100 number ki Gau Mata Jeetu bhai ke pass hai aur tharparkar nasal ki
@Tanishqswami1232 жыл бұрын
😍
@manojswamivlog252 жыл бұрын
👍👍👍👍👍
@ankityadav92932 жыл бұрын
L 10 acha lga
@totalfarming1052 жыл бұрын
ndri करनाल के bull भी दिखाए।
@duhan17322 жыл бұрын
EN sB ka record bhi dikhana tha bhai ji..aapne
@Gauvats2 жыл бұрын
नंदियों के रिकॉर्ड भी बता देते तो ओर भी अच्छा होता,क्योंकि नंदी का दर्शन बिना रिकॉर्ड के अधूरा है
@SUNILCOWFARMING2 жыл бұрын
Agli bar dhyan rkhuga bhai
@shawetattri19902 жыл бұрын
आज तक किसी भी यूट्यूब चैनल में रेड सिंधी भूल को नहीं दिखाया इंडिया में नहीं है क्या
@Gauvats2 жыл бұрын
हिमाचल,उत्तराखंड में है ब्रीडिंग सेंटर
@shawetattri19902 жыл бұрын
I m from Himachal pardesh , kaha par hai , ? Uttrakhand k bare me suna hai vo bhi thodi mix breed hai
@shawetattri19902 жыл бұрын
@@Gauvats vaha par ka kar video banaye bhai ji please 🥺
@गौभक्तगोपालसिंह2 жыл бұрын
@@shawetattri1990 हाँ भाई जी आप सच कह रहे हो मैंनें भी एक वीडियो में वहां की सारी गायें और नन्दी देखे हैं कुछ कुछ नन्दी तो शुद्ध हैं परन्तु कुछ कुछ सांड लाल सिंधी मिक्स जरसी हैं और गायों का भी यही हाल है बहुत सी गायें वहां पर मिक्स ब्रीड में हैं और मैं आपको बता देता हूँ कि राजस्थान के कुछ कुछ चुनिंदा इलाकों में और पंजाब के फाजिल्का में ही कुछ कुछ शुद्ध लाल सिंधी नस्ल के नन्दी व गौमाताएँ हैं।
@shivamrana11742 жыл бұрын
Haryana breed ki ek bhi khubi in bullo me nhi kharab cross breed bull
@dr.nvnyadav2 жыл бұрын
Hardhenu breed ka bull nhi h kya LUVAS me
@SUNILCOWFARMING2 жыл бұрын
Pta kerke btata hu
@गौभक्तगोपालसिंह2 жыл бұрын
भाई जी मैंनें एक वीडियो देखा है कि यहां पर इतने अच्छे नन्दी होते हुए भी यहां की गायों को इन नन्दियों से नहीं बल्कि इन नन्दियों के semen से ग्याभिन करवाया जा रहा है ऐसा क्यों?
@SUNILCOWFARMING2 жыл бұрын
Ye sabhi jgh mileage Akko government farm per pta nhi kya policy hoti h inki glat h Wase ye 😴
@ramavtarsingh55922 жыл бұрын
इसका एक कारण ये है एक bull के बार के semen se hazaro गायें गयाभिन् हो जाती हैं Jabki natural tarike se sirf ek hi hoti hai
@गौभक्तगोपालसिंह2 жыл бұрын
@@ramavtarsingh5592 भाई मैं बोलता तो कुछ नहीं पर आने वाले समय में कृत्रिम गर्भाधान की वजह से बहुत लोग पछताएंगे साधारण भाषा से समझाऊं तो कृत्रिम गर्भाधान के कारण स्वावलम्बी गौशाला का निर्माण कभी नहीं हो सकता ना रोगी ठीक हो सकते हैं कृत्रिम गर्भाधान वाली गायों के गव्यों से। यह पूरा विज्ञान है जिसे गव्यसिद्धाचार्य डॉ निरंजन भाई वर्मा जो अमर बलिदानी श्री राजीव भाई दीक्षित के साथ कार्य भी कर चुके हैं उन्होंने वेदों से,शास्त्रों से गौमाता का पूरा विज्ञान निकाला और उसमें उन्होंने गौमाता कैसे सूरज की सातों रंगों की किरणों को अवशोषित करती है और साथ साथ दो अदृश्य उर्जायों को भी अवशोषित करती हैं जिनका नाम है "प्रज्ञा ऊर्जा और क्रिया ऊर्जा"जो कि सूर्य केतु नाड़ी यानी कि कुकुन्द में इकठ्ठा होता है और फिर गौमाता सूर्य से अवशोषित उर्जाओं को अपने गव्यों के माध्यम से हमारे शरीर को प्रदान कर ब्रह्म ऊर्जा,विष्णु ऊर्जा और रुद्र ऊर्जा के साथ साथ पंचमहाभूत और सातों चक्रों को पुष्ट करती है। और फिर इनके गव्यों से विभिन्न प्रकार के असाध्य रोग जैसे:- कैंसर,हार्ट प्रॉब्लम,किडनी प्रॉब्लम,शुगर,गाठिया, चरम रोग,वायु रोग,यौन रोगों की चिकित्सा हो सकती है लेकिन यह तभी सम्भव हो सकता है जब गाय या अन्य गौवंश का जन्म प्राकृतिक मिलन से हुआ होता है बाकी जिनका कृत्रिम रूप से मिलन होता है उनके गव्यों में न तो प्रज्ञा ऊर्जा न तो ब्रह्म ऊर्जा न चेतना शक्ति होती है जिससे उनके गव्यों और उनके गव्यों से बने उत्पादों से साधारण रोग ही ठीक हो पाते हैं असाध्य रोग नहीं हमने जितने भी रोगियों को कृत्रिम गर्भाधान से जन्मे हुए गौवंश के गव्यों का सेवन करने को दिया उनमें से आज तक कोई एक भी ठीक नहीं हुआ और बाद में जब प्राकृतिक गौवंश के गव्यों का सेवन करवाया तो वे निश्चित रूप से ठीक हुए अब आप समझ ही गए होंगे जिसके कारण अगर भविष्य में अगर कोई उन गायों से बने उत्पादों को किसी असाध्य रोग से पीड़ित रोगी को देता है तो वह ठीक नहीं होगा और गौमाता ही बदनाम होगी और ना ही उतनी अच्छी प्राकृतिक खेती हो पाएगी उन गायों के मूत्र और गोबर से। तो आप इस बात को समझें कि हमें दूध के पीछे नहीं भागना चाहिए और नन्दी चाहे कम दूध वाली रक्तप्रणाली से ही क्यों न हो उसका गौमाता के साथ प्राकृतिक गर्भाधान ही करवाना चाहिए वेदों में भी ईश्वर ने कहा है कि"हे मनुष्यों गौवंश का कर्तव्य भाव से,उसकी सेवा के बदले बिना किसी चीज की अपेक्षा रखते हुए उसका पालन करो और जितने गव्य वह तुम्हें प्रदान करे जैसे दूध उतने ही गव्यों के सेवन से तुम सन्तुष्ट रहो और अपने शरीर को भी स्वस्थ रखो तुम्हारा कल्याण होगा" तो हमें बिना किसी दूध की आसक्ति रखते हुए गौवंश का प्राकृतिक रूप से पालन करना चाहिए क्योंकि दूध के चक्कर में हम गौवंश के अन्य दूध के साथ साथ अन्य गव्यों की शक्ति को बर्बाद कर रहे हैं तो हमें गौवंश का प्राकृतिक रूप से ही गर्भाधान करवाना चाहिए जय गौमाता जय गोपाल🙏🙏 जय नन्दी महाराज🙏🙏 भाई राजीव दीक्षित अमर रहे🙏🙏