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आज के दौर में हमारे बीच से आल्हा जैसी लोकगायन गीत जिसे सुनने के बाद रग रग में जोश भर जाता था,जो प्रेम सौहार्द को बढ़ावा देती थी ,जिसमें हमारी संस्कृति और सभ्यताओं को सुरक्षित रखने की प्रेरणा मिलती थी, वह आज लुप्त होती जा रही है।
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