क्षत्री का धर्म है।किसी चीज की क्षति होने से बचाना।चाहे क्षेत्र हो या समाज हो। गुरु जी प्रणाम । जय श्री कृष्ण।
@श्रीहरि-ङ4फ3 жыл бұрын
सबका धर्म एक ही है --- सेवा... :~ उसकी --- जिससे... समाज और परमात्मा प्रसन्न हों.! - ऊँ...
@vaibhavrajput99802 жыл бұрын
@@श्रीहरि-ङ4फ kya baat hai waah
@ashasharma4572 Жыл бұрын
श्रीमान् सिन्हा साहब जैसे विद्वान् बार बार भारत भूमि पर जन्म लेने चाहिए। प्रणाम।।
@आमआदमीपार्टी-त9फ3 жыл бұрын
डाक्टर साहब को शब्दों की व्याख्या पता है गीता का ज्ञान संसार दुखों से छुटकारा मोक्ष को प्रदान करने वाला है संसार समाज में कुरीतियों से संघर्ष है। एक कर्म के आधार पर गीता टिकी हुई है। स्व और धर्म सबके साथ धर्म जुड़ा हुआ है जिसकी रचना ब्रह्म ने की है उसी का पालन स्व धर्म का पालन है। यह योगियों के क्षेत्र का जो योगेश्वर श्रीकृष्ण का दिया हुआ ज्ञान करने योग्य है।
@demonkumar1833 жыл бұрын
Wah wah wah. Agar aap na hote to ye gyaan ka shabd humko arso me prapt hote wo bhi tukdo me.
@madariarun82343 жыл бұрын
Guru ji ka charano ko mere naman 🙏🙏 Love from telanagana
@renumarodia97492 жыл бұрын
Pranam gyan ke liye
@MOTIVATIONALNATIONAL11110 ай бұрын
सियावर रामचंद्र की जय 🚩 🚩 🚩
@ROHIT-KUMAR.2 жыл бұрын
गुरु जी प्रणाम।🙏
@RameshbhaiJadav-db5cx Жыл бұрын
गीता ज्ञान दाता परमपिता परमात्मा शिव निराकार राजस्थान माउंट आबू में 88 साल से आये है अब वह प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा भारत को स्वर्ग बनाने आये है अब जागो समय को पेहचानो फिर ना केहना हमें किसी ने बताया नहीं था
@vishwagurubharat5373 жыл бұрын
धन्यवाद गुरुजी
@inderjitsinghdhaliwalinedr94812 жыл бұрын
Namas kar charaan bandna mahatma ji.
@आमआदमीपार्टी-त9फ3 жыл бұрын
डाक्टर साहब।
@dkhan94563 жыл бұрын
आभार
@rkgcorp2 Жыл бұрын
🕉🙏🙏🌹🌹🌹🙏🙏
@ajeetrajani80833 жыл бұрын
धन्यवाद
@enjoyingthejourney93222 жыл бұрын
Jay shree krishna
@gauravgoswami86273 жыл бұрын
गुरू जी प्रणाम
@SKG19203 жыл бұрын
Hare krsna
@kavitabyraghav67233 жыл бұрын
परनाम गुरु जी jai Shri krishna from raghav Verma KARNAL
@AnuradhaSharma-ph9gz Жыл бұрын
🙏🙏
@jaybharat3677 Жыл бұрын
👌🏻🙏🏻
@Sahitya0033 ай бұрын
🙏🏻🧡
@neerajtiwari37932 жыл бұрын
गुरुजी योगवासिष्ठ पर प्रकाश डालने की कृपा करें । 🙏🙏🙏
@umasehgal8882 жыл бұрын
🙏
@gipsaa34402 жыл бұрын
❤️❤️❤️❤️
@anandpandey96623 жыл бұрын
Nice
@nksharma45142 жыл бұрын
मैं आपका आदर करता हूं लेकिन गीता में वर्ण के कर्म ब्राहृ्मण व क्षत्रियों के ये कर्म नहीं बताये हैं---वैश्य व शूद्र के तो आप ने सही बताये हैं,क्षमा करें 🙏
@durgaprasadsharma65812 жыл бұрын
Gurudev himmat singh ji ke kya number he
@GaneshGanesh-fo3jx3 жыл бұрын
Namskar
@laddugopal46913 жыл бұрын
प्रणाम गुरु जी
@dipakroy16763 жыл бұрын
Admi apna antaratma se ju gun aur karma atchaa lagte ohi Karna sahiye,isku Gita me swadarma other hand sthan,kal aur patrake sath Karan,karma,kriya ke tal mil banana sahiye,
@anutulpule3473 жыл бұрын
गुणकर्म विभाग तो समज आ रहा है
@pravinchandra16653 жыл бұрын
गुण-कर्म से वर्ण व्यवस्था को कैसे इम्प्लीमेंट करे??
@IkpatelIdar3 жыл бұрын
Knowledge google
@mudda26023 жыл бұрын
प्रभु जो वेक्ति मंच में वक्ता है और कलाकारी का भी कार्य करता है वो किस वर्ग में आएगा? ऐसे अगर वेक्ति वेद शास्त्र के अध्यन में भी रुचि रखता हो और सात्विक भोजन भी ग्रहण करता हो 🙏🙏🙏?
@omkarraoingole1622 жыл бұрын
श्रीकृष्ण का जाती धर्म यादव है यदुवन्सी है किन्तु स्वधर्म मे ब्रीकृष्ण धर्म के रक्षक धर्म को हानि ना हो धर्म स्थापित रहे इसके लिये कार्य या कर्म किये है ,,उनके गुण ,,,और कला एवं योग लगभग पूर्णता लिये हुए थे वह राजा थे ।.,,,,ब्रम्ह और परब्रम्ह से भी आगे अनन्त थे ,,ऐंसे अनन्त जिसमे सब कुछ समाया हुआ था ।आपका प्रश्न कलाकार के धर्म से है जाती या वन्स से नही वर्ण से नही ।वेद का अध्ययन ,,सात्विक भोजन के साथ,,,,भक्ति साधना कर्म कान्डी ,,.।अच्छा वक्ता यह ज्ञान के बल पर ही होता है ।कलाकार् कला के ज्ञान मे निपु णता से होता है ।जो ब्रम्ह से संम्बाधित है ।अतःआप गुण धर्म स्वभाव से ब्राम्हण एवं जाती जिस घर या वन्स मे पैदा. हुए है वह है ।to my personal view ,,,,
@manbahadursingh95573 жыл бұрын
मन्दिर बनानेवाला सिल्पकार कैसे अनईस्किल्ड हो सकता है
@rajendersingh1k1k22Ай бұрын
हो रहा है ना कन्फ्यूजन होएगा। कर्म के अनुसार तीन चीज मिल जातीहै वर्ण आयु और भोग। वर्ण को परिभाषित और वर्गीकरण करने के लिए जातियां रखी जातीहै। तभी जाकर व्यक्ति की पहचान संभाषण संभव हो पाता है
@hindustani4562 жыл бұрын
धर्म मे कितने अच्छे से समाज को चलाने के लिए वर्ण व्यवस्था की। उसे जन्म के आधार पर नही की पर हमें समाज ने अपने वरचस्व अनुसार जाति का भार दे दिया और वर्ण के महत्व को पूरी तरह खत्म कर दिया क्या ऋषि वाल्मीकि जी कोई ब्राह्मण थे? नही होने पर भी किसी उच्च कोटि के ब्राह्मण के नीचा दर्शन नही मिलता।
@murlidharbakal68573 жыл бұрын
क्षत्रीयाचा धर्म लढणा तो कृपाचार्य ,द्रोणाचार्य यांनीधर्माचे पालन केले काय
@anutulpule3473 жыл бұрын
वर्ण संकर का डर अर्जुन ने क्यू उपस्थित किया है ?
@raghavverma73062 жыл бұрын
गुरु जी परनाम Jai Shri krishna from raghav Verma KARNAL