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दोस्तों नमस्कार,
विकल्प वाणी सच्चाई की खोज़ में आपका स्वागत है।
दोस्तों, आज के आधुनिक युग में एमेज़ाॅन ई-काॅमर्स कंपनी का नाम कौन नहीं जानता। क्योंकि आज बच्चा-बच्चा आॅनलाईन शाॅपिंग करना जानता है। हिन्दोस्तान में आज लोग घर बैठे-बैठे, आॅनलाईन शाॅपिंग के जारिए, फै़शन, इलेक्ट्राॅनिक्स, घरेलू समान, मोबाइल या अन्य जरूरत के समान मगवा लेते है।
एमेज़ाॅन इन, दुनियाभर की सबसे बड़ी ई-काॅमर्स कंपनियां में से एक है। एमेज़ाॅन, 2013 में हिन्दोस्तान की धरती पर अपना कदम रखा। एमेज़ाॅन का दावा है कि इंडिया में 20 लाख लोग उसके लिए काम करते है। साथ ही 2030 तक अमेज़न इंडिया 26 बिलियन डाॅलर तक का निवेश हिन्दोस्तान में करेंगा।
एमेज़ाॅन के दुनिया भर में 175 वायर हाउस है यानि गोदाम हैं। जिनमें से 20 हिन्दोस्तान में हैं। जिसमें काम करने वाले ज्यादातर ग्रामीण नौजवान हैं। इनमें से बहुत बड़ी संख्या 20-30 साल की उम्र की नौजवान लड़किया की है। उदाहरण के लिए, हरियाणा के मानेसर के वायर हाउस में लगभग 1400 मजदूर काम करते हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत महिलाएं हैं।
आज हम एमेज़्ााॅन में काम करने वाली दो महिला वर्करों से बात करेंगे और उनके काम की समस्याओं पर चर्चा करेंगे। लेकिन आपको ध्यान दिलाना चाहते है कि उनकी नौकरी की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उनकी पहचान आपको नहीं बता पायेंगे।
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