सुप्रीम कोर्ट की आलोचना पर जज साहब गुस्सा! | Supreme Court rejects criticism on summer vacation| CJI

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Пікірлер: 1 400
@chefpradeepkumar
@chefpradeepkumar 5 ай бұрын
अगर भारत की जनता से सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ वोटिंग कराया जाए। 90% जनता सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ वोट करेगी।
@MAHENDRAPATEL-xh6td
@MAHENDRAPATEL-xh6td 5 ай бұрын
एक बार सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ भी आंदोलन करना पड़ेगा
@chefpradeepkumar
@chefpradeepkumar 5 ай бұрын
पहले तो सुप्रीम कोर्ट को ही बंद कर देना चाहिए जो फैसला होगा। सिर्फ स्टेट के हाईकोर्ट में होगा।
@pksharma6956
@pksharma6956 3 ай бұрын
माननीय न्यायालय को गहन आत्ममंथन की आवश्यकता है!
@shekhawatps2381
@shekhawatps2381 5 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट सिर्फ दो वकीलों के लिए चलता एक अभिषेक मनु सिंघवी और दूसरा कपिल सिब्बल
@ShailendraKumar-pc2bv
@ShailendraKumar-pc2bv 5 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट केवल न्याययिक व्यवस्था में ही सुप्रीम हैं। उन्हें समझना चाहिए कि संविधान से बाहर जाकर वह आम आदमी से अधिक कुछ नहीं हैं।
@vardhamanproperties5693
@vardhamanproperties5693 5 ай бұрын
जजों को प्रोपर्टी घोषित करना चाहिए।
@chefpradeepkumar
@chefpradeepkumar 5 ай бұрын
अगर सुप्रीम कोर्ट के जजों को लगता है, काम ज्यादा है तो रिजाइन देकर चले जाना चाहिए।
@satishpatole1983
@satishpatole1983 4 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट की संख्या बढ़ाइए, १४०करोड़ जनता के लिए एक ही सुप्रीम कोर्ट काफी नहीं है, और लोकतांत्रिक चुनाव से जज की नियुक्ति होनी चाहिए।
@shrikrishnafansalkar8446
@shrikrishnafansalkar8446 5 ай бұрын
आपने बताया की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश गुस्साए। उन्हे यह भी समझना चाहिए की भारतीय नागरिक सुप्रीम कोर्ट की कार्यशीली से बहुत गुस्साए है।
@NILAMANIL
@NILAMANIL 5 ай бұрын
जब प्रधानमंत्री की आलोचना सड़क छाप लोग करे तो अभिव्यक्ति की आज़ादी और मनमाने फ़ैसले लेने, कोलोजियम से भाई भतीजाबाद और अपने एसेट्स की घोषणा न करने पर आलोचना तो जज साहब सॉरी माय लार्ड को ग़ुस्सा । कमाल है साहब हाइपोक्रेसी की ।
@bhaskarbhattacharjee-pn1qo
@bhaskarbhattacharjee-pn1qo 5 ай бұрын
एकदम सही बात
@drramjigupta58
@drramjigupta58 5 ай бұрын
ठीक कहा
@ramashankarjaiswal3123
@ramashankarjaiswal3123 5 ай бұрын
Bahut sahi
@roshanpatel9810
@roshanpatel9810 5 ай бұрын
सर्वथा सत्य वचन है आपका ।
@jagannathkaushal8423
@jagannathkaushal8423 5 ай бұрын
बिल्कुल सही।
@RakeshSingh-hq9nk
@RakeshSingh-hq9nk 5 ай бұрын
खुजली जैसे लोगों और सिंघवी, सिब्बल जैसे वकीलों की वजह से सुप्रीम कोर्ट एकदम बेशर्म हो गया है सुप्रीम कोठी की विश्वसनीयता गर्त में चली गई है
@manishsinghtomar9241
@manishsinghtomar9241 5 ай бұрын
सुप्रीम कोठा को जनता के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए । छुट्टियों को ले कर कोठा को अपना जवाब देना चाहिए । पुणे केस में कोठा की वर्किंग स्टाइल भी पता चल गई है । केजरीवाल के केस में भी कोठा अपना व्यवहार दिखा चुका है । corruptSKotha
@drumesh895
@drumesh895 5 ай бұрын
SC में ज्यादा सुविधाएं हैं, अंग्रेजो ने गर्मी सर्दी से बचने के लिए अवकाश रखे थे, अब न्यायालयों, घरों व गाड़ियों में AC लगे हैं, फिर गर्मी सर्दी की छुट्टियां क्यों?
@sushilkumarsingh6527
@sushilkumarsingh6527 5 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट की और भी कड़ी भरतसना करना चाहिए क्यों की ये महा भ्रस्ट और बेईमान है
@anupamvijay8154
@anupamvijay8154 5 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट कि जवाबदेही बनती है देश कि जनता के सामने। किसी भी कैसे या प्रश्न के लिए नहीं कह सकता कि यह हमारी मर्जी है।
@satyaprakashjaiswal6785
@satyaprakashjaiswal6785 5 ай бұрын
आप सुप्रीम कोर्ट केवल आलोचना के ही काबिल रह गया है जिस प्रकार से यह राजनीतिक मोहरा बना हुआ है यह देश के लिए अच्छा नहीं है सुप्रीम कोर्ट के विरुद्ध भी एक लड़ाई लड़नी होगी
@sheshnarayanshukla164
@sheshnarayanshukla164 5 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट के पास अक्ल जरूर है क्योंकि न्याय देना होता है पर शर्म बिल्कुल नही है क्योंकि दिमाग के जिस हिस्से में शर्म होता है उस जगह सुप्रीम कोर्ट के दिमाग में अहंकार भरा हुआ है
@snpdca
@snpdca 5 ай бұрын
अक्लमंद मूर्ख भरे पड़े हैं सुप्रीम कोर्ट में।
@PrakashPatel-iq1rc
@PrakashPatel-iq1rc 5 ай бұрын
SUPREME COURT JUDGES ARE CORRUPT, COWARDS, BRAINLESS, ANTI-NATIONAL, DRUGGIST, TERRORISTS, NONSENSE ANIMALS.
@srivastavamohan
@srivastavamohan 5 ай бұрын
सूचना के अधिकार के तहत माननीय न्यायाधीशों को भी लाना चाहिए। कॉलेजियम सिस्टम हटाकर नियुक्तियां योग्यता के आधार पर होना चाहिए। अब भारत के लोगों का भारतीय न्याय व्यवस्था पर से विश्वास उठ रहा है।
@visheanathtiwari7961
@visheanathtiwari7961 5 ай бұрын
बहुमत से चुने हुए प्रधानमंत्री को गाली देने वाले को जमानत दे दें गे यदि कोई इन पर टिप्पणी करेगा तो नाराज़ हो जाएं गेम।
@mukteshkumar3410
@mukteshkumar3410 5 ай бұрын
जज बनने के लिए भी यूपीएससी के परीक्षा की तरह परीक्षा होना चाहिए। ताकि देश का अच्छा और विद्वान इंसान इस पोस्ट पर काम कर सके।
@BharatRaval-yb4iv
@BharatRaval-yb4iv 5 ай бұрын
बहुत कठिन टेस्ट होना चाहिए
@mangalam5330
@mangalam5330 4 ай бұрын
मोदी जी ने कहा है कि उनका तीसरा कार्यकाल ऐतिहासिक होगा यानी यानी इस कार्यकाल में समान नागरिक संहिता लागू होगी देश की न्याय व्यवस्था में सुधार होगा सबको पता है मोदी आएंगे तो भारत राष्ट्र मजबूत होगा
@BhagwanSingh-rg1no
@BhagwanSingh-rg1no 5 ай бұрын
अबकी बार मोदी सरकार ४०० पार, नए फ़ैसलों के लिए रहें तैयार
@jayprakashtiwari7732
@jayprakashtiwari7732 5 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट अपने आप को देश से बड़ा समझता है ओ भी जनता के नौकर है लेकिन जज साहब तो जनता को ही नौकर समझते हैं
@ashokkashyap3497
@ashokkashyap3497 5 ай бұрын
नाराज होने के बजाय खुद के कर्म देखना चाहिये।
@shivajisingh1912
@shivajisingh1912 5 ай бұрын
जो आलोचना करने का रास्ता देता है उसकी आलोचना होना ही है।
@fakirarane2211
@fakirarane2211 5 ай бұрын
CJI को मालूम होना चाहीए सुप्रिम कोर्ट के ऊपर भी सुपर कोर्ट खुल गया है ऊस कोर्ट के जज है अज्ञात विर जो फायनल न्याय देते है
@rajendrasrivastava1176
@rajendrasrivastava1176 5 ай бұрын
बिना कोई परीक्षा पास किए हुए, परिवारवादी की सिफारिशों से चुने गए मायलॉर्ड्स को चाहिए कि गुस्सा न दिखाएं बल्कि गुस्से पर 300 शब्दों का निबंध लिख कर दिखाएं ।
@birkhakhadkaduvarseli3849
@birkhakhadkaduvarseli3849 5 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाने का अधिकार जनता को होना चाहिए। क्या कोर्ट के जज बिकने लगेंगे तो सवाल नहीं उठेगा? ऐसे जज होंगे तो देश फिर भ्रष्टाचारी का गुलाम हो जिएगा । हो सके तो महाभियोग लगाना चाहिए ।
@ashokkumarsinha5421
@ashokkumarsinha5421 5 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट की भी आलोचना अभिव्यक्ति की आजादी है । जब मोदी और सनातन धर्म को गाली देना अभिव्यक्ति की आजादी है, तो सुप्रीम कोर्ट पर बोलना क्यों नहीं अभिव्यक्ति की आजादी कहलाएगी।
@bhagatbisht7354
@bhagatbisht7354 3 ай бұрын
@@ashokkumarsinha5421 क्या लोकतंत्र का मज़ाक़ उड़ाया जा रहा है सुप्रीम कोर्ट में और चौथे खंभे मीडिया में। बहुमत वाली जनता को, उनकी मान्यताओं, परंपराओं, पूजा पद्धतियों पर कोर्ट और मीडिया में अपमान, गालियां और गालियां देने वाले लोगों को सदैव जमानत!!! सिर तन से जुदा करने वाले हैं संरक्षित!!!! ‌ क्या यही हाल है सभी तथाकथित सेक्युलर लोकतांत्रिक देशों में भी??????
@ajoyghosh920
@ajoyghosh920 5 ай бұрын
कुछ ख़ास व्यक्तियों का तो सुप्रीम कोठा में जल्दी सुनवाई होता है, गरीब का तो कोठा के दहलीज़ पर भी जाने का दम नहीं है।
@chefpradeepkumar
@chefpradeepkumar 5 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट और टॉयलेट में कोई अंतर नहीं है, मजबूरी में जाना पड़ता है।
@RakeshSingh-hq9nk
@RakeshSingh-hq9nk 5 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट का देश के सारे काम अपने हाथ में लेना चाहताहै
@mohanchandrabarshilia964
@mohanchandrabarshilia964 5 ай бұрын
सिब्बल, सिंघवी, प्रशांत भूषणों से राहत मिले,तब आम लोगों की सुनवाई हो।
@krishnakumarupadhyay8564
@krishnakumarupadhyay8564 5 ай бұрын
सिंघवी महाशय ने तो बताया ही था कि जज कैसे बनाया जा सकता है
@premkumr273
@premkumr273 5 ай бұрын
Judge sahab to apna kam kare
@9123456C
@9123456C 5 ай бұрын
देश के गरीब आदमी की औकात ही नहीं है कि इस कोर्ट में कदम रख सके। इन घूसखोर और दोगले जजों की जमकर आलोचना होनी चाहिये
@BharatRaval-yb4iv
@BharatRaval-yb4iv 5 ай бұрын
ये वकील ही नहीं कोर्ट फिक्सर भी है और मालपानी का भी जुगाड़ कर देते है, करपट म्लोडू के लिए
@piyushchaturvedi3730
@piyushchaturvedi3730 Ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट में अंतिम फैसला आने के बाद भी बार बार अपील करने की व्यवस्था बंद होनी चाहिए। क्यूरिटिव, रिव्यू पिटीशन जैसी फालतू व्यवस्था बंद हो। निचले कोर्ट के बाद सिर्फ एक ही आप्शन दिया जाये। या तो आदमी हाईकोर्ट जाये या सुप्रीम कोर्ट जाये। एक ही आप्शन दिया जाये सभी को। दोनों में जो भी फैसला हो अंतिम होना चाहिए।
@georgenolis7824
@georgenolis7824 5 ай бұрын
जब कोई प्रधानमंत्री मोदीजी को गाली देता है या फिर कठोर आलोचना करता है तो हमारे मिलार्ड यह कहकर उसे टाल देते हैं कि संविधान ने बोलने की आजादी है। परन्तु जब जजों के फैसले पर कोई निंदा करता है तो हमारे मिलार्ड इसे कोर्ट कि अवमानना समझते हैं। क्यों भाई यह दोहरा मापदंड? मुझे लगता है कि अब इन‌ जज महाशय को जमिन पर लाना पड़ेगा।
@ashoksethia3825
@ashoksethia3825 5 ай бұрын
भ्रष्टाचार कूटकूटकर भरा है और आलोचना बर्दाश्त नहीं
@KuljeetSingh-hs5hw
@KuljeetSingh-hs5hw 5 ай бұрын
जज भी जनता के नौकर हैं देश से कोई बुरा नहीं है इतने मुक़दमे पेंडिंग हैं ये अपने आप में शर्म की बात है
@sushilverma5402
@sushilverma5402 5 ай бұрын
यदि केश लंबित है तो कोर्ट को गर्मी का छुट्टी क्यों l चाहे कर्मचारी भारत और राज्य सरकार का हो उन्हें भी गर्मी की छुट्टी क्यों ना मिले l उनका हक़ है तो सभी कर्मचारियों का भी हक़ है l
@sitarampandia2746
@sitarampandia2746 4 ай бұрын
न्याय पालिका स्वतन्त्र होनी चाहिए पर आवारा सांड की तरह नही ! जनता सब देख रही है । ! अब ये मत सोचना कि हम जनता से उपर है।
@sitarampandia2746
@sitarampandia2746 4 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट के जजों को गुस्सा करने की बजाय सुधार करना चाहिए । क्या इन जजों को यह नही लगता कि जनता में हमारी साख कमजोर हो रही है ?
@fearlessgaming9443
@fearlessgaming9443 5 ай бұрын
❤❤❤ पूरे विश्व में किसी भी विभाग में इतनी छुट्टियां नहीं हैं जितनी भारतीय न्याय विभाग में विडंबना ये है की लाखों केस पेंडिंग हैं
@RakeshSingh-hq9nk
@RakeshSingh-hq9nk 5 ай бұрын
जब सुप्रीम कोठा केवल सिंघवी, प्रशांत भूषण, सिब्बल जैसे वकीलों के केस ।खुजली जैसे भ्रष्टाचार का के सही सुनेगा तो केस पेंडिंग रहेंगेही
@ABC-tv3lk
@ABC-tv3lk 5 ай бұрын
सबसे ज्यादा वंशवाद हमारे देश के न्यायाधीशों में दिखता है
@jitendradixit5554
@jitendradixit5554 5 ай бұрын
चोर को चोर कहेंगे तो वो नाराज तो होगा ही।
@ramsharma5957
@ramsharma5957 5 ай бұрын
जब भारत का प्रधानमंत्री 25 साल में एक दिन भी छुट्टी नहीं लेता तो अदालतों को इतनी छुट्टी क्यो लेना चाहिए ???
@anupamvijay8154
@anupamvijay8154 5 ай бұрын
कोलेजियम सिस्टम खत्म होना जरूरी है।
@rakeshjangra59
@rakeshjangra59 5 ай бұрын
Collegium ke alawa.... justice system bhi change karna padega.... angrezon ne apne hisab se banaya tha so that koi unke galat decision ke khilaf bhi awaj na uthaye.....
@madhurseth9731
@madhurseth9731 5 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट नहीं सुप्रीम कोठा है वो जहाँ सिक्कों की खनक पर माननीय न्यायधीश महोदय मुजरा पेश करते हैं अपने खिदमतगारों के सामने।
@rajendrabahuguna8846
@rajendrabahuguna8846 5 ай бұрын
सर जी आज के कलयुगी जज अपना जमीर बेचकर न्याय दे रहे हैं यह जनता देख रही हैं
@inderjeetyadav980
@inderjeetyadav980 5 ай бұрын
हर चीज में फायदा देखेंगे तो आलोचना होगी ही।
@manibhushankumar4855
@manibhushankumar4855 5 ай бұрын
क्या संविधान मे यह लिखा है कि जज आलोचना से परे रहेगा ।उनको कानून का विश्लेषण करना है लेकिन कानून मे बदलाव संसद ही करेगी और उससे छेड़छाड़ जो सवत: लेकर हो रहा है वही आलोचना का कारण बन रहा है ।
@pramodchopde4502
@pramodchopde4502 5 ай бұрын
बंद कर दो सुप्रिम कोर्ट ,ये हमारे टॅक्स के पैसे की बरबादी है .
@anilupadhyay5976
@anilupadhyay5976 5 ай бұрын
आए दिन लोग बिना लाइन के आकर अपना मुकदमा लगवा लेते हे जिस के कारण दूसरे केस पेंडिंग हो जाते हे।
@tejenderkumar7915
@tejenderkumar7915 5 ай бұрын
Salute for the best journalism sir सरकार से निवेदन है कि सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायधीशों को पैंशन दे कर घर भेज दें देश पर उपकार होगा हमारे देश में सत्र न्यायालय और उच्च न्यायालय की संख्या बड़ा दे यही काफी है ।
@tarundas253
@tarundas253 5 ай бұрын
अविनाश सर इसके पीछे कारण है कि न्यायालय में अभी भी अंग्रेज जमाने का system चला आ रहा है । और जिसमें इन लोग उसे बदलना नहीं चाहते। दूसरा, एक उदाहरा को लेते है कि सुप्रीमकोर्ट फालतू विवाद को ही ज्यादा सुनता है जैसे इन दिनों कोर्ट राजनेताओं का केस वरीयता से सुनता है । अब समय गया है निर्विवाद रूप से जुडिशियल रिफॉर्म की आवश्यकता है ।
@VinodChaudhary-n6f
@VinodChaudhary-n6f 5 ай бұрын
सरकारी नौकर कोई भी हो फिर चाहे सुप्रीम कोर्ट का कोई जज ही क्यों न हो सबकी समीछा का अधिकार आम जन को है
@shaligramgautamae6170
@shaligramgautamae6170 5 ай бұрын
जब PM की लोग आलोचना या क्या क्या देशद्रोही बोलते हैं तब यही कोलेजियम के जज मौन धारण कर लेते है
@sunilpurandare3200
@sunilpurandare3200 5 ай бұрын
श्री केजरीवाल के प्रकरण मे बिन मांगे इंटीरिम बेल पर हुए निर्णय पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता हैँ. मेरा मानना हैँ कि समय आने पर इनके बेल को 1 जून के बाद भी बढ़ा दिया जाएगा, अगर इनकी गिरप्तारी को भी सुप्रीम कोर्ट अवैध ठहरा दे तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
@anilchawla7009
@anilchawla7009 5 ай бұрын
चोर को चोर मत कहो साहब नाराज हो जायेंगे
@kailashsharma341
@kailashsharma341 5 ай бұрын
माननीय मिलार्ड आपको गुस्सा नहीँ आना चाहिए। मेरा सोच हैं कि केजरीवाल को पेरोल गलत दिया है पर sc की बात सही हो सकती है पर ये बात भी गलत है कि माननीय केजरीवाल को पेरोल पर छोड़ दिया तो क्या माननीय सोरेन साहब को उसी तर्क पर पेरोल पर क्यों नहीं छुट मिलनी चाहिए।
@khelansinghchandel7515
@khelansinghchandel7515 5 ай бұрын
केस पेंडिंग होने की असली वजह है कि सुप्रीम कोर्ट केवल सर्कार के विरुद्ध केस में अधिक रुचि दिखाता है. क्युकि उससे अधिक prachar मिलता है.
@ABC-tv3lk
@ABC-tv3lk 5 ай бұрын
सीमा पर तैनात सुरक्षा बल हो या फिर दफ़तर में काम करने वाले जवान भी 24*7 दिन काम करते हैं वो भी तनाव के साथ। कई बार छुट्टी मिलने के बाद भी जवान को काम करना पड़ता है
@BhupendranathThakur-m5x
@BhupendranathThakur-m5x 5 ай бұрын
माननीय का तो तीन चौथाई समय नेता और एन जी ओ का मामला सुनने में समाप्त हो जाता है सिर्फ जनता का मामला लंबित पड़े हैं
@RakeshSingh-hq9nk
@RakeshSingh-hq9nk 5 ай бұрын
जब मोटा मार मिल जाता है तब यह सुप्रीम कोठा आधी रात को भी खुल जाता है गरीब और आम आदमियों के लिए हमेशा बंद ही रहता है क्या चंदू यह बताया कि उसने कितने गरीब आदमियों को न्याय दिया है
@ajitkumarjha6982
@ajitkumarjha6982 5 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट से अच्छा तो तवायफ का कोठा न्याय करेगी ❤
@nimeshbhatt7946
@nimeshbhatt7946 5 ай бұрын
मोदी3 में ज्यूडिशियरी की चाबी टाइट होनी ही होनी हे।खुल्ले सांढ हो गए हे सारे।
@pradippawar9003
@pradippawar9003 5 ай бұрын
भारत में सिर्फ कोर्ट के जज ही को काम होता हैं बाकी सब लोग घास ही काट ते है
@brajeshkumartiwari8760
@brajeshkumartiwari8760 5 ай бұрын
चार पेज का निबंध लिख देता हूं मिलार्ड गुस्सा शान्त कर ले ..जय श्री राम ।
@sandy-jy4tn
@sandy-jy4tn 5 ай бұрын
सही कहा है माननीय जज साहब ने अवकाश में रात के समय में भी तिस्ता सितलवाड़ को जमानत देने के लिए एक ही दिन में २ बार विशेष बेंच का गठन कर जमानत दे देते हैं और कितना काम करेंगे ?
@ravindrajadhav1729
@ravindrajadhav1729 5 ай бұрын
We require judicial reforms very urgently
@karmendushishir4181
@karmendushishir4181 5 ай бұрын
शर्म सबके लिए जरूरी है।जज भी इसी समाज से आते हैं।
@ramashraydwivedi269
@ramashraydwivedi269 5 ай бұрын
डॉ अविनाश सिंह जी बहुत बहुत धन्यवाद। सुप्रीम कोर्ट में हजारों की ताद।द में केस लंबित पड़े हुए हैं क्यों?।
@satyaprakashjaiswal6785
@satyaprakashjaiswal6785 5 ай бұрын
शासन सुप्रीम कोर्ट को बर्दाश्त कर रहा है यह बहुत बड़ी बात है
@sanjaykumarsingh4699
@sanjaykumarsingh4699 5 ай бұрын
सुप्रीम कोठा बंद होना चिहिये
@BhagwanSingh-rg1no
@BhagwanSingh-rg1no 5 ай бұрын
अब तो भारत के सभी नागरिकों पर एक समान न्यायिक प्रक्रिया लागू होनी चाहिए। यदि प्रधानमंत्री, मुख्य मंत्री की और सभी की संपत्ति की जाँच हो सकती है तो जजों की क्यों नहीं। बहुत से फैसले तो यही सोचने पर मजबूर कर देते हैं। कंजरवाल का केस देख लो
@madhuriswarnkar9463
@madhuriswarnkar9463 5 ай бұрын
न्यायाधीशों को उन्हें न्यायिक कार्य में ही शामिल रखना चाहिए.
@pramodkhandelwal7994
@pramodkhandelwal7994 5 ай бұрын
आपने बहुत सटीक टिप्पणी करी है सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों‌ पर। ये लोग जो बिल्कुल निर्बाध भाई-भतीजावाद व्यवस्था से निर्वाचित होते हैं। स्वंय को सर्वज्ञ समझते हैं।
@Shrihal
@Shrihal 5 ай бұрын
Judicial reforms are must. Govt.needs to look into this at the earliest.
@govindlaad2051
@govindlaad2051 5 ай бұрын
आधी रात को कठपुतलीयां नाचती है डिब्बल के इशारे पर. तीस्ता को राहत कितना महत्त्वपूर्ण काम करते हैं देश ने देखा. क्या देश के बोलने की आजादी पर ताला लगाएंगे. जिस दिन जनता घरों से बाहर आ जाएगी उस दिन की कल्पना कीजिए
@drumesh895
@drumesh895 5 ай бұрын
यदि मनमाने तरीके से फैसले होंगे, टिप्पणी होंगी तो आलोचना भी होंगी! तीस्ता सीतलवाड, पवन खेड़ा की जमानत, वाड्रा के केस बार बार तारीख बढ़ाना, केजरीवाल को जमानत न मांगने पर भी जमानत, वैसे ही प्रकरण में हेमंत सोरेन को जमानत से इंकार, कन्हिया कैसे में टिप्पणी, हाल में पुणे जुवेनाइल कोर्ट द्वारा जमानत ये सब उल्लेखनीय हैं
@keshavprashadnag3870
@keshavprashadnag3870 5 ай бұрын
देश का प्रधानमंत्री पूरे समय काम करता हैं तो आपको भी वही करना चाहिए आप कोई स्पेशल नहीं हैं जनता के पैसे से आप मौज करते हो
@kalibuxsinghsingh5001
@kalibuxsinghsingh5001 19 күн бұрын
जब पूरा समय अपनों, आतंकवादियों, भ्रष्टाचारियोंको देशद्रोहियों से सेटिंग में लगे रहते हैं हां रात में शीतलवाड, गौतम नवलखा, बंगला देशियों केअवै ध क़ब्ज़े को हटाने से रोकना शाहीनबाग, किसान आंदोलन बंगाल राजस्थान पर संज्ञान लेना यही है अगर आप लोग ईमानदार हैं तो अब तक कितने जजों ने अपनी आय की घोषणा की जब कि भारत के सभी कर्मचारियों के लिए जरूरी है हां सरकारी कोष से वेतन ले रहे हैं फिर भी अपने आप को नौकर नमानते हों आप की नियत जाने
@shivjitiwary3524
@shivjitiwary3524 5 ай бұрын
बाबा रामदेव को तो आप क्या किया ,पूरा भारत के जनता देखा और लीक से हट कर आप जो केजरीवाल को पैरोल दिया ।फिर कहा गया की हमे जो ठीक लगा वह किया ।कितना सुंदर सफाई दिया ,इसके लिए धन्यवाद ।
@rajeshkb5159
@rajeshkb5159 5 ай бұрын
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों पर हरामखोरी छाई हुई है।
@gulabdharbeldar3372
@gulabdharbeldar3372 5 ай бұрын
अवनीश जी, सारे सुप्रीम कोर्ट के जज वीआईपी नेताओं, गुंडों, माफिया के जमानत याचिका पर सुनवाई करने में व्यस्त रहते हैं, तो फिर ये लोग आम जनता के मामले के निपटारे कैसे करेंगे। विक्टिम कार्ड खेलने का प्रयास कर रहे हैं।
@shambhumishra2910
@shambhumishra2910 5 ай бұрын
सुप्रिमकोर्ट भी अन्य इंस्टीट्यूशन की तरह एक इंस्टीट्यूशन है , जब सरकार और अन्य इंस्टीट्यूशन की आलोचना होती रहती है फिर जब न्यायालय स्पेशल प्रिवलेज लेते हैं , सबसे पहले आपका जुडिशरी का सेलेक्शन पद्धति ही विवाद से घिरा है , जब सुप्रिमकोर्ट किसी को परखते तो एक इनके उपर भी समीक्षा होनी चाहिए । रिफार्म्स की जरूरत है न्यायालय और ब्यूरोक्रेसी के अंदर ।
@nandkishorkaluchtidhkad3544
@nandkishorkaluchtidhkad3544 5 ай бұрын
अविनाश भैया जय श्री राम
@K.Gusain
@K.Gusain 5 ай бұрын
जजों की मनमानी अब नहीं चलने वाली है!! आतंकवादियों और भ्रष्टाचारियों के लिए रात को भी न्यायालय क्यों खोलकर बैठ जाते हैं ये ??? केजरीवाल को आनन-फानन में बेल देने की तत्परता देखकर तो देश अचम्भित है!!😡😡😡😡
@ShamsherSingh-fb6kn
@ShamsherSingh-fb6kn 5 ай бұрын
सुप्रीम कोर्ट को नए सारे से खड़ा करना होगा जितने भी है बाहर से पदे हुए हैं सब को हटाना होगा सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ भारतीय संस्कृति जानने वाले जज ही होने चाहिए
@HINDUSTANI10001
@HINDUSTANI10001 5 ай бұрын
NJAC, Judiciary chartered accountability laagu kiya jaana chahiye.
@anupamvijay8154
@anupamvijay8154 5 ай бұрын
संविधान में समय समय पर आई हुई समस्याओं को दूर करने के लिए संशोधन करना जरूरी है लेकिन ध्यान रहे ये जन भावना के कल्याण के लिए हो।
@RaviShankarNagesh-w4l
@RaviShankarNagesh-w4l 4 ай бұрын
सबसे पहले कॉलेजियम सिस्टम खत्म हो और ये लंच का ek घंटा अगर 1घंटा ले रहे हो तो 9 घंटे काम करना होगा 😡😡😡
@grsale6267
@grsale6267 5 ай бұрын
The Great PM Modi Ji 🚩🇮🇳🙏🏻🚩
@ramnareshkurmi4041
@ramnareshkurmi4041 5 ай бұрын
आलोचना तो होगा ही सुप्रीम कोर्ट का जनता के टेक्स के पैसे से तनख्वाह लेतें है
@ganpatsingh1791
@ganpatsingh1791 4 ай бұрын
Absolutely correct spoken sir.
@sureshpandey3537
@sureshpandey3537 5 ай бұрын
बड़ा ग़ुस्सा आ रहा है, इन स्वयं को भगवान मान कर छुट्टियों का भरपूर मज़े लेने वाले माननीयों को ! आधी रात तक काम करने का बड़ा अहसान करने का उलाहना दे रहे हैं ! देश के अन्य विभागों के अधिकारियों, डाक्टरों व इंजीनियरों ने तो कभी भी ग़ुस्सा नहीं दिखाया “सीमा से ज्यादा” कठिन परिश्रम करने के बावजूद, न ही उन्हें को ई समर वेकेशन मिलता है न ही विन्टर वैकेशन , फिर भी उन्होंने कभी इस प्रकार का कुतर्क नहीं दिया ! शासन से वेतन भी काम करने का मिलता है, न कि दामाद बने रहने का !
@ashokkumargupta7855
@ashokkumargupta7855 4 ай бұрын
Singh saheb jai sri Ram very good analysis.
@manishpurwar6865
@manishpurwar6865 5 ай бұрын
ये जज साहब क्या कोई स्कूल के छात्र है जो इनको समर वेकेशन और विंटर वेकेशन चाहिए क्या छुट्टियों का पैसा नहीं लेते है ये जज साहब, सरकारी छुट्टी ही काफी हो जाती है नही तो इनकी सरकारी छुट्टियां कैंसल करो
@JayantBarve
@JayantBarve 4 ай бұрын
बहुत ही सुंदर, बड़ा ही महत्वपूर्ण विवेचन
@poemsandsatirebyms9337
@poemsandsatirebyms9337 5 ай бұрын
न्यायपालिका के जजों का ग्रीष्मकालीन अवकाश अंग्रेजों के जमाने की परंपरा थी। तब अंग्रेजी जजों से गर्मी सहन नहीं होती थी। पर अब तो शीर्ष न्यायालयों में एयर कंडीशनर होते हैं फिर केवल उन्हीं को गर्मी कैसे लगती है। कोर्ट आते जाते भी वे एयर कंडीशंड कारों में हैं। उनकी छुट्टी जायज है तो देश के सभी देशवासियों को गर्मी में अपना काम बंद कर देना चाहिए। पुलिस को भी। क्या आप जजों के ग्रीष्मकालीन अवकाश को जायज समझते हैं। वह भी उस स्थिति में जब अदालतों के केस दशकों तक चलते रहते हैं।
@shyam2061
@shyam2061 5 ай бұрын
ये आधी रात को तभी काम करते है जब तीस्ता सेटलवाड या अफझल गुरू फस जाते हैं.
@awadheshdubey7254
@awadheshdubey7254 5 ай бұрын
देश विरोधी के साथ कोर्ट हमेशा खड़ा रहता है, जय श्री राम
17 Yr Lawyer Boy Excellent Argue in HC, #lawchakra  #highcourt
9:09
Ouch.. 🤕⚽️
00:25
Celine Dept
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Я сделала самое маленькое в мире мороженое!
00:43
Кушать Хочу
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啊?就这么水灵灵的穿上了?
00:18
一航1
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Ouch.. 🤕⚽️
00:25
Celine Dept
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