अस्तित्व से अनंत हूँ मैं।
जीवन पथ पर कुछ कर जाऊं,
पद चिन्ह मैं अपने छोड़ जाऊ।
तुझ संग नही तो किसी और संग ही जी जाऊं मैं।
दानवीर कर्ण नही मैं,
महादानवीर बन जाऊं।।