Рет қаралды 59,568
Uttar Ramayan - Episode 33 - Laxman's defeat at the hands of Luvkush. Bharata, Sugriva and Hanuman descended in Samar.
राम के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को लवकुश ने बन्धक बना लिया है। उसे छुड़ाने में शत्रुघ्न के घायल होने के पश्चात लक्ष्मण आते हैं। अपने असंख्य सैनिकों को चारों ओर मूर्च्छित पड़ा देखकर लक्ष्मण को सहसा विश्वास ही नहीं होता कि उनके सामने जो दो छोटे छोटे मुनि कुमार खड़े हैं, उन्होंने यह युद्ध किया होगा। लव लक्ष्मण को उकसाने के अन्दाज में कहता है कि वह उनके छुटपन पर न जायें। छोटा दिखने वाला बिच्छु बड़े से ऊँट को मार देता है। छोटा सा अंकुश मतवाले हाथी को सीधा कर देता है। कुश भी पीछे नहीं रहते। वह लक्ष्मण को गुस्सा दिलाने के भाव में कहते हैं कि छोटा सा मंत्र भगवान को भी वश में कर देता है। इसपर कुपित होकर लक्ष्मण लवकुश को दण्ड की चेतावनी देते हैं। तब कुश लक्ष्मण से कहते हैं कि रामराज में तो निर्दोषों को भी दण्ड देने की रीति है। लक्ष्मण कुश के आरोप को नकारते हैं। तब कुश पूछते हैं कि महारानी सीता का क्या दोष था कि उन्हें इतना महान दण्ड दिया गया। लक्ष्मण अचरज में पड़ते हैं और दोनों बालकों से उनका परिचय पूछते हैं। लवकुश कहते हैं कि वे यज्ञ का घोड़ा पकड़ने के अपराधी हैं। लक्ष्मण लवकुश को डराने के भाव में कहते हैं कि वह मेघनाद जैसे योद्धा का वध कर चुके हैं। इसपर लव फिर से लक्ष्मण को उकसाते हुए कहते हैं कि पहले आप केवल क्रोध कर रहे थे, अब अहंकार भी आ गया। लवकुश की बातों से कुपित लक्ष्मण युद्ध प्रारम्भ कर देते हैं। दोनों के बीच क्या सम्बन्ध है, इससे अनभिज्ञ वह अपने भतीजों पर बाण चलाते हैं लेकिन लवकुश उनके हर बाण को काट देते हैं और अन्ततः लक्ष्मण को भी शत्रुघ्न की तरह घायल कर देते हैं। लक्ष्मण के घायल होने का समाचार राम को विचलित कर देती है। अबकी बार भरत युद्ध के लिये जाने की आज्ञा माँगते हैं। सुग्रीव और हनुमान भी बालकों की असलियत जानने और उनका मिलकर मुकाबला करने के लिये जाना चाहते हैं। राम उन्हें अनुमति दे देते हैं। उधर कुश माता सीता के व्रत के अनुष्ठान के लिये पुष्प लेने जाता है और लव को अश्व की सुरक्षा हेतु छोड़ जाता है। नदी किनारे सीता का अनुष्ठान सम्पन्न करा रहे महर्षि वाल्मीकि दूरदर्शी हैं। वह जान लेते हैं कि लवकुश की यह जीत भगवान की ही एक लीला है। वह एक एक करके तमाम योद्धाओं के गर्व चूर कर रहे हैं। जब भरत, सुग्रीव और हनुमान वहाँ पहुँचते हैं। कुश भी वापस आ चुके होते हैं। हनुमान को लवकुश की जोड़ी राम लक्ष्मण का बालस्वरूप सदृश दिखती है। वह अपने भक्तिबल से जान लेते हैं कि दोनों बालक राम व सीता की सन्तान हैं। लवकुश को जब यह पता चलता है कि उनके सामने राम नहीं, उनके अनुज भरत खड़े हैं तो उन्हें गुरू वाल्मीकि रचित रामायण में वर्णित भरत के चरित्र का स्मरण हो आता है। लवकुश भरत की भक्ति को शीश नवाकर प्रणाम करते हैं किन्तु अगले ही क्षण वह भरत को समरभूभि पर खड़ा प्रतिद्वन्दी कहकर पुकारते हैं। हनुमान लवकुश से अश्व के साथ अयोध्या चलने को कहते हैं। लचकुश इसे हनुमान की कूटनीतिक चाल समझते हैं। लवकुश उनसे कहते हैं कि उन्होंने राजा राम की चुनौती स्वीकार की है। महाराज अपनी चुनौती वापस लें अथवा स्वयं युद्ध करने आयें।
उत्तर रामायण में लव कुश की कहानी को दर्शाया गया है। जिसमें माँ सीता को श्री राम त्याग देते हैं और माँ सीता महाऋषि वाल्मीकि के आश्रम में जाकर रहने लगती हैं। माँ सीता वहाँ लव कुश को जन्म देती हैं। लव कुश उसी आश्रम में बड़े होते हैं और गुरु वाल्मीकि से शिक्षा दीक्षा लेते हैं। कैसे लव कुश श्री राम और माँ सीता को मिलाते हैं देखे सम्पूर्ण उत्तर रामायण के सभी एपिसोड सिर्फ़ तिलक KZbin चैनल पर।
रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी।
इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है।
निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर
सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर
कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर
मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर
पटकथा और संवाद - रामानंद सागर
संगीत - रविंद्र जैन
शीर्षक गीत - जयदेव
अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा
संपादक - सुभाष सहगल
कैमरामैन - अजीत नाइक
प्रकाश - राम मडिक्कर
साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र
वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार
In association with Divo - our KZbin Partner
#uttarramayan #uttarramayanyoutube #uttarramayanfullepisode #fullepsiode