गुरू महाराज जाट थे भारमल जी कोई सबूत हो तो पेस करे आपका छोटा भाई नानूराम लालमदेसर
@Bharmal.Godara.Official2 ай бұрын
गुरु जांभोजी के ननिहाल पक्ष व भुआजी के ससुराल वाले आदी के रिश्तों को देखते है तो जाटों मे होना सबूत दिया सकता है।दूसरी बात विहलोजी की लेखनी औतारपात कथा मे लोहट जी को साधारण किशान गौऊ व छालियां आदी पशुपाल कहा गया है। तथा माता हंसा को खिलेरी गोत्र भाटी नख से बताया गया है जो खिलेरी जाटों मे है राजपूतों मे नही है।इस लिए जांभोजी का जाट क्षत्रिय पंवार वंशी होना स्वाभाविक ही है।
@nanuramgodara88142 ай бұрын
@@Bharmal.Godara.Official यह बात आपके समाज को समझाए बङे भाई साहब