अभी अभी जो बात आप कर रहे हैं वहीं हाल मेरे साथ है चक्कर यह बना हुआ है कि स्वास्थ्य खराब है एक न एक की सेवा तो लेनी पड़ती है अब कैसे वृन्दावन में रह सकती हूं बच्चे अकेला भेजना नहीं चाहते पर बिज़ी भी हैं क्या करुं थोड़ा पड़ी लिखी हूं घर का पूरा कामकाज सम्भाला है सारी आयु अब पता नहीं क्या हुआ है चलना नामुमकिन है बैठे बैठे सारा दिन अकेली कमरे में कुछ नियम वगैरह होता रहता है कहीं आना जाना नहीं दर असल अब माया में पड़ना मुश्किल हो गया है कहीं धार्मिक स्थल पर रहना चाहती हूं क्या करूं कल भी कथा सुनूंगी कथा में हल बताने का कष्ट करना धन्यवाद हरिओम जी राधे राधे