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तत्त्वार्थसूत्र, जैन आचार्य उमास्वामी द्वारा रचित एक जैन ग्रन्थ है।इसे 'तत्त्वार्थ-अधिगम-सूत्र' तथा 'मोक्ष-शास्त्र' भी कहते हैं। संस्कृत भाषा में लिखा गया यह प्रथम जैन ग्रंथ माना जाता है।इसमें दस अध्याय तथा ३५० सूत्र हैं। उमास्वामी सभी जैन मतावलम्बियों द्वारा मान्य हैं। उनका जीवनकाल द्वितीय शताब्दी है। आचार्य पूज्यपाद द्वारा विरचित सर्वार्थसिद्धि तत्त्वार्थसूत्र पर लिखी गयी एक प्रमुख टीका है।
तत्वार्थ सूत्र प्रवचन।Chapter -1।Tattvarth Sutra।आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी प्रवचन।Moksh Shastra
तत्वार्थ सूत्र उमास्वामी विरचित॥Tattvarth Sutra॥आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी॥Moksh Shastra
तत्वार्थ सूत्र उमास्वामी विरचित
तत्वार्थ सूत्र प्रवचन अध्याय -1
आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी
तत्वार्थ सूत्र पूर्णमति माताजी प्रवचन
मोक्ष शास्त्र
Tattvarth Sutra Chapter 1