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तुम्हारे अंदर बैठा जानने वाला ही ब्रह्म है
छठा ऋषिकेश -- हरिद्वार आत्म साक्षात्कार शिविर
पंचम दिवस
Bhagavad Gita, Chapter-13/1, 2
Swami Sacchidananda Saraswati
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आत्म साक्षातकार क्यो आवश्यक है ?
वेदो का उद्घोष है कि आत्म-ज्ञान सर्वश्रेष्ठ विज्ञान है, क्योकि केवल आत्म ज्ञान से ही सर्वदुख निवृति एवं परमानन्द प्राप्ति स्वरुप परम पुरुषार्थ मोक्ष की सिद्धि होती है | उपनिषदो का स्पष्ट मत है कि विना आत्म बोध का मनुष्य जीवन पाशविक,निकृष्ठ, निरर्थक,निष्फल,नष्ट और आत्मघाती जीवन है | आत्म बोध से ही मनुष्य आप्तकाम , नित्य निर्भय, अभावमुक्त , सर्व संपन्न एवं अमर होता है , इसके लिए दूसरा कोई उपाय नही |
आत्मविद् आप्नोति परम्
आत्म ज्ञानी परम(सर्वशक्तिमान सर्वरुप परब्रह्म )को प्राप्त कर लेता है |
तरति शोकम् आत्मविद्
आत्म ज्ञानी समस्त दुखो से मुक्त हो जाता है
( छान्दोग्य उपनिषद)
ब्रह्मविद ब्रह्मैव भवति
ब्रह्म ज्ञानी स्वतः ब्रह्म ही हो जाता है |
तत्वमसि : तुम नित्य शुद्ध बुद्ध मुक्त ब्रह्म हो
तुम वही सच्चिदानन्द स्वरुप आत्मा हो जिसमे यह अनन्त जगत प्रतिबिम्बित हो रहा है | तुम जगत के अन्दर नही बल्कि यह जगत तुम्हारे अन्दर है | तुम समस्त जगत के आधार अधिष्ठान हो | तुम अजर अमर अविनाशी अद्वय अखंड आत्मा हो| तुम चरम सत्य हो| तुम परम तत्व हो | तुमसे परे न कोई तत्व है न कोई सत्य है न कोई ब्रह्म है | तुम सम्राटो के सम्राट हो | अगर तुम ब्रह्म नही हो तो ब्रह्म मात्र एक कल्पना है|
अपने स्वरुप बोध के अभाव के कारण ही तुम अनन्त दुख भोग रहे हो | स्वरुपबोध के पश्चात न कोई म्रृत्यु है न दुख| तत्वतः तुम सदा आनन्दमूर्ति हो , सौन्दर्यमूर्ति हो , प्रेममूर्ति हो , क्योकि तुम सर्वस्व हो , तुम्ही शिव हो |
अगर आप अपने दिव्य आत्म स्वरुप का साक्षात अपरोक्ष बोध करना चाहते है तो वेदवेदान्त मिशन द्वारा आयोजित इस शिविर मे आपका स्वागत है | स्वामी सच्चिदानन्द सरस्वती के साथ साक्षात अपरोक्ष आत्मानुभूति के दिव्य आनन्द का रसपान करें l
Why is Self Realization Important for you ?
The Vedas, the Smritis and Itihaas speak of Self- Knowledge alone as the means to Moksha/Liberation.
VedaVyasa declares in Brahma Sutras ( III. IV. I) that Self- Knowledge alone is the means to Liberation, because that is the purport of the Vedas.
Upanishads declare that " Self-Knowledge is the best of all forms of knowledge; it is the highest of all sciences, because through it one attains immortality. "
" If he doesn't know It ( Atman) here, a great destruction awaits him " ( Kenopanishad)
Man " Obtains the fulfilment of all desires through Self - Knowledge and not by any other means. "
आत्मविद् आप्नोति परम्
The Knower of the Atman attains the Highest( attaining Which everything is attained).
तरति शोकम् आत्मविद्
The Knower of the Atman becomes free from all sorrows & sufferings ( Chhandogya Upanishad)
ब्रह्मविद ब्रह्मैव भवति
The Knower of Brahman becomes verily Brahman. Knowing God is becoming God.
Self Realisation alone ends all your sorrows,sufferings, pains& problems; and fulfills all your desires & dreams, brings unconditional love & infinite bliss in your life by way of making you realise your true nature as immortal non dual Self which is Omnipotent , Omnipresent & Omniscient Truth.
Your search for everlasting love/bliss/ beauty is a sure sign of its availability somewhere.Just change the direction of search from external to internal and here it is ever available as witnessing Self of the nature of pure consciousness.
....... Swami Sacchidanand Saraswati
Founder : VedaVedantaMission, New Delhi
/ @vedantamission1
Swami Sacchidananda Saraswati (Formerly Parshuram Ray)is a Paramhamsa Sannyasi, Self Realisation Guru , Vedanta Philosopher ,Advaita Mystic and founder of Veda Vedanta Mission , New Delhi . He is disciple of Paramhansa Dandi Swami Hansanand Saraswati ji Maharaj of Rishikesh ; who in turn is disciple of DHARMA SAMRAT KARPAATRI JI MAHARAJ .
Swami Sacchidananda Saraswati has over 25 years of experience in Vedanta ,Yoga, Meditation, Self-realisation and spirituality.He gives English & Hindi discourses on Vedanta , Self Realisation , Bhagawad Gita , Yogavashistha Maharamayana and Upanishads .
After over 20 years of social service as journalist , researcher ,writer and social activist , Swami took a formal vow of Sannyasa in Varanasi during 2012 and immediately founded Veda Vedanta Mission . Swami , formerly known as Parshuram Rai , was Director of Delhi-based research & advocacy institute CENTRE FOR ENVIRONMENT AND FOOD SECURITY (CEFS) at the time of becoming Sannyasi.
WEBPAGE; www.vedavedanta...