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विपश्यना ध्यान की बहुत ही सुन्दर एवं संगीतमयी ध्यान विधि है जिसके प्रयोग से अंतर कुंभक, बहिर कुंभक एवम् आती जाती सांसों के माध्यम से अपने केंद्र में आसानी से स्थित हुआ जा सकता है,
परम श्रद्धेय बड़े बाबा सदगुरु सिद्धार्थ जी के श्री चरणों में कोटिश नमन।
जय सदगुरु जय .....!!!