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Aaj ki #murlikasaar | 02-09-2024| BK Pushpa Didi|बाबा जब बच्चों से मिलते हैं तो पूछते हैं - बच्चे, पहले तुम कब मिले हो? जो बच्चे समझे हुए हैं वह झट कहते हैं - हाँ बाबा, हम 5 हज़ार वर्ष पहले आपसे मिले थे। जो नहीं समझते हैं, वह मूँझ जाते हैं। ऐसा प्रश्न पूछने का अक्ल दूसरे किसी को आयेगा भी नहीं। बाप ही तुम्हें सारे कल्प का राज़ समझाते हैं।
वरदान:-
ब्राह्मण जन्म की विशेषता को नेचरल नेचर बनाने वाले सहज पुरुषार्थी भव
ब्राह्मण जन्म भी विशेष, ब्राह्मण धर्म और कर्म भी विशेष अर्थात् सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि ब्राह्मण कर्म में फालो साकार ब्रह्मा बाप को करते हैं। तो ब्राह्मणों की नेचर ही विशेष नेचर है, साधारण वा मायावी नेचर ब्राह्मणों की नेचर नहीं। सिर्फ यही स्मृति स्वरूप में रहे कि मैं विशेष आत्मा हूँ, यह नेचर जब नेचरल हो जायेगी तब बाप समान बनना सहज अनुभव करेंगे। स्मृति स्वरूप सो समर्थी स्वरूप बन जायेंगे - यही सहज पुरुषार्थ है।
स्लोगन:-
पवित्रता और शान्ति की लाईट चारों ओर फैलाने वाले ही लाइट हाउस हैं।
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