बहुत बढ़िया भाई समाज को जागरूक करते रहो जय वाल्मीकि जय भीम 🙏🙏🙏
@anildravid5042 Жыл бұрын
Har har Valmeki ji jai Bheem ji
@Mysinging1393 Жыл бұрын
वाह वीर जी वाह बहोत खूब बहोत हीं उत्तम जानकारी आपके द्वारा हमे और सर्व वाल्मीकि समाज को प्राप्त हो रहीं है ऐसे हो कौम का मार्गदर्शन करते रहें आप जैसे बुद्धजीवी वीरों की वाल्मीकि समाज को बहोत जरुरत है धन्यवाद इतनी उत्तम जानकारियाँ हम तक पहुंचाने के लिए 🙏🏻❤जय वाल्मीकि जी ❤🙏🏻 ✍️ जय भीम ✍️
@anildravid5042 Жыл бұрын
Har har Valmeki ji jai Bheem ji
@EvaSagar-z7e Жыл бұрын
Khub bhalo🎉
@shamimbano6528 Жыл бұрын
Kya bat beta shi bat bta rha h masha allah 💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚
@ParmodKumar-c8i1o Жыл бұрын
वीडियो में आवाज बहुत कम है भाई
@anildravid5042 Жыл бұрын
भाई ऐसे ही क्वालिटी बताते रहे हैं मैं आगे से ध्यान रखूंगा बाकी वीडियो में देखिए सही आवाज है....... बहुत-बहुत धन्यवाद
@learnwithrajnishsood Жыл бұрын
मै आपकी बात से 1% भी सहमत नहीं हूं मैंने अपने समाज के कुछ बुजुर्ग लोगों से पूछा कि क्या हम लोग पहले से ही वाल्मीकि नाम से सम्बोधित होते आ रहे हैं, तो उनका एक सुर में जवाब था कि हमारे जाति प्रमाण पत्र में पहले चूढा लिखा होता था। किसी कारणवश मैं प्रमाण पत्र नहीं हासिल कर पाया पर बुजुर्ग लोग इसका जीता जागता प्रमाण है कि हम वाल्मीकि नहीं थे, ये वो राजनैतिक शब्द है जिसे बाबा साहेब के मिशन को कमजोर करने के लिए गांधी एंड टीम ने प्रयोग किया था। खैर छोड़ो हमे वाल्मीकि पर बहस न करके पढ़ाई लिखाई और अच्छे कामों पर ध्यान देना चाहिए जिसकी समाज को अत्यधिक आवश्यकता है।
@anildravid5042 Жыл бұрын
श्रीमान जी जो मैं आपको संविधान बनने से पहले जनगणना प्रूफ दे रहा हूं क्या यह गलत है दूसरी चूड़ा ही क्यों 76 नामों से जाने वाले समाज को आप सिर्फ एक नाम से ही आपके बुजुर्ग ने बताया है थोड़ा और घूम लीजिए
@anildravid5042 Жыл бұрын
जय वाल्मीकि वाल्मीकि धर्म से वाल्मीकि जाति... | 20 फ़रवरी 2021 को सतीश चंडालीया जी के ग्रूप 'वाल्मीकि रिश्ते' में एक लड़के से बात हुई, उसने बताया कि मेरा नाम अभिषेक करोतीया है, मैं मेहतर जाति से हूं और मध्य प्रदेश से हूं | मुझे थोड़ी जिज्ञासा हुई तो बातों-बातों में पूछ बैठा कि भाई | 'आप वाल्मीकि में ही आते हो ?'... उसने कहा हां.., बात चलते-चलते धर्म-मान्यता पर पहुंची तो..., मैने पूछा कि भाई जी किस धर्म को मानते हो ?... वो बोला 'वाल्मीकि !'... मैने कहा 'नही मतलब कि हिन्दू, धर्म, बौद्ध, जैन, इसाई वग़ैरह ..?' वो बोला भाई जी ये तो मुझे नही पता पर 'मेरी जाति मेहतर है, और हम वाल्मीकि में आते हैं ! उस लड़के के एसा मानने की वजह ओमप्रकाश वाल्मीकि जी की किताब 'सफाई देवता' पढने पर समझ में आई ओमप्रकाश वाल्मीकि जी लिखते हैं "उत्तरी भारत के हिन्दीभाषी प्रांतों उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य-प्रदेश एवं पंजाब की जनगणनाओं में कुछ भंगी जातियों नें अपना धर्म लालबेगी या वाल्मीकि लिखा था |" वहीं भगवानदास जी ने सिर्फ लालबेगी धर्म का ही ज़िक्र किया वाल्मीकि धर्म की बात ही नही की जबकि आज जब ब्रिटिश साशन की जनगणनाओं पर शम्बूक अनमोल जी ने शोध किया तो सारी बात साफ हो गई | हमारे पूर्वज वाल्मीकि धर्म को मानते थे और लालबेगी वाल्मीकि धर्म का ही अंग था जिसके बारे में अनमोल शम्बुक जी लिखते हैं "वाल्मीकि और लालबेगी दोनों संप्रदायों में बहुत कम व्यवहारिक अंतर था और साथ में एक की पुजा और दूसरे को पसंद करते थे |" 1881 की जनगणना में Denzil Ibbetson के अनुसार प्रत्येक मुलनिवासी जो अपने पंथ को परिभाषित करने या किसी मान्यता प्राप्त धर्म की तुलना में किसी अन्य नाम से इसका वर्णन करने में असमर्थ था एसे धर्म को हिन्दू धर्म में वर्गीकृत माना जाता था | इसी कारण वाल्मीकि कौम(धर्म) को 1881 और इसके बाद की हर जनगणना में हिन्दू धर्म के एक सम्प्रदाय के रुप में लिया जाता रहा | यहां पर ये समझना जरुरी है' कि 1881 की जनगणना से वाल्मीकि कौम को हिन्दू धर्म के एक निम्न संप्रदाय में डाला गया ना कि जाति में(Punjab Census Report, 1881 Page 101) इसी कारण 1911 में जब अछूतों की अलग पहचान की गई तो 'वाल्मीकि कौम' को 'अछूत जाति' में शामिल ना होने के कारण यह अछूत जातियों में दर्ज होने से वंचित रही गई(Census Of India, 1911 Volume 14 'Punjab' Part 1' Page 111) | 1931 की जनगणना में भी इसे हिन्दू धर्म के निम्न संप्रदाय में ही शामिल किया गया था ना कि जाति के रूप में | जब वाल्मीकि कौम ने सन 1936-37 के आम चुनाव से ठीक पहले सन 1932 में अछूतों को पूना पैक्ट के अनुसार मिले आरक्षण के लाभ से खुद को वंचित पाया तभी वाल्मीकि कौम के बख्शी राम जी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने हदबंदी कमेटी के समक्ष इस चुक के बारे में बताया तो कमेटी ने इसे चुक मानते हुए 'वाल्मीकि कौम' को Government Of India act 1935 के तहत (अछूत करार देते हुए) अनुसूचित जाति की सूची में शामिल कर दिया गया | यही वो कारण है जिसके वजह से आज कुछ लोग वाल्मीकि कौम के बीच ये भ्रम फैला रहे हैं कि -"1935 से पहले वाल्मीकि नाम की कोई जाति ही नही थी|" 1935 से पहले वाल्मीकि जाति नही थी यहां तुम सही हो क्यों कि 1881 तक 'वाल्मीकि नाम' धर्म के तौर पर था और 1881 और उसके बाद इसे धर्म से संप्रदाय बता दिया गया और उसके बाद 1935 में 'वाल्मीकि संप्रदाय' से वाल्मीकि जाति बना दी गई | लेकिन जैसा कि शुभम बिडलान कहते हैं कि "'वाल्मीकि नाम' आज भी अपने आप में धर्म का ही रुतबा रखता है |" यही कारण है कि अभिषेक करोतिया ने धर्म के सवाल पर खुद को "वाल्मीकि(वाल्मीकि कौम)" में आने की बात कही थी | संदर्भ- 'सफाई देवता' पृष्ठ-73, वाल्मीकि कौम-एक दस्तावेजी दृष्टिकोण पृष्ठ- 14, 12, 30, मनिन्दर टांक आदि साहित्य संघ (वाल्मीकि आंदोलन)