उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था//Economy of Uttrakhand//by Thapliyal sir

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Күн бұрын

जय देवभूमी उत्तराखण्ड🙏
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:) और आज की हमारी कक्षा का विषय है ÷
उत्तराखंड की अर्थव्यस्था
उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि आधारित है और राज्य की 10 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी हुई है। उत्तराखण्ड खनिजों जैसे चूना पत्थर, रॉक फॉस्फेट, डोलोमाइट, मैग्नेसाइट, कॉपर, ग्रेफाइट, सोप स्टोन, जिप्सम इत्यादि के मामले में एक धनी राज्य है। 2003 की औद्योगिक नीति के कारण यहाँ निवेश करने वाले निवेशकों को कर राहत दी गई है। यहाँ पूँजी निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
संसाधन
उत्तराखण्ड आर्थिक रूप से देश के सबसे पिछड़े हुए राज्यों में से एक है। मुख्य रूप से यह कृषि पर निर्भर राज्य है और कामकाजी जनसंख्या का 4/5 से भी अधिक कृषि कार्य में संलग्न है। राज्य में औद्योगिकीकरण के लिए महत्त्वपूर्ण खनिज और ऊर्जा संसाधनों की कमी है। खनिज के नाम पर केवल सिलिका और चूना पत्थर ही उल्लेखनीय मात्रा में मिलते हैं। यहाँ जिप्सम, मैग्नेसाइट, फ़ॉस्फ़ोराइट और बॉक्साइट के छोटे भंडार हैं। इस पहाड़ी राज्य की बारहमासी नदियाँ जलविद्युत का महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। लेकिन इस ऊर्जा स्रोत की अपार सम्भावनाओं को अभी बहुत कम आंका गया है। झरनों का उपयोग करने वाले छोटे विद्युत केन्द्रों के अलावा टिहरी बाँध (भागीरथी नदी पर निर्माणाधीन) जल शक्ति को काम में लाने वाली सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है। वनों को भी आर्थिक संसाधन माना जाता है। जल शक्ति और वन संसाधनों के दोहन के प्रयास को पर्यावरणविदों के विरोध का सामना करना पड़ा है।
कृषि
विषय सूची
1 संसाधन
2 कृषि
2.1 पशुपालन
2.2 वानिकी
3 उद्योग
4 परिवहन
5 टीका टिप्पणी और संदर्भ
6 बाहरी कड़ियाँ
7 संबंधित लेख
राज्य के कुल क्षेत्रफल के 12 प्रतिशत भाग में ही खेती होती है। गहरी ढलानों पर सीढ़ीदार खेत बनाने पड़ते हैं और इस खेती की कुछ सीमाएँ हैं। सिंचाई की व्यवस्था करना एक कठिन कार्य है। किसान इस बात की सावधानी रखते हैं कि निचले स्तर की सिंचाई के लिए सिंचाई का पानी ऊपर सतह पर रहे। परिणामस्वरूप, कृषि योग्य भूमि का लगभग 87 प्रतिशत एक बार से अधिक सींच लिया जाता है। खाद्यान्न, अनाज, दलहन (फलियाँ), तिलहन और सब्जियाँ आम फ़सलें हैं। अनाज में चावल सबसे प्रिय फ़सल है, जिसके बाद गेहूँ का स्थान आता है। विभिन्न क़िस्म का मोटा अनाज शुष्क अनुवाती ढलानों पर उगाया जाता है। राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित तराई के इलाक़े में, जहाँ की हल्की ढलानों पर ट्रैक्टर का उपयोग किया जा सकता है, गन्ना बहुतायत में उगाया जाता है।
पशुपालन
पशुपालन व्यापक तौर पर प्रचलित है। डेयरी उद्योग में सहायक सर्वाधिक पशु दक्षिण की तराई के इलाक़े में मिलते हैं। यद्यपि मवेशी हर गाँव में मिलते हैं, फिर भी पहाड़ों में बकरी और भेड़पालन ही सर्वाधिक होता है। मौसम के अनुसार फलने-फूलने वाले घास के मैदानों की तलाश ऋतु-प्रवास का कारण बनती है। यहाँ गढ़वाल के गद्दियों जैसे कुछ विशिष्ट समुदाय हैं, जो ऋतु-प्रवास के लिये जाने जाते हैं। पशुपालन से इनके मालिकों को अतिरिक्त आय प्राप्त होती है और कारीगरों को अतिरिक्त काम मिलता है। राज्य भर में ऊनी वस्त्रों और सावधानी से बनाई गई चमड़े की वस्तुओं का उत्पादन होता है।
वानिकी
उत्तराखण्ड के वनों से निर्माण व ईंधन की लकड़ी और प्लाइवुड, काग़ज़ व माचिस जैसे अनेक औद्योगिक उत्पादों के लिए कच्चा माल मिलता है। प्राकृतिक रूप से आकार पाई लकड़ियों से बनी हस्तशिल्प कृतियाँ राज्य में व्यापक तौर पर उपलब्ध हैं। राज्य सरकार के द्वारा चलाये जा रहे पुन: वन लगाने के कार्यक्रमों को बढ़ावा मिला है।
उद्योग
उत्तराखण्ड का औद्योगिक विकास नाममात्र को ही हुआ है। कुछ औद्योगिक इकाइयाँ देहरादून के पास स्थित हैं। चूना पत्थर की खदानों के विवेकहीन खनन से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप इस इलाक़े की कई खदाने बन्द होने के कगार पर हैं। ऋषिकेश में दवाइयों की एक बड़ी फ़ैक्ट्री है। दक्षिणी ज़िलों में चीनी की कई मिलें हैं। उत्तराखण्ड में बिजली और कोयले के उत्पादन का कोई मज़बूत आधार नहीं है। नेशनल पावर ग्रिड इसकी माँग पूरी करता है। टिहरी विद्युत परियोजना पूरी हो जाने पर उत्तराखण्ड की विद्युत उत्पादन की स्थिति में व्यापक सुधार होगा।
परिवहन
राज्य की विभिन्न प्रकार की सड़कें लगभग सभी नगरों को जोड़ती हैं। इस राज्य से होकर कोई राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं गुज़रता। उत्तर के सीमान्त इलाक़े सड़कों से जुड़े नहीं हैं। पहाड़ों के कच्चे रास्ते ही मुख्यत: गाँवों को नगरों से जोड़ते हैं। ज़्यादातर राजकीय राजमार्ग भारत के अन्य भागों से पर्यटकों को लाने ले जाने और विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति के लिए प्रयुक्त होते हैं। रेल पथ उत्तर प्रदेश के मैदानों के विस्तार के रूप में घाटियों के ऊपर तक पाए जाते हैं। इनमें से कोई भी विस्तार राज्य से अंतर्सबंधित नहीं है। देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, रामनगर, काठगोदाम और टनकपुर ऐसे प्रमुख नगर हैं, जहाँ रेल सेवा उपलब्ध है। देहरादून में एक हवाई अड्डा है।
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Thankyou so much 👍
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. जय हिन्द
. जय देवभूमी उत्तराखण्ड 🙏
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Recorded and Edited by - Abhishek Thapliyal

Пікірлер: 10
@Ambikachauhanji
@Ambikachauhanji 5 ай бұрын
Wow......bdhiya sir❤❤
@megharawat3672
@megharawat3672 2 жыл бұрын
Thank you sir 🙏
@Shubhamsajwan2003
@Shubhamsajwan2003 2 жыл бұрын
Thankyou sir..🙏🙏🙏
@DevBhumiVlogs
@DevBhumiVlogs Жыл бұрын
Bhut acha explanation
@trvellovemusic193
@trvellovemusic193 7 ай бұрын
Sir aap bahut accha samjhte ho Thank you so much 🙏😊
@SRLIFE110
@SRLIFE110 2 жыл бұрын
NYC lecture... 🙏🙏
@renujoshi6429
@renujoshi6429 10 ай бұрын
Tq so much sir nice video 😊
@sonubhatt3766
@sonubhatt3766 2 жыл бұрын
बेहतरीन sir..keep it up..👍
@Ukpsc1314
@Ukpsc1314 Жыл бұрын
Sir abi konsi earth bivasta hai uttrakhand ki
@namastey_Uttrakhand
@namastey_Uttrakhand Жыл бұрын
wahi h
Smart Sigma Kid #funny #sigma
00:33
CRAZY GREAPA
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