पितृ गायत्री एक लौकिक मंत्र है जो की पित्रों के निमित्त है। यह लौकिक श्लोक है वेद में नही है इसका वर्णन। जिनके यहां पित्रों की कोई समस्या होती है वह इसका जप आदि से अनुष्ठान कराते हैं
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नित्यकर्म पूजाप्रकाश एवं अंत्यकर्म श्राद्धप्रकाश जो की गीताप्रेस से प्रकाशित हैं उनमें दिया गया है।