आत्मा ( पवार) फोर्स।। जो चलती दिखे उसे नाम देते स्त्री ( फोर्स). यहीं फोर्स जब शांत रहें तो उसे ही पुरुष नाम दिया।। ❤ स्त्री सब कुछ ऐसी लिए कहा जो सब कुछ हैं वहीं पुरुष शान्त अवस्था।। ❤
जब तक ब्रह्म ( कन्फ्यूजन) बना रहें जीवन में वह पुनरावरती मैं।। वह स्त्री भाव मैं जी रहा।। जो समझ लेता स्त्री को वह अपनी स्त्री को शांत कर स्थिर हों जाता।। पर ये भी मुक्ति नहीं।। ❤ मुक्ति तो दोनो भाव एक साथ वाला।। चले ओर ना चले एक समान वही मुक्ति युक्त पद।। ❤❤❤❤
@Mujhe_sab_pata_hai7 ай бұрын
मुक्ति पद के लिए स्त्री ओर पुरुष का ब्रह्म कन्फ्यूजन वह दूर करे।। फिर पास।। की कोई अंतर ही नहीं होते हुए भी।। ❤ हा और ना 🎉 सत हैं असत भी 🎉 बस इतना कहें सिंबल मात्र।। समझने के लिए एकाग्रता एक मात्र।। एक पद तक पहुंचे।। 🎉
@Gita-or6ld3 ай бұрын
Nathi hai
@Yogatantra20103 ай бұрын
@@Gita-or6ld एक
@MandeepSingh-zu8uj7 ай бұрын
Kbhi kehte, aatma nar h y nari kbhi kehte parmatma nar h y nari, ye kya ho reha hai