*ई + श्वर = ईश्वर, क्रमबद्ध चलायमान श्वर को सुर कहते हैं और क्रम विहीन चलायमान श्वर को असुर कहते हैं* *ईश्वर कोई व्यक्ति नहीं है ! एक क्रमबद्ध नियम विधि विधान व्यवस्था का संबोधन है जिसके लिए अलग से किसी स्थान की जरूरत नहीं है* *जब तक आप ईश्वर को व्यक्ति मानते हैं तब तक आप उनसे पाने की अपेक्षा करते हैं और जब आप ईश्वर को नियम मानेंगें, नियम अनुसार आचरण करेंगें तब आप अच्छी चीज पा सकते हैं* *ब्रह्माण्डगुरु बीरेंद्र सिंह ब्रह्माण्ड पीठाधीश्वर*