অতি সুন্দর ভাবে বোঝানো হয়েছে, খুব ভালো লাগলো, শতকোটি প্রনাম🙏🙏🙏
@devendraprasad7879 Жыл бұрын
सद्गुरु सिद्धार्थ जी चरण स्पर्श।
@mahabirsadhusongeet3131 Жыл бұрын
सरल विधि से जानकारी देने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद
@ranamayursinh14092 жыл бұрын
Har har mahadev
@rashmidixit72063 жыл бұрын
Very nicely explained 👌👌
@devendraprasad7879 Жыл бұрын
पुनः चरण स्पर्श।
@dr.ranbirthakur3 жыл бұрын
अहोभाव 🙏🌹
@swaymbho4 жыл бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏
@harjindersinghsound7002 Жыл бұрын
❤❤
@गुरुकृपा-व5च3 жыл бұрын
Bahut hi badiya trike see samjaya ji ... Bahut bahut dhaneyabaad ji 💓🙏
@AnilPant1082 жыл бұрын
🙏❤️🕉️🌹🌹🌹💐💐💐🙏
@aacharyasureshmishra4 жыл бұрын
Thanks & Gratitude Respected Beloved Sadgurudev for Nice Guidance 💐💐💐🙏🙏🙏
@rajendersingh-fb2dk4 жыл бұрын
आरक्षण और भ्रष्टाचार को हटाने की जरूरत तो है ।। ऊँ गुरूदेवाए नमः ।।
@rajivagrawal36284 жыл бұрын
Ahobhav Sadguru
@chandrakantmadankar13464 жыл бұрын
NICE
@FactFictionTruth4 жыл бұрын
Beautifully explained.🙏🙏🙏
@AnilPant1083 жыл бұрын
🙏❤️🙏🌹🌹🌹💐💐💐
@masumfaiz98243 жыл бұрын
Jai bharat jai bhim jai sambedhan jai bigyan jai kisan jai manawta.
@Drrijal143 Жыл бұрын
🏛️🕘️🎇🌹🥀☯️💌✨🎆💖💝💞Gratitude
@deepaksatyarthi94718 ай бұрын
Sharir kitne parkar k hote h guruiji, swarg nark kaun bhogta h ,jb atama ko ko shstra kat nahi sakte na agni jala sakti tb kisko dand milta h
@SunilKumar-hx6wm3 жыл бұрын
Plz mein iss question k saat kyi saalo se ghum rha hu ..during earth creation .why God created non vegetarian animals hinsk janwar Kya jarurat ti
@ajeetaprajit64302 жыл бұрын
Aap kis uppri taqat ka mante h gurujii shiv tatva(ram- krishan tatva) toh Sarvoviyapi h aap me - Mujh me sb me h wo toh parmatma maanne ka subject nhi h wo toh jaanne ka subject h aap jaanne ka marg batane ki kripa kre.
@rajendraprasad47022 жыл бұрын
What is brahm lçk
@sirdr.aanandprakash865824 күн бұрын
आत्मा का जन्म क्या पंचमहाभूत से होता है?
@Saroj_devi1232 жыл бұрын
Marne ke baad jo insaan dikhai nahi deta ussay kaise dekha sakte h
@anushaknavikahemantvlogs70333 жыл бұрын
Mera bachha 14 mounth ka tha muje chhodadkar duniya se kiu chala gaya Keya mujse koi pap huaa hai
@हिमतारामपरिहार-ण4फ3 жыл бұрын
जीवात्मा का ब्रह्म लोक मे निर्माण होता है तो जिसका निर्माण होता है उनका विनाश भी निशीन्त है तो क्या जीवात्मा का भी विनाश होता है मार्ग दर्शन करे गुरु देव
@obekhabar13 жыл бұрын
# अकह अनाम क्या परमात्मा ने हमें बनाया है?? परमात्मा हमको कभी नहीं बनाता, परमात्मा परम अकर्ता है I चाहे उसे आत्मा कहो या परमात्मा कहो I आत्मा सर्वव्यापी है वो परम अकर्ता है , वो किसी को भी नहीं बनाता I चाहे मनुष्य हों , चाहे कोई भी जीव जंतु , कीड़े मकोड़े , पेड़ पौधे , जो कुछ भी हम देख रहे हैं या सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव ,जो हम इन आँखो से देख नहीं सकते , कुछ भी परमात्मा ने नहीं बनाया है हम सब शून्य से बने हैं I दो धाराएँ हैं , एक मन की धारा , एक आत्मधारा I आत्म धारा कहो या परमात्म धारा कहो या निशब्द धारा कहो , सर्वव्यापी धारा कहो, ये सब परमात्म धारा ही कहलाती है I और एक है मन की धारा I ये दोनो ही शाश्वत धाराएँ हैं , लेकिन परमात्मा पूर्ण रूप से अविनाशी है और मन की धारा विनाश में आती है , फिर बन जाती है , लेकिन है शाश्वत I शाश्वत का मतलब ये हुआ की ये धारा ख़त्म कभी नही होती I बनती है बिगड़ती है , फिर बनती है बिगड़ती है I सारे द्वैत और अद्वैत मन की धारा में ही आते हैं I और परमात्म धारा में , मन की समस्त विधाओं से , मन के समस्त विचारों से , मन की समस्त कल्पनाओं से , और मन की समस्त साधनाओं से वो परमात्मा परे है अलग है , वो किसी को भी नहीं बनाता है I हम सब परम शून्य से बने हैं और वापिस परमशून्य में मिल जाते हैं ख़त्म होकर , लेकिन यदि किसी को मुक्ति चाहिए तो हमें पूर्ण मिटना होता है , और वो पूर्ण मिटना निशब्द से होता है , जो कि निः तत्व है I समस्त तत्व और और अतत्व से परे निः तत्व होता है I ये जो सारी सृष्टि बनी है परमात्मा के आधार पर है , परमात्मा ने बनाया नहीं है I इसे हम एक उदाहरण से समझते हैं , जैसे धरती है , धरती पर हम मकान बना लेते हैं , गाड़ी घोड़े बना लेते हैं , वो बनाया हमने न की धरती ने , लेकिन लेकिन धरती के आधार पर बनाया I परमात्मा के पास ना कोई जा सकता है और ना ही कोई वहाँ से निकल कर आ सकता है I तो फिर मुक्ति किसे कहते हैं ????????????? मुक्ति केवल उसी को कहते हैं जब हम मन की धारा को पूर्ण रूप से छोड़ते हैं I इसका तात्पर्य यह है कि जब हम अपना पूर्ण अस्तित्व मिटा देते हैं , तब हम परमात्मा धारा में आ जाते हैं I इसका मतलब यही हुआ , हम मिट गए, परमात्मा बच गया , परमात्मा में जाकर समाते नहीं हैं हम I क्योंकि अगर हम समा रहे हैं तो समझिए हम मन की धारा में ही हैं , वापस आएँगे इस संसार में फिर से अनंत योनियों में भटकेंगे या कहो जन्म लेंगे, ((ज़रूरी नहीं है की मनुष्य जन्म ही मिले , किसी भी योनि में जन्म हो सकता है , पशु , पक्षी, कीड़े मकोड़े, अंधे, लूले लंगड़े पेड़ पौधे आदि आदि ,)) इससे मुक्ति नहीं कहते I परमात्मा में कोई जाकर नहीं समाता I जब तक हमारा अस्तित्व है तब तक हम बंधन में हैं , जब हमारा अस्तित्व मिटता है तो स्वयं सर्वव्यापी हो जाते हैं और हमेशा के लिए आवागमन ख़त्म हो जाता I धन्यवाद I AKAH ANAM channel dekhiye bhai Sare sawal ka jawab milega
@b.nsaxena27593 жыл бұрын
जगत में कोई वस्तु नष्ट नही होती केवल रूपान्तरित होती है।
@harekrishna85474 жыл бұрын
Guru ji jo isha wala satdguru ha wo atma ko kyu nhi manta
@yugaditya47682 жыл бұрын
Jeevaatma anadi hai, aur suksham sharir me 17 tatv hote hai. Aapki baten ved virudh hone se pramanik nhi hai.