बहुत ही सार्थक और ज्ञानवर्धक। माननीय अग्निब्रत जी का बहुत-बहुत आभार।
@chandkaur662 жыл бұрын
नमस्ते आचार्य जी।
@sanjeevpyp2 жыл бұрын
पूज्य आचार्य जी को कोटि कोटि प्रणाम।
@mohitkashyap55442 жыл бұрын
सादर नमस्ते आचार्य जी
@aaloksahu13303 жыл бұрын
सादर नमस्ते जी
@RenuMehta-nd4br19 күн бұрын
Shradya aachary ji naman
@narayanjha50652 жыл бұрын
राजीव भाई अमर रहे
@SantoshSharma-pj3hn5 ай бұрын
बहुत ही बढ़िया प्रवचन स्वामी जी
@deepakkumarbehera93223 жыл бұрын
नमस्ते आचार्य जी धन्य है आर्यावर्त की अद्भूत विज्ञान
@theanalyzer19724 ай бұрын
Pranam Aachaaryaa Ji 🙏
@deepakkumarbehera93223 жыл бұрын
नमस्ते आचार्य जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद
@maheshbari87033 жыл бұрын
ओउम् प्रणाम आचार्य ऋषीवर जी.
@Dharamveersingharya38873 жыл бұрын
ओम नमस्ते स्वामी जी
@navyugcomputers52103 жыл бұрын
ओउम नमस्ते जी। चरणस्पर्श।
@AkshiClasses2 жыл бұрын
जय आर्यवर्त 🙏
@simpleyoga90248 ай бұрын
सादर नमन
@rajubawa43723 жыл бұрын
ॐ परनाम गुरु देव जी
@अक्षयआर्य-प9द3 жыл бұрын
ओ३म् नमस्ते जी 🙏🚩
@vaskisahu17183 жыл бұрын
जय हिन्द
@RajeshKumar-lu9fe3 жыл бұрын
अति सुंदर व्याख्या
@rajkishoreverma98743 жыл бұрын
नमस्ते आचार्य जी
@swedes9443 жыл бұрын
वन्देमातरम राजीव भाई अमर रहें दयानंद सरस्वती जी की जय हो
@jagdeeparya38183 жыл бұрын
बहुत ही सुन्दर आचार्य जी। ईश्वर सहाय देवे मनोरथ पूर्ण हो
@ganeshchandrasuyal35763 жыл бұрын
🚩🙏👍💯✅
@SatyaSanatanKannada3 жыл бұрын
नमस्ते जी
@kuldeeparya21913 жыл бұрын
बहुत सुंदर 🙏🙏
@diptisawant3263 жыл бұрын
Jai hind
@nilotpalsarmahsarma83443 жыл бұрын
स्वामी जी महान है
@चौधरीसकुनगुर्जर3 жыл бұрын
स्वामी जी को शत शत नमन जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
@surinderkumar74423 жыл бұрын
नमस्ते आचार्य जी चरण स्पर्श
@narayanjha50652 жыл бұрын
सनातनी और आर्य समाज किस तरह अलग है कृपया मार्गदर्शन दे।
@abcd-i4n2q3 жыл бұрын
ओ३म् सादर नमस्ते जी 🙏 🚩 🌹 🌹
@pk111113 жыл бұрын
कृपया पूरा वीडियो देने का कष्ट करें।
@rajmaurya64323 жыл бұрын
Poora video Kaha milega
@bhimlalpaudel445410 ай бұрын
ईस प्रवचनका सार आचार्यजीके अनुसार वेदका मतलब वेद हमारा जड है ( लेकिन कैसे , कैसे वेदज्ञान ने हमारा आजका जीवनका न्युनतम आबश्यकतामे सहयोगी है वो पता नहिं), कणाद ऋषि महर्षी दयानन्द के अनुसार वेदका परिभाषाका इतना प्रकार है ( जिसका उतना अर्थ नहिं, जब कोई एक प्रकारका परिभाषा का उपयोग करके से हम ये काम कर सकते है वो बात आता हि नहिं), वेद विज्ञान है ज्ञान है सारा सुखका अनुभुति दिलाता है ( लेकिन ये वेद ज्ञानने करता क्या है ? कैसे करना सिखाता है? सिवाय है, था, ... बोलने और प्रबचन करने के सिवाय/ बोलने ,भाष्य लेखने , वेदमे सब ज्ञान है कहने से कभि ईसका ज्ञान उपयोग मे आ सकता है क्या? न तो आया था न तो कभि आएगा, काम तो वेदज्ञान न जानने वालों ने किया हुवा भि आएगा/ आचार्यजी ने वेद बारे बहुत ब्याख्यान तो देते है लेकिन वेदज्ञान उपयोग करके कोई एक काम न तो अभि तक करके दिखाया, न तो आज तक का उनका प्रबचन सुनकर हम को कोई एक काम करना आता है/ सुनो सुनो आचार्यजीका प्रशंसा करो अन्तमे वेदज्ञानका कोई सीप हात आया है क्या जिसको लेकर हम गर्व से कह सके ईश्वरिय अनन्त ज्ञानके भण्डार वेद ज्ञानसे आज हमने विज्ञान ने न सका हुवा एक काम कर सकें । बोलते है वेदमे अनन्त ज्ञान है, करने के लिए कुछ एक भि नहिं। आचार्यजी ने कहा ध्वनी क्या है आज तक कोई नहिं जानता, उन्होनें बडे बडे वैज्ञानिकको भि पुछलिया। ईसका जवाफ उन्होने ऐसे दिया हमारे शास्त्रोमे चार प्रकारका ध्वनी उल्लेख है। ईस चार प्रकारका होने से होता क्या है? कुछ नहिं। मध्यमा पश्यन्ति क्या है , कैसे उत्पन्न होता है, कैसे ये काम करता है, इनका गुण क्या क्या है, वेदज्ञान से व्याख्या करते नहिं कैसे बैखरि बाणी विध्धुतिय तरङ्ग बना, बैखरि वाणी ईस तरहसे पश्यन्ति बना.. करके दिखा न सके तो बोलने से क्या काम। इतना बोलने के बजय छ करे न वेदज्ञानको उपयोग करके। क्या बोलना मात्र हि वेद है। कमसेकम मुख बन्द करके गुरुजी ने वेदज्ञान उपयोग करके कुछ एक काम तो कर दिजिय, हम आपका सदैब आभारी रहेगे। वेदप्रति भरोसा करेगे। इसि तरह आप बोलते रहे तो ईस सृष्टिका प्रलय होकर दुसरा सृष्टि होनेके समय तक वेदज्ञानने कुछ एक काम भि नहि होगा । हम भि आँप जैसे थोडा थोडा बोल सकेगे आपका अनुशरण करेगे, काम तो कुछ करेगें हि नहिं। आचार्यजीका ईश तरहका अभियानने वेदप्रति और ज्यादा वितृष्णा फैलेगा समाजमें। क्योंकि आचार्यजिको सुननेके वाद हर बच्चा सिकेगा वेदज्ञान तो कहने सुननेके लिए है, कुछ जीवन उपयोगी है हि नहिं, करने के लिए तो और हि ज्ञान चाहिए।
@pareshvyash4012 ай бұрын
Ved vigyan alok padhne ke bad hi decision lena chahiye ki vo acharya ji kya kehna chahte hai
@bhimlalpaudel44542 ай бұрын
@@pareshvyash401 आचार्यजी ने पढकर तो बताया हुआ न। पढने से हम भि छोटा आचार्य बनेगे कहने सुनने सुनाने वालो। करने के लिए तो दुसरा ज्ञान चाहिए। आचार्य जीको सुनने से तो ऐसा लगता है कुछ काम करना हो तो वेद और सम्बन्धित किताब कभि भि न पढना चाहिए। हम एक मजदुर और विज्ञानके क्षेत्रमें थोडा अनुसन्धान एवं अध्यापन करने वालों नें थोडा सा सहि कहना अनुसार कुछ काम होनेको प्रशंसा करते है न कि है है था था जैसा बातोका पिटारा।
@pareshvyash4012 ай бұрын
@bhimlalpaudel4454 vo dusre vyakti acharya bane isliye thodi bhasan de rahe hai aur kae vigyan se jude log inse related kam bhi to kar hi rahe hai ,khali bate kon kar raha inke channel par bahut achhi jankari hai
@pareshvyash4012 ай бұрын
@@bhimlalpaudel4454 aur ved mai bahut chize hai khali 4 dwani hai yeh to khali sound related topic ki bat hai vese bahut topic hai ved mai khali dwani ke bare mai nahi kaha
@bhimlalpaudel44542 ай бұрын
@@pareshvyash401 वेद अनन्त ज्ञानका भण्डार है, ये बात हमनें बचपनसे ६० सालके आसपासके उमेर तक सुनते आ रहे है, वेदमें विविध विषयके बारे मे अनन्त ज्ञान होनेका कुछ मतलब नहिं जब तक इस ज्ञानका हिस्सा से हम कुछ होनेका काम कर न सकें तो इस ज्ञानका अर्थ होता है। हमको अनन्त ज्ञानका जरुरत है हि नहिं। वेद ज्ञानसे कमसेकम कुछ काम तो करे। जैसे आधुनिक विज्ञान स्वीकार करता है हमने ज्यादा तर जाना नहिं, बहुत कुछ जानना बांकि है, धीरे धीरे और जानने के कोसिस जारी है। एक तरफ थोडि जाननेवाला विज्ञानने इतना दे रहा है, कर रहा है। दुसरी तरफ अनन्त ज्ञान का डंका पिटनेवाला विना कुछ करके हम जानते है, हमारा वेदमे सारा ज्ञान है कहते कहते शदियो हजारो बर्ष विना कुछ करके सुनने सुनानेमे घरबार समेत त्याग करके लगे रहें है, इसलिए तो वेद एवं शास्त्र ज्ञानसे समाजने भरोसा करने तरफ आकर्षित हो न सके।
@kamleshnautiyal30873 жыл бұрын
Online live आचरण-व्यवहार-चरित्र से समय रहते सदा पूर्ण सही अस्तित्व के लिए
@KRISHANKUMAR-mh2iv21 күн бұрын
लोगों को नर्सरी से निकालने और कालेज तक ले जाने में लम्बा समय लगेगा जैसे नर्सरी वाले बच्चों को तस्वीर से अक्षर सिखाया जाता है वैसे ही आज के ज्ञानी मूर्ति से भगवान को सिखा रहे हैं
@KRISHANKUMAR-mh2iv21 күн бұрын
गुरु जी आप नर्सरी वाले बच्चों को कालेज का पाठ्यक्रम पढ़ा रहे हैं