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कुछ अर्शे के बाद हसन अपने दिमाग़ और अपनी क़ाबिलियत की वजह से बादशाह के दरबार में सबसे ख़ास लोगों में शामिल हो गया जब शहज़ादा सुल्तान तुग़लक़ हिन्दुस्तान का बादशाह बना तब उस वक़्त हसन दकन में था दकन के लोगों ने आपस में राय-मशवरा करके हसन को अपना बादशाह बना लिया
जब एक शख्स हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के पास मदद के लिए आया
हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया रहमतुल्लाह अलैह ने बड़ी मोहब्बत से फ़रमाया बादशाह सलामत बैठ जाइए
एक सुल्तान गया और दूसरा सुल्तान आ गया