नवल किशोर यादव जी बिहार के शिक्षा और शिक्षकों से खेल रहे हैं। इनके कथनी और करनी में कोई तालमेल नहीं है।
@ajeetkumarsingh40762 сағат бұрын
दोनों चिरकुट एक साथ
@mkr_patna7 минут бұрын
😂😂😂
@himanshushekharraja78802 сағат бұрын
जबतक शिक्षक को मानसिक रूप से टार्चर करना बंद नहीं किजिएगा। गुणवत्ता शिक्षा का सपना देखना बेमानी है।
@Kavya_Manch_Guddu3 сағат бұрын
सर प्रखंड होना चाहिए अनुमंडल के जगह पर
@faizakhtar58323 сағат бұрын
सरकार तो नेता जी की ही है फिर ये क्या बात कर रहे हैं हैं किस को बेवकूफ बना रहे हैं! इनका तो कोई सुनता ही नहीं
@RajeevRanjan-gq2hk2 сағат бұрын
इस बदलाव में हम जैसे शिक्षक भी आपके साथ है
@AJEETKUMAR-nb2bw2 сағат бұрын
चिरकुट नेता को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए....
@jitendrajamana295442 минут бұрын
बिहार में जितने भी फालतू काम होते हैं उसमें शिक्षकों को ड्यूटी दिया जाता है , तो आप ही बताइए संतोष जी शिक्षक बच्चों को कैसे पढ़ा पाएगा?
@momentumacadmybymanishmish433732 минут бұрын
Good job sir
@VijaySingh-kv9it15 минут бұрын
बिहार एक ऐसा राज्य हैं जहाँ नोकरी करने के 20साल बाद नियुक्ति पत्र दिया जा रहा हैं !
@sunandstar22172 сағат бұрын
बड़े जिले को कई एजुकेशनल अनुमंडल में बाँटा जाये और प्रखण्ड का Option दिया जाये। 10 option में जिले के बाहर का अनुमंडल ना हो और अनुमंडल के बाहर भी 10 option जिले के अंदर मिले।
@mithileshchaudhary685025 минут бұрын
संतोष जी आज तक कोई पदाधिकारी आज तक बच्चों से एक सवाल तक नहीं पूछते हैं खाली पैसा कैसे आएगा उसी पर चर्चा करते हैं
@ranjaykumar6944Сағат бұрын
1500 में शिक्षकों की बहाली होती है।19 साल पढ़ाते हो गया अभी तक शिक्षक राज्यकर्मी नहीं हुए।2009 में दक्षता परीक्षा हुई थी उसी समय bpsc से ही शिक्षकों की परीक्षा लेकर जो पास करते उनको नियमित कर देते ।यह 19 साल नियोजित के नाम पर सफर कर गयी इसका भरपाई कौन करेगा।जबकि सक्षमता परीक्षा में 98% नियोजितो ने सफलता पाई है।आजतक सरकार के द्वारा जो सौतेलापन का व्यवहार की जा रहा है और यह अब भी जारी है ।संतोष बाबू अब तो नियोजितो ने अपनी योग्यता फिर से साबित कर दिया है ।अब तो लोग रिटायर के कगार पर है और हाथ उनका खाली है इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।आपसे निवेदन है कि जिस विषय को हमने उठाया है उस पर एक वीडियो आना चाहिए।
@MunnaKumar-qk8gmСағат бұрын
सही कहा है।🎉
@Shambhu123-q6jСағат бұрын
20 वर्ष वाद फिर से नियुक्ति पत्र मिलेगा। अब तो सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
@SushilKumar-tl3sl55 минут бұрын
जिनकी सरकार है वही कठदलेली कर रहे हैं
@SarojBharti-k9i4 минут бұрын
एसीएस सिद्धार्थ एमडीएम से पैसा बटोर रहा है स्कूल अधिक से अधिक खुले ताकि एमडीएम ज्यादे दिन तक चले और कमीशन ज्यादा मिले यही नीति रह गया है
@SANDEEPKUMAR-mt5vh25 минут бұрын
❤❤❤❤❤❤
@VijayPrasad-vv8dpСағат бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी ।
@आशुतोषआरा2 сағат бұрын
ये नवल जी किसको सुना रहे हैं जो खुद सरकार में हैं ये तो वही हुआ न 🌹उल्टा चोर कोतवाल को डाटे 🌹
@Amitvats4455543 минут бұрын
संतोष जी आपका कोशिश सराहनीय है लेकिन परिणाम क्या होगा अभी भी संदिग्ध है। क्योंकि ये मानसिकता बदलने के संकेत नहीं है।
@TARGETEXAMFAN39 минут бұрын
चिरकुट मंत्री शिक्षक को पुलिस से तुलना करता है
@Anpurna12346 минут бұрын
Sakshamata Wale jee k sath nainsafi hai
@mintumandal3981Сағат бұрын
बहुत ही सार्थक बात चीत है शांतोष जी
@AMITSINGH-yi7ee38 минут бұрын
काश वह ढ़िबरीऔर लालटेन युग आता जब शिक्षक और कर्मचारी को पूर्ण वेतन मान के साथ पेंशन मिलता था। शिक्षक प्रतिनिधि के सामने पत्रकार को हिम्मत नहीं था की कोई गाली दे।
@advpranav6387Сағат бұрын
Pathak ji का निर्णय था कि Sakshamta exam pass शिक्षकों का स्थानांतरण/पदस्थापन Sakshamta exam के मार्क्स को आधार मानकर शहर के स्कूल में जाना है! Siddharth ji अनुमण्डल से कमंडल बना दिया!
@himanshushekharraja78802 сағат бұрын
समय,एच्छिक तबादला,पे मेटीरिक्स
@pawanraja5180Сағат бұрын
आप लोगों का भाषण का कोई निष्कर्ष नहीं निकलने वाला अगर आप लोग ट्रांसफर नीति में संशोधन नहीं करवा पाए तो घंटा कर पाएगा
@saketranjan51282 сағат бұрын
सरकार में रहकर माल खा रहे गोल गोल बात करते हैं मंत्रीजी ,ओर बात में दम ही नहीं सिद्धार्थ के सामने बोलती बंद हो जाती है इनकी
@maheshprasad9521Сағат бұрын
जय हो
@achyutkumar622835 минут бұрын
अब शिक्षक भी इतना मुर्ख नहीं बनेगा ।सभी शिक्षकों को बांट दी गई अलग-अलग श्रेणी में जिससे सभी शिक्षक अपने -अपने मांग में मग्न हैं, जिससे सभी अनुभवी आदमी. Ko mauka mil जाता है l जगह मिलने पर बहुत ज्ञानवर्धक बातेँ निकलती है l
@anzaralam85662 сағат бұрын
यही बदलाव है Sir 20 वर्षों पढ़ा रहे पूर्ण रूप से दक्ष शिक्षकों से पुनः सक्षमता परीक्षा पास करने के बावजूद जबरिया ट्रांसफर वह अनुमंडल का विकल्प के आधार पर | जिसने कभी कोई परीक्षा ही नहीं दिया वह घर में पोस्टिंग के साथ लाख से भी अधिक वेतन के साथ राजकर्मी
@BrijMohansingh-w7r38 минут бұрын
धन्यवाद आप लोग महान हैं
@ramchandrasharma92332 сағат бұрын
सबसे पहले स्कूल का समय 10से 4करवाये
@himanshushekharraja78802 сағат бұрын
संतोष जी,, मुख्यमंत्री जी से बात करते तो कुछ बात बनती।बांकी टाय टाय फीस फीस।
@ranveerkumar573541 минут бұрын
Mahine mahine hi nahi saptahe saptah.
@akhileshkumar-fx5yhСағат бұрын
पढाई लिखाई विद्यालय में कैसे हो ये सब शिक्षकों पर छोड़ देना चाहिए विभाग केवल syllabus और Half yearly औऱ annual exam के बारे में सोचे l कमिशन के चक्कर मे प्रयोग- पर- प्रयोग बंद हो l शिक्षा के क्षेत्र मे सोच समझ कर निर्णय लेने की जरूरत है और output एक दो वर्षों में नहीं 10-20 वर्षों मे मिलेगा l और शिक्षकों के ऊपर से अनावश्यक दबाब कम किया जाना चाहिये l गौर कीजिए प्रत्येक साल कई योजना परियोजना विद्यालय में लागू होता है लेकिन पुराने योजनाओं को बंद करने का एक भी लेटर नहीं जारी होता जिससे विद्यालय और शिक्षकों पर प्रति साल अनावश्यक लोड बढ़ता जाता है l
@Mritunjayk329013 минут бұрын
120percent sahi hai
@ranveerkumar573534 минут бұрын
Saturday ko kya kya kam hai janiye.. 1. Saptahik mulyankan 2. Janch 3. Mulyankan panji ka sandharan 4.sabhi ka grading 5. PTM 6. Teacher meeting 7.safe Saturday 8. Bal sansad ka baithak 9.Meena manch ka baithak 10. PT 11. Saskritik karykram 12. Time to time chalne wala vishesh pakhwara. 13. Aise bahut kuchh , kya yah possible hai ? Kya yah dharatal par hoga ya paper par hi hoga ?
@hareramkumar57992 сағат бұрын
20बरस से मुख्यमंत्री कैसे है। साइकल, पोशाक एंड खिचरी ये ही तीन फंडा। शिक्षक से सलाह ले सब सुधर जायेगा
@Avinash.12345Сағат бұрын
शिक्षा विभाग का तुलना जब तक दूसरे विभाग से या पुलिस से करता रहेगा कभी सुधर नहीं हो सकताहै क्योंकि शिक्षण क्रिया मानसिक है और जब शिक्षक मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं रहेंगे तब तक शिक्षा नहीं दे पाए
@ashokk401Сағат бұрын
नीतिश कुमार वोट की राजनीति के चलते शिक्षा विभाग को चौपट कर दिया है।
@MunnaKumar-qk8gmСағат бұрын
सही, यही हो रहा है।
@dharmendrakumarbharti8517Сағат бұрын
जब तक शिक्षकों को सही ढंग से सही जगह सही दिमाग से नहीं रहने देगा शिक्षा विभाग तब तक गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा संभव नहीं है
@unknownknown824137 минут бұрын
Santosh ji yah baat sahi jo nhi padhayega uska bachcha nhi padhega.Aor baat zarur rakhen ki jo jahan jana chahe wah wahan jaye aor jo nhi jana chahe wah wahi rahen.
@SunilKumarsingh-jn8upСағат бұрын
नवल किशोर जी सिर्फ भांजने वाले है इनका बात कोई सुनता नहीं है
@HIMALAYAHIKER3 сағат бұрын
ऐसे मंत्री से जिसे खुद का बात का कोई भरोसा नहीं है ये नेता का असली पाखंड को खुद उजागर करता है कभी शिक्षक को बदनाम करने वाला आज शिक्षक के हितैषी बन थे है इतने साल से तो ही इन्हीं का मिली जुली सरकार है इनसे क्यू नही पूछते कि ऐसा क्यू हुआ
@HarendraChaudhary-xp5dl2 сағат бұрын
शिक्षक से संवाद करने से कई समस्याओं का समाधान निकल जाएगा, पर यहां इस के लिए कोई तैयार ही नहीं है।
@anuranjankumaranupam603610 минут бұрын
नवल बाबू सरकार में रहकर किसे उपदेश दे रहे है।
@DineshKumar-kp8rtСағат бұрын
सौ प्रतिशत सही है।
@chandanikumari1475Сағат бұрын
पूरे महीने एग्जाम ही होता रहता है,,, जहां 5000 बच्चे हैं।।। क्या पढ़ाई होगी।। हमलोग एक दिन भी पढ़ा नहीं सकते हैं।।। एग्जाम लो कॉपी जांचों।।। बहुत ही ज्यादा बद्तर स्थिति हो गया।।। मै गणित की शिक्षिका हु मै यही देख रही।।। प्रयोग करना बंद करो हमें स्वतंत्र छोड़ो
@Abhishek-u1sСағат бұрын
आप महान पत्रकार है संतोष जी
@prabhashprabhakar4402Сағат бұрын
सही मायने में मूल्यांकन नहीं होता है , यदि सही मायने में परीक्षा हो ,और उसका मूल्यांकन भी सही तरीके से हो तो १०% बच्चे भी सफल नहीं होंगे। इसका कारण सरकारी निति ही जिम्मेवार है। गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा न होना सरकार की ग़लत निति का परिणाम है।
@nilkamalniraj2418 минут бұрын
Prakhand Hona chahiye
@devchandarsafi5232Минут бұрын
बच्चों का बैग 1 सप्ताह भी नहीं टीका ।
@faizakhtar58323 сағат бұрын
साप्ताहिक परीक्षा, मासिक परीक्षा, टाइमिंग, chutti, APP, इत्यादि , में पूरे विद्यालय को और उनके शिक्षकों को उलझा दिया गया है
@Avinash.12345Сағат бұрын
परीक्षा में खेल के साथ साथ 200बच्चा में क्वेश्चन 20 क्वेश्चन रहता है यह परीक्षा नहीं मजाक बनाया हुआ है सरकार
@navintrivedi59312 сағат бұрын
जब बोरा पे लोग शिक्षा ग्रहण करते थे उस समय शिक्षको को वेतन मान मिलता था अब क्या मिल रहा है
@NagendarYadav-v1b30 минут бұрын
पहले का सिस्टम सब खत्म हो चुका है
@manibhushansingh852Сағат бұрын
ये बात कटु सत्य है कि आज कल शिक्षा विभाग सिर्फ प्रयोगशाला बनकर रह गया है, यहां रोज नए नए प्रयोग होते हैं।
@ramsagar9214Сағат бұрын
श्रीमान् मैं आप दोनों महानुभावों के माध्यम से सरकार से जानना चाहता हूं कि सरकार तो राज्य के सभी नौनिहालों की शिक्षा- दीक्षा, देख -रेख और स्वस्थ्य का ध्यान है पर शिक्षक अपने परिवार और बच्चों से दुर रहकर कैसे अपने नौनिहालों का ख्याल रख पाएंगे? क्या अपने परिवार और बच्चों से दुर वह तन मन से शिक्षकीय कार्य कर पाएंगे? विचार करेंगे,इस तरह के स्थानान्तरण से शिक्षा,शिक्षक या किसी का भी भला होगा? अनन्यान समाज, अनन्यान स्थान , अनन्यान बच्चों में धुल मिल पाएंगें?आज का जो समाज और छात्र है वह शिक्षक के थोड़े से शक्ति को बर्दाश्त करने को तैयार हैं? नहीं। ऐसे में एक शिक्षक सिर्फ अपनी नौकरी बचाने में लगे रहेंगे।
@Educationworld1542 минут бұрын
शिक्षा नीति में सतत मूल्यांकन का प्रावधान है किन्तु इसके लिए मासिक परीक्षा प्रश्न और कॉपी देकर किया जाय ये जरूरी नहीं है, शिक्षक अपने स्तर से लगातार अवलोकन के द्वारा भी बच्चों का मूल्यांकन कर सकते हैं। प्रश्न पत्र और कॉपी के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा है। शिक्षक को खुद से स्वतंत्र रूप से भी तो कुछ करने दीजिए और उसे गैर शैक्षणिक कार्य में बिल्कुल भी न लगाया जाए तभी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की परिकल्पना की जा सकती है।
@advpranav6387Сағат бұрын
आज का इंटरव्यू बहुत बढ़िया है!
@shamsreza8602Сағат бұрын
जबरदस्त
@avinashravidas3306Сағат бұрын
संतोष जी, नमस्कार। नियोजित शिक्षकों के बीच सरकार दुविधा उत्पन्न कर रहा है, नियोजित बिशिष्ट या प्रधान शिक्षक किसमें ज्वाइन करे।। प्रधान शिक्षक की बहाली पहले हो जाने से बिशिष्ट शिक्षक से त्याग देना न पड़े। इस मुद्दे पर ध्यान दिया जाय।
@randhirkumar89549 минут бұрын
श्रीमान श्रीमान शिक्षकों को एक अनुमंडल से दूसरे अनुमंडल में पोस्टिंग देने से शिक्षा जगत में क्या फायदा होगा अभी हमारी पोस्टिंग 30 किमी था तो घर से आना जाना कर लेते थे पूरी लगन और मेहनत से पढ़ाया करते थे मगर 50। /80 किमी दूर डेरा लेकर रहने के बाद मैं मानसिक रूप से बच्चों को बेस्ट नहीं दे पाएंगे
@dharmendraratan178447 минут бұрын
मां गए सर, बिहार के शिक्षक कई लोगों का चला रहे रोजी रोटी
@bholaprasadgupta2477Сағат бұрын
Thank you Santosh Babu.Nawal kishor Babu and you are fearless.
@pparbindkumar8333Сағат бұрын
नवल किशोर सही बोल रहें हैं....
@anantsingh772732 минут бұрын
महीने महीने परीक्षा नहीं हफ्ते हफ्ते
@BinodPurvey-u5yСағат бұрын
Wah
@krishnadev16755 минут бұрын
Santosh sir transfer पोस्टिंग me app me लोचा हैं मैने महिला शिक्षिका का eshiksha ऐप पे ट्रान्सफर के लिए पंचायत का चुनाव किया था फॉर्म सबमिट भी कर दिए थे लेकिन आज देखे है कि पूरा का पूरा जिला से पंचायत सब अपने आप चेंज हो चुका है । अब ये फॉर्म कैंसिल भी नहीं हो रहा है ।
@AshaKumari-li1rhСағат бұрын
Sabhi teacher ko mn chaha transfer honi chahiye🙏🙏
@nitish1795sheikpura52 минут бұрын
नेताजी से नहीं पूछे 4 से 10 कब स्कूल चलेगा
@raghubanshyadav1157Сағат бұрын
Great news for me 🙏
@vibhakumari2591Сағат бұрын
बहुत-बहुत धन्यवाद सर 🙏🏻
@ashokk401Сағат бұрын
नवल जी रिजल्ट कुछ नहीं मिल रहा है
@SubodhKumar-pe4ld2 сағат бұрын
जो सरकार से वेतन लेते हैं उनके बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना अनिवार्य कर दिया जाय तो सरकारी शिक्षा अपने आप सुधार जाएगी।
@shakindrakumar66052 сағат бұрын
School ka time bhi 10 se 4 hona chahiye
@rimsa_30122 сағат бұрын
Very good interview for Bihar education system. Both of you have gone in childhood it is very intersting
@harendra1379Сағат бұрын
आज के संदर्भ में बात कीजिए महोदय....
@jitendrajamana295448 минут бұрын
बिहार में सरकार शिक्षक की नियुक्ति बच्चों को पढाने के लिए नहीं बल्कि हर माह चुनाव कराने ,जनगणना कराने ,पशु गणना कराने, blo के कार्य इत्यादि जैसे गैर शैक्षणिक कार्य कराने के लिए करती है संतोष जी।
@RAUSHANKUMAR-qw9doСағат бұрын
चिरकुट लोग भी शिक्षा के बारे में बात करने लगे हैं।😂 वाह! चुनाव नजदीक आते ही चिरकुटों की भाषा बदलने लगी है।😅😂
@SanjeevKumar-og6ebСағат бұрын
सर पुराने दिन लौटा दीजिए
@Ganeshkumar-i4g8zСағат бұрын
सबसे जरूरी है प्रथमिक शिक्षा
@asharfimehta5004Сағат бұрын
Right
@kaunainalatgzy7147Сағат бұрын
पत्नी वाला अनुमंडल पोर्टल पर अभी तक सुधार नहीं हुआ है सर
@satyanarayansingh7757Сағат бұрын
आज की रिपोर्टिंग ऑल द बेस्ट है सर
@aanuragsingh2999Сағат бұрын
ऐसे अबसरावादियों को क्योंकि लेकर बैढे हैँ संतोष जी.
@md.sanaullah46002 сағат бұрын
संतोष जी अभी जो मुद्दा है उसपर डिबेट कीजिए न। कल तक तो शिक्षक के ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर खूब बोल रहे थे आज सुबह से बोल तो रहे है शिक्षा पर मगर जिस मुद्दे पर बोलना चाहिए उस पर आप बोलने से बच रहे है क्या ऊपर से दवाब पड़ा है क्या?
@NKSingh-uf6xg2 сағат бұрын
विधान पार्षदजी! चैनल के स्टूडियो में बैठकर केवल चर्चा करने से काम नहीं चलेगा। चूंकि आप सरकार में हैं और सभी समस्याओं और उनके समाधान के उपाय भी आप बखूबी जानते भी हैं, तो आप इस दिशा में सुधार के लिए सरकार को बाध्य क्यों नहीं कर रहे हैं?
@sandeepkumar2091Сағат бұрын
Excellent work❤
@sabareyaz482149 минут бұрын
Sichchak padana chahta h magar Adhikari padane nhi deta sab
@vibhishankumar65322 сағат бұрын
Bat Sahi hai sir
@mohamedabdulwadood3686Сағат бұрын
Bahut achchha
@AmarYadav-kz9ztСағат бұрын
Sidharth sir ka interview lijiye Santosh babu ❤❤❤
@sandeepkumar2091Сағат бұрын
Gents teacher ke sath Bahut galat ho raha hai
@pparbindkumar8333Сағат бұрын
प्राथमिक विधालय की शिक्षा दुरुस्त करने की आवश्यकता है....
@prabhshyadav9302Сағат бұрын
Badlay ki bhabina se prarit hai sarkar or kuch nhi hai sir
@RameshKumar-ow4liСағат бұрын
आप दोनो अपने अपने जगह पे फालतू है आजतक आपदोनो का कोई भी पहल धरातल पर नही दिखता है 10 से 4 स्कूल टाइम त करवा ही दिए हैं