उत्तराखंड: बीजेपी में भारी बगावत, बागियों ने बनाया खुद का मोर्चा, दिल्ली तक मची हलचल

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Rai Shumari

Rai Shumari

Күн бұрын

Пікірлер: 28
@balamsinghbisht7995
@balamsinghbisht7995 10 күн бұрын
पार्टी को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा अगर पुराने कार्यकर्ताओं को जगह नहीं मिली तो पार्टी उत्तराखंड में खत्म हो जाएगी
@pku0043
@pku0043 13 күн бұрын
Congress
@harendranegi6533
@harendranegi6533 12 күн бұрын
विपक्षी भी तो इसी उम्मीद से शामिल हो रहे हैं कि हमारी भी कुछ सेटींग हो । एक अनार सौ बीमार ।
@rainbow-b6l
@rainbow-b6l 12 күн бұрын
जब जनता या ईवीएम सरकार की अल्टी पल्टी की परिपाटी को दूषित करती है तो ऐसा ही मंजर देखने को मिलेगा। ये तो अभी हवा है, शीध्र ही आंधी भी आने वाली है। एक देश भक्त 🙏 भारत माता की जय, जय भारत🇮🇳🇮🇳🇮🇳
@Krishnabhakt123-gz2ed
@Krishnabhakt123-gz2ed 12 күн бұрын
इस बार जीतेगी तो सिर्फ निर्दलीय नेता भारत की राजनीति में पिछले कुछ वर्षों से बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। जहां पहले राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियां सत्ता पर अपना वर्चस्व जमाती थीं, वहीं अब निर्दलीय नेताओं का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। इसका कारण है जनता का दलों की खोखली राजनीति से मोहभंग और उनके असली मुद्दों की अनदेखी। निर्दलीय नेताओं की बढ़ती लोकप्रियता निर्दलीय नेताओं का उदय इस बात का संकेत है कि जनता अब साफ-सुथरी और जवाबदेह राजनीति चाहती है। इन नेताओं का मुख्य उद्देश्य अपनी जनता के मुद्दों का हल निकालना होता है, न कि किसी पार्टी के दबाव में काम करना। इनके पास पार्टी की विचारधारा का बंधन नहीं होता, जिससे वे स्वतंत्र रूप से अपने क्षेत्र के लिए फैसले ले सकते हैं। पार्टियों के प्रति जनता का अविश्वास बड़ी पार्टियां अक्सर चुनाव के समय वादों का पिटारा खोलती हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्हें भूल जाती हैं। चाहे वह बेरोजगारी हो, शिक्षा हो, स्वास्थ्य सेवाएं हों या मूलभूत ढांचा-इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जाता। इस वजह से जनता अब पार्टियों के बजाय निर्दलीय नेताओं की ओर देख रही है, जो क्षेत्रीय और जमीनी स्तर के मुद्दों पर फोकस करते हैं। निर्दलीय नेता क्यों खास हैं? 1. जनता के करीब: ये नेता अपने क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं और जनता के बीच आसानी से उपलब्ध होते हैं। 2. कोई पार्टी दबाव नहीं: निर्दलीय नेता बिना किसी पार्टी लाइन के बंधन के स्वतंत्र फैसले लेते हैं। 3. ईमानदारी और पारदर्शिता: इनके पास बड़े चुनावी फंड और शक्ति का दुरुपयोग करने के साधन नहीं होते, जिससे ये जनता के प्रति अधिक जवाबदेह होते हैं। चुनाव में निर्दलीय नेताओं का प्रभाव पिछले कुछ चुनावों में निर्दलीय नेताओं ने यह साबित किया है कि वे भी मुख्यधारा की राजनीति में अपनी जगह बना सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, कई निर्दलीय उम्मीदवारों ने स्थानीय मुद्दों को उठाकर बड़े दलों को हराया है। क्या निर्दलीय नेता बदलाव ला सकते हैं? बिल्कुल। यदि जनता उन्हें समर्थन देती है और वे अपने वादों पर खरे उतरते हैं, तो वे राजनीति में नई दिशा दे सकते हैं। ऐसे नेता राजनीति को सेवा का माध्यम बना सकते हैं और क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। निष्कर्ष इस बार की चुनावी लड़ाई केवल पार्टियों की नहीं होगी। यह लड़ाई जनता के भरोसे और असली बदलाव की होगी। अगर जनता को सही विकल्प चाहिए तो निर्दलीय नेता उनकी उम्मीदों पर खरे उतर सकते हैं। अब वक्त है पुरानी राजनीति को छोड़कर नए चेहरे और नई सोच को मौका देने का। जय हिंद जय भारत 🙏🏻
@GudduParsadpaswan
@GudduParsadpaswan 13 күн бұрын
Is chunav mein na Congress na BJP sirf aur sirf local
@PRITAM7701
@PRITAM7701 11 күн бұрын
Juatice फॉर अंकिता भंडारी
@anilraturi6669
@anilraturi6669 12 күн бұрын
बीजेपी के जो लोग बागी बनकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं उनके बहकावे में भूल कर भी नहीं आना चाहिए जब यह लोग निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं भाजपा का सांप्रदायिक वोट काम लेते हैं सेकुलर विचारधारा के वोटो को अधिक खींचते हैं जीत या हार जाने के बावजूद यह लोग विधानसभा चुनाव के समय अपनी मूल पार्टी में चले जाते हैं तब उनके साथ सेकुलर मतदाता सांप्रदायिक मतदाता बन जाता है
@RajendraNegi-n6b
@RajendraNegi-n6b 5 күн бұрын
Uttra khand. Mi. Naa congris naa. Bjp. Chtari parti honi chahiy Eman dar. Karmat hona cchahiy
@virendrasingh8183
@virendrasingh8183 12 күн бұрын
बी जे पी only
@tarasinghbisht8285
@tarasinghbisht8285 11 күн бұрын
यूकेडी में आ जाइए
@Yes-b2j2p
@Yes-b2j2p 9 күн бұрын
Kya aap un logo se mile huwe hai jo ward 65 ke baare mai aap bol rhe.
@jeewansinghbisht1627
@jeewansinghbisht1627 12 күн бұрын
Nirdleey jeetenge
@dhaneshwarprasad4752
@dhaneshwarprasad4752 12 күн бұрын
These apponent should join U k D for the welfare of U k
@promilakohli9974
@promilakohli9974 12 күн бұрын
WARD 15 KARANPUR MEIN 3 TIME SE SITTING VARISTH PARSHAD KE JAGAH SHARAB MAAFIYA KO DIYA TICKET.🙏
@Yes-b2j2p
@Yes-b2j2p 9 күн бұрын
Aapo hamare 65 ward ki ground realities ka kuch bhi pta nahi
@Yes-b2j2p
@Yes-b2j2p 9 күн бұрын
Ward 65 hi kyo?
@Yes-b2j2p
@Yes-b2j2p 9 күн бұрын
Aapki kya narajagi hai BJP. Se
@mohandimri7421
@mohandimri7421 13 күн бұрын
Ye sach aur wastawikta hai kyonki bjp dharmshala bana di lakin purane karya kartawon ki undekhi ka natija bjp walo bhulo nahen, Ragdo pod jalo bhaya tan ni karya.
@bhanabhani2983
@bhanabhani2983 12 күн бұрын
bjp 2027 buri tarah haregi
@harendranegi6533
@harendranegi6533 12 күн бұрын
भगवान करे आपकी वाणी सत्य हो
@amitbisht9243
@amitbisht9243 12 күн бұрын
Purane karykarta ko Bahar nikaalo naye ko mauka do Jay Shri Ram
@kapruwan11
@kapruwan11 12 күн бұрын
Jhanda danda dari isse jyada ki umid karoge to bahar kar diye jaoge.
@Yes-b2j2p
@Yes-b2j2p 9 күн бұрын
Galat message mut do
@jyotisingh5603
@jyotisingh5603 13 күн бұрын
Party barghad ka ped hann hum sub pattye hain
@livefree9174
@livefree9174 13 күн бұрын
Uttrakhand devbhoomi mai abb sirf moolnivasi no national party
Quando eu quero Sushi (sem desperdiçar) 🍣
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Los Wagners
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Каха и дочка
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