❤❤❤✅✅✅ 🤲 jazakallahu khair n kaseera va alaikum Salaam wa Rahmatullah wa barakaatuho 👌📌
@anassarfaraz80385 күн бұрын
Mashaallah
@aliyaali11334 күн бұрын
Superb explanation ❤❤❤
@muskan892346 күн бұрын
Sir surhe falaq surah naas quran ka hissa hai
@sahirshaik91765 күн бұрын
A kb huy
@jamilabi66395 күн бұрын
Byshk hm sb ko 4 kol pdh kr. Allah he ke pnah myn aana hy awr chaheyy jzakllah
@jamilabi66395 күн бұрын
@@sahirshaik9176allah sb ka harez w naser ho aamen
@m.hanifshaikh71515 күн бұрын
*Miracles of small verses* ★ *Suratul Falaq-113 (5)* ● 113:1 > कहो, "मैं शरण लेता हूँ, प्रकट करने वाले रब की, ● 113:2 > जो कुछ भी उस ने पैदा किया उस की "बुराई" से, ● 113:3 > और अँधेरे की बुराई से जबकि वह घुस आए, ● 113:4 > और गाँठो में फूँक मारने-वालों की बुराई से, ● 113:5 > और ईर्ष्यालु की बुराई से, जब वह ईर्ष्या करे।" = 25*15+ (add 1 for Bismillah verse) .......(A) = 25+=16 ★ *Suratun Naas-114 (6)* ● 114:1 > कहो, "मैं शरण लेता हूँ मनुष्यों के रब की ● 114:2 > मनुष्यों के सम्राट की ● 114:3 > मनुष्यों के उपास्य की ● 114:4 > वसवसा डालने वाले, खिसक जाने वाले की बुराई से ● 114:5 > जो मनुष्यों के सीनों में वसवसा डालता है ● 114:6 > जो जिन्नों में से भी होता है और मनुष्यों में से भी = 36*21+1 (add 1 for Bismillah verse) = 33+22 ...... (B) First check Combine derivation = A+B = 25+16 = 36+22 Total of both verse = 61+38 = 61+(2×19) = (6+1)+(2+1+9) = 7+ 12 = 19 ~ (Word of Allah) NOte :- So it is preferable to recite both in a prayer or to encounter evil soul √ Second check ★ *Suratul Ikhlas-112 (4)* ● 112:1 > कहो, "वह अल्लाह यकता (unique) है, ● 112:2 > अल्लाह निरपेक्ष (और सर्वाधार) है, ● 112:3 > न वह "जनिता" ( न किसी स्त्री द्वारा जना हुवा) है और न "जन्य" (न किसी शक्ति का पैदा किया हुवा), ● 112:4 > और न कोई उस का "समकक्ष" है।" = 16*10 + 1 (add 1 for Bismillah verse) = 16+11 = (2×2×2×2)+11 = (2+2+2+2)+11 = 8+11 = 19 ~ (Word of Allah) √ Third check Note:- There is hadees in which it was said if any one recite Surah Ikhlas, he would get 1/3 of rewards (sawab) of one Quran . It meant if one recite 3 times Surah Ikhlas , he would get rewards (sawab) as if he read full Quran. But you will not get simply multiplying of verses of surah ikhlas .but it may consider as inspiration for boosting imaan the rewards for 3 time recitation . So add 3 simply ● 16+11 (Surah Ikhlas) = (16+3)+(11+3) = 19+14 = 19+(2×7) = (1+9)+(2+7) = 10+9 = 19 ~ (Word of Allah) √ Fourth check ★ Surat Al Fateha -1 ● 1:1 > सब तारीफ़ अल्लाह के लिए है जो सारे जहान का मालिक है। ● 1:2 > बहुत मेहरबान निहायत रहम करने वाला है। ● 1:3 > इंसाफ़ के दिन (क़यामत के दिन) का मालिक है। ● 1:4 > हम तेरी ही इबादत करते हैं और तुझ ही से मदद चाहते हैं। ● 1:5 > हमको सीधा रास्ता दिखा। ● 1:6 > उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने "फ़ज़्ल" (रेहमत) किया। ● 1:7 > उनका रास्ता नहीं जिन पर तेरा ग़ज़ब हुआ, और न उन लोगों का रास्ता जो तेरे रास्ते से भटक गए। = 7*28 +1 (add 1 for Bismillah verse) = 7+28+1 = 7+ (2×2×7)+1 = 7+ (2+2+7)+1 = 7+11+1 = 19 ~ (Word of Allah) √ Third check *3 surah* ● 112- 4 +1 (Ikhlas) ● 113- 5 +1 (Falaq) ● 114- 6 +1 (Naas) = 15+15 + (3) = (3×5)+(3×5)+3 = (3+5)+(3+5)+3 = 8+8+3 = 19 ~ (sign of Allah) √ Fifth check *4 Surah* ● 112- 4+1 (Ikhlas) ● 113- 5+1 (Falaq) ● 114- 6+1 (Naas) = 15+15+3 = 15+18 (merge 3) Add ● 1+7 +1 (Al Fateha) = 16+25 +1 Derive = (2×2×2×2)+(5×5)+1 = (2+2+2+2)+(5+5)+1 = 8+10+1 = 19 ~ (sign of Allah) √ Fifth check ● Surah Kaferoon-109 (6) 60*21+1 = 60+22 (a) ● Surah Ikhlasas-112 (4) 16*10+1= 16 +11 (b) = (a)+(b) = 60+22 = 16+11 ~ 76+33 Derive = (2×2×19)+(3×11) = (2+2+1+9)+(3+1+1) = 14+5 = 19 ~ (sign of Allah) √ interesting check ● Chapter No 112 = 112 = 1+1+2 = 4 (match with it's own total verses) ● Chapter No 113 = 113 = (1+1+3) = 5 (match with it's own total verses) ● Chapter No 114 = 114 = 1+1+4 = 6 (match with it's own total verses)
@namasteindia69735 күн бұрын
Mu,ha/mm+ad baap k marne k 4 saal baad paida hua tha 😂 iss k bare me b bta😂 #exmuslimadam
@m.hanifshaikh71515 күн бұрын
@@namasteindia6973 Allah knows birth of each soul, it's time, duration and overall control as per His desires ..... *कब, कहाँ, किस के गर्भाशय (योनि) में कोन, कितने समय के लिए नफ़्स का गर्भ ठहरता है और कब जन्म होने वाला है वह तमाम मामलों से अल्लाह पहले से वाकिफ़ (ज्ञात) है और किसी नफ़्स से बेख़बर नहीं है* ★ First check सम्बंदित आयतें :- ● 6:13 > और अल्लाह ही का है जो "कुछ" ठहरता है "रात" में और "दिन" में, और वह सब कुछ सुनने वाला, जानने वाला है। ● 11:6 > और वह जानता है जहाँ कोई "ठहरता" है और जहाँ वह "सौंपा" जाता है, सब कुछ एक खुली किताब में मौजूद है। ● 13:8 > अल्लाह जानता है हर मादा के हमल को और जो कुछ रिहमों में घटता और बढ़ता है उसको भी, और हर चीज़ का उसके यहाँ एक अंदाज़ा है। ● 34:2 > वह जानता है जो कुछ धरती में "प्रविष्ट" होता है और जो कुछ उस से "निकलता" है और जो कुछ आकाश से "उतरता" है और जो कुछ उस में "चढ़ता" है। और वही अत्यन्त दयावान, क्षमाशील है = S+A =19+20 = (1+9)+(2×2×5) = (1+9)+(2+2+5) =10+9 =19 ~ (word of Allah) ★ Second check सम्बंदित आयतें :- ^(19*20) ● 36:83 > अतः महिमा है उस की, जिस के हाथ में हर चीज़ का पूरा अधिकार है। और उसी की ओर तुम लौटकर जाओगे ● 81:29 > और तुम नहीं चाह सकते सिवाय इस के कि सारे जहान का रब अल्लाह चाहे ● 76:1 > क्या मनुष्य पर काल-खंड का ऐसा समय भी बीता है कि वह कोई ऐसी चीज़ न था जिस का उल्लेख किया जाता? = 50*43 = (2×5×5)+43 = (2+5+5)+(4+3) = 12+7 = 19 ~ (word of Allah) ★ Third check सम्बंदित आयतें :- ● 6:13 > और अल्लाह ही का है जो "कुछ" ठहरता है "रात" में और "दिन" में, और वह सब कुछ सुनने वाला, जानने वाला है। ● 13:8 > अल्लाह जानता है हर मादा के हमल को और जो कुछ रिहमों में घटता और बढ़ता है उसको भी, और हर चीज़ का उसके यहाँ एक अंदाज़ा है। ● 23:13 > गर्भ (भ्रूण) का ठहरना ● 23:14 > भ्रूण से बालक = S+A = 20+21 = (2×2×5)+(3×7) = (2+2+5)+(3+7) = 9+10 = 19 (Word of Allah)
@m.hanifshaikh71515 күн бұрын
@@namasteindia6973 जवाब चाहिए ?
@m.hanifshaikh71515 күн бұрын
@@namasteindia6973 नीचे पढ़िए
@m.hanifshaikh71515 күн бұрын
Allah knows birth of each soul, it's time, duration and overall control as per His desires ..... *कब, कहाँ, किस के गर्भाशय (योनि) में कोन, कितने समय के लिए नफ़्स का गर्भ ठहरता है और कब जन्म होने वाला है वह तमाम मामलों से अल्लाह पहले से वाकिफ़ (ज्ञात) है और किसी नफ़्स से बेख़बर नहीं है* ★ First check सम्बंदित आयतें :- ● 6:13 > और अल्लाह ही का है जो "कुछ" ठहरता है "रात" में और "दिन" में, और वह सब कुछ सुनने वाला, जानने वाला है। ● 11:6 > और वह जानता है जहाँ कोई "ठहरता" है और जहाँ वह "सौंपा" जाता है, सब कुछ एक खुली किताब में मौजूद है। ● 13:8 > अल्लाह जानता है हर मादा के हमल को और जो कुछ रिहमों में घटता और बढ़ता है उसको भी, और हर चीज़ का उसके यहाँ एक अंदाज़ा है। ● 34:2 > वह जानता है जो कुछ धरती में "प्रविष्ट" होता है और जो कुछ उस से "निकलता" है और जो कुछ आकाश से "उतरता" है और जो कुछ उस में "चढ़ता" है। और वही अत्यन्त दयावान, क्षमाशील है = S+A =19+20 = (1+9)+(2×2×5) = (1+9)+(2+2+5) =10+9 =19 ~ (word of Allah) ★ Second check सम्बंदित आयतें :- ^(19*20) ● 36:83 > अतः महिमा है उस की, जिस के हाथ में हर चीज़ का पूरा अधिकार है। और उसी की ओर तुम लौटकर जाओगे ● 81:29 > और तुम नहीं चाह सकते सिवाय इस के कि सारे जहान का रब अल्लाह चाहे ● 76:1 > क्या मनुष्य पर काल-खंड का ऐसा समय भी बीता है कि वह कोई ऐसी चीज़ न था जिस का उल्लेख किया जाता? = 50*43 = (2×5×5)+43 = (2+5+5)+(4+3) = 12+7 = 19 ~ (word of Allah) ★ Third check सम्बंदित आयतें :- ● 6:13 > और अल्लाह ही का है जो "कुछ" ठहरता है "रात" में और "दिन" में, और वह सब कुछ सुनने वाला, जानने वाला है। ● 13:8 > अल्लाह जानता है हर मादा के हमल को और जो कुछ रिहमों में घटता और बढ़ता है उसको भी, और हर चीज़ का उसके यहाँ एक अंदाज़ा है। ● 23:13 > गर्भ (भ्रूण) का ठहरना ● 23:14 > भ्रूण से बालक = S+A = 20+21 = (2×2×5)+(3×7) = (2+2+5)+(3+7) = 9+10 = 19 (Word of Allah)
@namasteindia69735 күн бұрын
Mu,ha/mm+ad baap k marne k 4 saal baad paida hua tha 😂 iss k bare me b bta😂 #exmuslimadam