बहीन स्नेहा आ समस्त मिथिला मिरर टीम के बहुत-बहुत धन्यवाद। अहाँ सब एहिना मिथिला के सेवा करैत रहूं। हमरो सासुर बगले में राढ़ी ग्राम में अछि आ घर बेनीपट्टी में। मुदा दिल्ली में आईएएस आ बीपीएससी के विद्यार्थी सब के पढ़ा रहल छी। हम मिथिला मिरर के माध्यम स अपन क्षेत्र सं जुड़ल महसूस करै छी। चकौती ग्रामक काकी आ बहीन सब के प्रणाम। जय मिथिला, जय मैथिली 🙏🚩
@sanjayjha9662 ай бұрын
अद्भुत दृश्य मैथिल और मैथिला के ❤🙏🚩
@SANATANMAITHILI2 ай бұрын
❤जय मिथिला🙏 🇳🇵
@vijaynarayanmishra85362 ай бұрын
Jai mithala jai maithil🙏🙏
@mukeshjha-jw3pf2 ай бұрын
Jai mithila
@drashutoshjhaiasacademy95462 ай бұрын
Incredible culture of mithila.
@sarojkumarjha59722 ай бұрын
❤ sundar sneha jee
@Santoshjhabharat92 ай бұрын
जय मिथिला धाम ❤
@jaykumarjha87822 ай бұрын
Jay mithila jay maithili
@surajkrjha35962 ай бұрын
बहुत सुंदर लागल से हम्मर गाम आबि क शामा चकेबा के विडियो बनेलऊ..... ललित भईया के बहुत बहुत धन्यवाद...
@adityachoudhary-zi6tr2 ай бұрын
Bahut Sundar!
@ManjuDevi-p9n2 ай бұрын
बहुत सुंदर
@chitraexclusive2 ай бұрын
Bahut nik Prastuti Sneha ji dwara. ekar jatek prasnsa kari kam hetai.
@pramodsahani68682 ай бұрын
Maithili ✨
@NituMishra-f4k2 ай бұрын
Bahut nik 💐💐
@PawanThakur-c6r2 ай бұрын
Bahut sundar
@rajkumarthakur57092 ай бұрын
जय मिथिला जय मैथिल
@pratibhakumari-kp7nd2 ай бұрын
Hum Canada sa Dekh rehel chhi❤
@gagankumarjha38452 ай бұрын
Bahut sunder sneha ji
@VijayThakurVijayThakur-ow1nm2 ай бұрын
Jaiho
@nvsparsa2 ай бұрын
सामा चकेवा का त्योहार: भाई-बहन के प्यार का प्रतीक सामा चकेवा मिथिलांचल और कोसी क्षेत्र का एक लोकप्रिय त्योहार है जो भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। यह त्योहार कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और आठ दिनों तक चलता है। त्योहार की कहानी इस त्योहार की उत्पत्ति भगवान श्रीकृष्ण के पुत्री साम्बवती (सामा) और पुत्र साम्ब के पवित्र प्रेम पर आधारित है। पद्म पुराण में इस कहानी का उल्लेख मिलता है। त्योहार कैसे मनाया जाता है? * मिट्टी की मूर्तियाँ: इस त्योहार में सामा, चकेवा, चुगला, सतभैंया आदि की मिट्टी की मूर्तियाँ बनाई जाती हैं। * लोकगीत: महिलाएं इन मूर्तियों को सजाकर पारंपरिक लोकगीत गाती हैं। * भाई के लिए मंगलकामना: बहनें अपने भाई के दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। * चुगला दहन: अंत में चुगला को जलाया जाता है जो बुराई का प्रतीक है। त्योहार का महत्व * भाई-बहन का प्रेम: यह त्योहार भाई-बहन के पवित्र बंधन को मजबूत करता है। * सांस्कृतिक महत्व: यह मिथिलांचल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक हिस्सा है। * पर्यावरण संरक्षण: इस त्योहार के गीत पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं। क्यों मनाया जाता है? यह त्योहार भाई-बहन के प्यार और एकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। साथ ही, यह हमारे समाज में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है।
@Defence_1472 ай бұрын
Bahut sundar sneha jii bachpan se hum hu dekhai chhalo lekin exact kahani nai bujhal chhal😊
@amitkaran60732 ай бұрын
Waah ! dekhi ka appan bachpan yaad aabi gel.
@ajitjha26662 ай бұрын
❤❤
@baijukumar54032 ай бұрын
Jay ho mithala ki maharani
@jitendra42542 ай бұрын
हमर संस्कार हमर संस्कृती जय मिथिला जय मैथिली
@bhartimishra37722 ай бұрын
Jai maithili
@RajMishra-ez2mi2 ай бұрын
Apratim.
@अनुरागझा-र7ज2 ай бұрын
हम्मरा विशवास नै भै रोहल अईछ जे सीतामढी मे सेहो मैथिली बोलल जाई छै ।
@nandkishorjha93162 ай бұрын
Sitamarhi me te nik9maithily bajal aiet achhi
@अनुरागझा-र7ज2 ай бұрын
@nandkishorjha9316 अहा सीतामढी मे कौन जगह सँ छी ई बता दिय कनिक भाई जी
@RAHULKUMAR-br8mv2 ай бұрын
हमु छोट म सामा खेले त रही... खुब याद आवे छे....
@smitavarsha2 ай бұрын
हमर ग्राम,हमर मां आ दीदी
@SNJHA-bg3vn2 ай бұрын
Hii
@BhajanCulture2 ай бұрын
Hamhu Silvassa sau aha ke channel ke madhayam sau aai pahil ber KZbin ke madhayam sau dekh rahal chii aai tak gaon me ham sama dekhnahe nai chii kiyaki hamra babuji ke chutiye nai di chaii chhath me te duare Radhe Radhe ❤