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Episode Description : मोहल्ले के झगड़े की आवाज़ सुनकर चचा नीचे आए तो देखा कि मजमा लगा है। बोले, "अरे भई क्या मामला हो गया" एक साहब ने कहा, "अरे कुछ नहीं, मामला सुलट गया है" चचा बोले, "मगर फिर भी, ग़लती किसकी थी, ज़्यादती किसने की, कुछ तो बताइये" बात उनको फिर बताई गयी और इसी बताने-बताने में गली में फिर से लाठी-डंडे चलने लगे। सुनिए इम्तियाज़ अली ताज की कहानी - चचा छक्कन स्टोरीबॉक्स में.
Show Description: Jamshed Qamar Siddiqui narrates the stories of human relationships every week that take the listener on a rollercoaster of emotions, love, and laughter. Stories are written by Jamshed and by his fellow writers that talk about the various colors of life conflicts from father-son relationships to love triangle. Stories that let you be someone else for some time to see this world from a different angle.
जमशेद क़मर सिद्दीकी के साथ चलिए कहानियों की उन सजीली गलियों में जहां हर नुक्कड़ पर एक नया किरदार है, नए क़िस्से, नए एहसास के साथ. ये कहानियां आपको कभी हसाएंगी, कभी रुलाएंगी और कभी गुदगुदाएंगी भी. चलिए, गुज़रे वक्त की यादों को कहानियों में फिर जीते हैं, नए की तरफ बढ़ते हुए पुराने को समेटते हैं. सुनते हैं ज़िंदगी के चटख रंगों में रंगी, इंसानी रिश्तों के नर्म और नुकीले एहसास की कहानियां, हर इतवार, स्टोरीबॉक्स में.