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विघ्न-हरण अ.भी.रा.शि.को उदारी हो | "मुख्य मुनि" महावीर कुमार | Vighna Haran - Abhiraashiko Udaari ho | Mukyamuni Mahaveer Kumar
श्रीमद् जयाचार्य के समय एक महामारी का प्रकोप फैला था उस समय कई लोग काल के गाल में समा गए थे,जयाचार्य स्वयं संघ के साधु साध्वीओ के लिए चिंतित थे इस महामारी का धर्म संघ पर कोई दुष्प्रभाव न नहीं पड़े...... जयाचार्य तेजस्वी एवं दिव्य शक्तियों से संपन्न आचार्य थे.....शासन माता ने जयाचार्य को दर्शन देकर किसी स्त्रोत की रचना करने के लिए कहा,तब जयाचार्य ने "विघ्नहरण की ढाल" रचना की थी एवं उस अभिमंत्रित जल को छत पर चढ़कर चारों दिशाओं में छिड़काव किया था उस अभिमंत्रित जल के प्रभाव से महामारी शांत हो गई थी एवं धर्म संघ भी सुरक्षित हो गया था
यह दृष्टांत मुनि श्री सागरमल जी स्वामी द्वारा लिखित पुस्तक पर आधारित है
वर्तमान में भी 'करोना वायरस' के कारण पूरा विश्व इस महामारी से आक्रांत है हमें प्रतिदिन विघ्नहरण की ढाल का अधिक से अधिक संगान करना चाहिए निश्चित ही हम अपने आपको एवं हमारे आसपास के आभामंडल को सुरक्षित....