आत्मा ( पवार) फोर्स।। जो चलती दिखे उसे नाम देते स्त्री ( फोर्स). यहीं फोर्स जब शांत रहें तो उसे ही पुरुष नाम दिया।। ❤ स्त्री सब कुछ ऐसी लिए कहा जो सब कुछ हैं वहीं पुरुष शान्त अवस्था।। ❤
@SaradaCheetri27 күн бұрын
om namha sibay❤❤❤
@Yogatantra201026 күн бұрын
Thank you
@Mujhe_sab_pata_hai7 ай бұрын
मुक्ति पद के लिए स्त्री ओर पुरुष का ब्रह्म कन्फ्यूजन वह दूर करे।। फिर पास।। की कोई अंतर ही नहीं होते हुए भी।। ❤ हा और ना 🎉 सत हैं असत भी 🎉 बस इतना कहें सिंबल मात्र।। समझने के लिए एकाग्रता एक मात्र।। एक पद तक पहुंचे।। 🎉
@Mujhe_sab_pata_hai7 ай бұрын
जब तक ब्रह्म ( कन्फ्यूजन) बना रहें जीवन में वह पुनरावरती मैं।। वह स्त्री भाव मैं जी रहा।। जो समझ लेता स्त्री को वह अपनी स्त्री को शांत कर स्थिर हों जाता।। पर ये भी मुक्ति नहीं।। ❤ मुक्ति तो दोनो भाव एक साथ वाला।। चले ओर ना चले एक समान वही मुक्ति युक्त पद।। ❤❤❤❤
@MandeepSingh-zu8uj7 ай бұрын
Kbhi kehte, aatma nar h y nari kbhi kehte parmatma nar h y nari, ye kya ho reha hai
@Yogatantra20107 ай бұрын
दर्शन शास्त्र है
@Gita-or6ld3 ай бұрын
Nathi hai
@Yogatantra20103 ай бұрын
@@Gita-or6ld एक
@Lucifer330852 ай бұрын
Aatama na to ner hai na nari
@Yogatantra20102 ай бұрын
@@Lucifer33085 thank you
@BhawarLal-w3f2 ай бұрын
My😅paas😅comeon😅fir😅dun😅answer😅tumko😅kya😅h
@Yogatantra20102 ай бұрын
@@BhawarLal-w3f sochiye
@ShivKumar-dl4qv22 күн бұрын
आप ऐसे मनुष्य या असुर या रक्षा को मूर्ख बना सकते हो जो अध्यात्म से विमुख हैं जो अध्यात्म से जुड़ा हुआ है उसके लिए यह ऐसा प्रश्न का कोई अर्थ ही नहीं है अर्थात यह तथ्य इन आधार हैं और अर्थ हैं है इसका विवरण करने का कोई तात्पर्य ही नहीं है आप पूर्ण ब्रह्म परमात्मा के नमो गुरु प्रभाव और स्वरूपों की चर्चा करो जो भगवान से वह मुख्य है उनको भगवान के समीप लव अरे मूर्ख आत्मा तो परमात्मा है और परमात्मा सो परम गति वह सर्व रूप में है फिर नर्मदा का क्या अर्थ है वास्तव में ना कोई न है ना मादा है यह तो एक हमारे मन और बुद्धि का ही भाव है
@Yogatantra201022 күн бұрын
Pura dekhiye yhi baat bataya hai
@ShivKumar-dl4qv22 күн бұрын
अपने मात्र एक यह साइंस के तर्क वितर्क पर बताएं यह परमात्मा की संरचना है जो अपनी बुद्धि से अत्यंत पड़े हैं मूर्ख मत बनाओ किसी को परमात्मा के अन्य ऐसा कोई भेद किसी के पास है ही नहीं