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भारत के प्रमुख बारह ज्योतिर्लिंगों में तृतीय भगवान श्री महाकालेश्वर के प्रमुख गण के रूप में पूजे जाते है भगवान् काल भैरव । काल भैरव, जो है काल अर्थात समय के आदि देव, भगवान् शिव का भीषण और महारौद्र स्वरूप । उज्जैन का ये पौराणिक मंदिर श्मशान क्षेत्र में स्थित होने के कारण तंत्र साधकों के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है । घनी आबादी से दूर काले पत्थर की बड़ी शिलाओं से निर्मित भगवान् काल भैरव का ये मंदिर विश्व में अपनी एक ख़ास पहचान और महत्त्व रखता है । भगवान् काल भैरव का ये प्राचीन मंदिर आज भी लोगो के लिए अत्यंत कौतुहल का विषय बना हुआ है । इसका प्रमुख कारण है भगवान् काल भैरव को लगने वाला मदिरा का भोग । इसे चमत्कार कहें या कुछ और, पर सत्य तो यहीं है कि यहाँ भगवान कालभैरव मदिरा या शराब को ग्रहण करते है। किसी भी भगवान के मंदिर में प्रवेश करने के बाद सभी भगवान को भोग के रूप में मिठाई मेवा और बहुत सी वस्तुएं अर्पित करते है मगर उज्जैन के काल भैरव मंदिर में भगवान को भोग में शराब चढ़ाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि मदिरा के भोग के बाद ही भगवान काल भैरव प्रसन्न होते है और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। #media18network #kaalbhairav #ujjain