VISHRANTE , Farrukhabad / इतिहास के खुले पन्ने फर्रुखाबाद की विश्रांतें या आरामगाह

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Vividh Bharat - Dr Rajender Pensiya IAS

Vividh Bharat - Dr Rajender Pensiya IAS

Күн бұрын

जिले की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। यहां का इतिहास भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है। फर्रूखाबाद में कम्पिल से प्राचीन धारा बूढी गंगा जी से लेकर खुदागंज तक लगभग 36 विश्रांत घाट बने हुए थे। इन विश्रांतों को ब्रिटिश शासन काल में व्यापार के लिए प्रयुक्त किया जाता था जिसमें कलकत्ता से लेकर गढमुक्तेश्वर तक व्यापारिक बड़ी नावें चला करती थी। इनमें नमक,नील,सोरा, अफीम, कपड़ा, बर्तन के उद्योग आदि का व्यापार होता था। इसके साथ-साथ धार्मिक महत्व एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में मुगल बादशाहों, सेठ, धन्ना सेठों आदि ने विश्रांत घाटों का निर्माण कराया था।
विशेष पर्व जैसे गंगा मेला, माघ मेला, सामाजिक उत्सव, शादी-विवाहों आदि में इन घाटों पर अपार भीड़ लगा करती थी।कम्पिल का घाट मुगल बादशाह ने बनाया था। इसी प्रकार शमसाबाद की विश्रांत फर्रूखाबाद में झुन्नीलाल, सेठ शाह जी की विश्रांत, टोका घाट, पांचाल घाट, किला घाट, रानी घाट, सुन्दरपुर घाट, श्रींगीरामपुर में मराठा परिवार की विश्रांते आदि बहुत ही सुन्दर थी लेकिन आज खण्डर पड़ी हैं।
गंगा दरवाजा से लेकर टोका घाट, नीवलपुर तक लगभग 200 प्राचीन मंदिर थे जिनमें कीमती पत्थर व अष्टधातु की मूर्तियां थी जो आज दिखाई नहीं देती है।इन सभी मंदिरों का अस्तित्व नहीं रहा, खण्डर बन गए और गांव के लोगों ने सुन्दर घाटों को भूसा, उपले भरकर गंदा कर दिया है।घाटों की विश्रांतो में राजस्थानी, ईरानी और अवध शैली में लाल पत्थर से बनी हुई है। इनके गुंबदों में राजस्थान, अवध की चित्रकारी आज अपनी कहानी कह रही है। इनमें धार्मिक चित्र रामायण, महाभारत, मुगलकाल के नवाबों के चित्र जिनमें लोक कलाओं, लोक जीवन, अतीत काल की गाथा का वर्णन कर रही है। इनके खण्डर अवषेशों में अतीत की कलाओं को संरक्षण की आवश्यकता है। गंगा घाट पर एक मंदिर वर्तमान में पत्थर वाली मठिया या नादिया वाला मंदिर जिसमे लाल राजस्थानी पत्थर की उकेरी गई मृण मूर्तियों में आज भी आध्यामिकता झलकती है। इसमें शेष नाग की शैया पर विष्णु भगवान, पृष्ठभूमि पर नवग्रह, रामायण कालीन सीताहरण, दुर्गा- शिव विवाह आदि ऐसे धार्मिक चित्र आकर्षण का केन्द्र हैं।
~"ये खंडहर बता रहे हैं मैं भी कभी जवान था"वर्ड हैरिटेज डे पर एक रिपोर्ट:
किसी भी राष्ट्र का इतिहास, उसके वर्तमान और भविष्य की नींव होता है। जिस देश का इतिहास जितना गौरवमयी होगा, वैश्विक स्तर पर उसका स्थान उतना ही ऊँचा माना जाएगा। वैसे तो बीता हुआ कल कभी वापस नहीं आता, लेकिन उस काल में बनीं इमारतें और लिखे गए साहित्य उन्हें हमेशा सजीव बनाए रखते हैं। सभी जानते हैं कि पौराणिक काल में कम्पिल...छठी शताब्दि में कन्नौज..चौदवीं शताब्दि में शमशाबाद, तीन विभिन्न कालों में राजधानी रहा है जिसे आज हम फर्रुखाबाद नाम से जानते हैं।हम कह सकते हैं कि फर्रुखाबाद तीन विभिन्न कालों की ऐतिहासिक धरोहर समाहित किये हुऐ हैं लेकिन यह सम्पूर्ण इतिहास धरती में समाया हुआ है।कन्नौज में कुछ इमारतें अपनी कहानी कह रही हैं लेकिन असली कहानी जमीन में दबी पड़ी है।शमशाबाद उजाड़खंड हो चुका है।बंगश काल की इमारतें खंड खंड हो चुकी है या तो उन्हें कब्जाया जा चुका है या बद्तर हालात में मरणासन्न दफनाए जाने का इंतजार कर रहीं है।बची खुची इमारतों को बचाया जा सकता है।
गंगा किनारे घाटों का समूह आज भी जिंदा है।कभी कल्याण प्रेस गोरखपुर ने अपने गंगा अंक में गंगा किनारे बनी विश्रांत घाटों को भारत मे सर्वश्रेष्ठ घोषित किया था?उस समय फर्रुखाबाद को अर्द्धकाशी कहा जाता था।आज टोका घाट पर कन्नूलाल जी गोकुल प्रसाद सदानंद तिवारी जी की भव्य विश्रांतें मंदिर व हवेलियों के खंडहर खड़े हैं। कुछ दूरी पर शाह जी की कला पूर्ण विश्रांतें हैं जिनमें कंडे पाँते जा रहे हैं।इसके पीछे कालेश्वर नाथ का प्राचीन मंदिर है। थोड़ी दूरी पर काल भैरव व काली देवी का प्रचीन मंदिर है।बंगश नवाबों ने नावों से व्यापार की सुविधा के साथ स्नान की सुविधा भी करायी थी।इन विश्रातों में औरतों के नहाने की अलग से व्यवस्था थी।घाटों में सीढ़िया और चबूतरे आवश्यकतानुसार होते थे। गंगा के किनारे गुर्ज..गुर्ज के ऊपर गुर्ज और गुर्ज के नीचे कमरे..चबूतरों के साथ बने बरामदे...दीवारों पर कारीगरी व चित्रकारी आदि देखते बनती थी।आज इन विश्रांतों की दयनीय दशा देख हम कह सकते हैं कि फर्रुखाबाद की बची खुची शान समाप्ति के कगार पर है?
वैसे तो प्राचीन काल में गंगा नदी का प्रयोग बोट द्वारा आवागमन व माल ढुलाई के लिये होता रहा है।किसान अपनी ऊपज बोट द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाता था।मोहम्मद खाँन बंगश ने 1845 में अपने फोर्ट आर्चिटैक्ट शेर दिल खाँ को हुसैनपुर में गंगा पार आवागमन व माल गुजारी वसूली का अधिकार दिया।बाद में भारत में पहली बार फेरी बोट का इस्तेमाल गंगा क्रॉस करने हेतु किया गया।मोहम्मद बंगश ने 'फेरी बोट' का इस्तेमाल लम्बी दूरी के लिये शुरु किया।केवल उन महीनों को छोड़ जब नदी में पानी कम होता,बाकी महीनों में फर्रुखाबाद से कलकत्ता तक व्यापार होता था।हुसैनपुर विदेशी माल का प्रमुख बाजार बन गया था।लॉर्ड ऑकलैड के दिल्ली प्रस्थान पर..मार्ग में फर्रुखाबाद आगमन पर डीएम कैम्पबैल ने राम गंगा व गंगा पर बोट ब्रिज का निर्माण कराया था।बाद में पैन्टलून ब्रिज का निर्माण कराया गया।इस प्रकार शमशाबाद में नील की खेती व कलकत्ता से विदेशी सामान के व्यापार की वजह से फतहगढ़ मे हुसैनपुर एक बड़ा महत्त्वपूर्ण बाजार था।आज हमारी सरकार गंगा सफाई अभियान चलाऐ हुए हैं।इसके अंतर्गत गंगा के बहाव का उपयोग माल ढोने के लिये किया जा सकता है।गंगा किनारे बचे खुचे घाटों को पुनर्जीवित कर होटल,रेस्टोरेंट खोल पर्यटन को समुचित बढ़ावा दिया जा सकता है।इधर यदि इंडियन आर्कियोलॉजिकल विभाग कन्नौज व कम्पिल में खुदाई प्रारम्भ करे तो गर्भ में दबे रहस्य से पर्दा उठने के साथ फर्रुखाबाद अपनी पुरानी महत्ता प्राप्त करेगा।

Пікірлер: 38
@chandrapalbhadouriya3870
@chandrapalbhadouriya3870 2 жыл бұрын
Bahut khub,khula khel farrukhabadi.
@monikakashayap7619
@monikakashayap7619 2 жыл бұрын
Sri Sangeeta Devi new Delhi
@नवीनचन्द्रयादव
@नवीनचन्द्रयादव 3 жыл бұрын
ये तो मेरे गांव की विश्रांते हैं
@Mohdkaif-nw4ge
@Mohdkaif-nw4ge 3 жыл бұрын
Kaha ki h
@नवीनचन्द्रयादव
@नवीनचन्द्रयादव 3 жыл бұрын
@@Mohdkaif-nw4ge madhaupur farrukhabad utter Pradesh
@monikakashayap7619
@monikakashayap7619 2 жыл бұрын
Ha
@umeshchandramishra2074
@umeshchandramishra2074 3 жыл бұрын
मन प्रसन्न हुआ जानकारी के लिए
@prabhadevi823
@prabhadevi823 2 жыл бұрын
Eyh to hmare Ava's vikas ke pass h ganga 🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿ji
@vishalkatiyar9499
@vishalkatiyar9499 2 жыл бұрын
हर हर🌙 गंगे❤❤
@sunnythakur8411
@sunnythakur8411 3 жыл бұрын
Thanku u very much sir.. Pls aap aur bhi farrukhabad ki vidios bnaye.. Taaki hmare farrukhabad me tourism ko boost mile... Kampil, sankisa, nibkarori baba dham aur bahut se ese places hain jahan hmari govt. Ko unhe promote krna chahiye....
@ravigupta7426
@ravigupta7426 3 жыл бұрын
Fantastic information & video bhai..👍👍
@नवीनचन्द्रयादव
@नवीनचन्द्रयादव 3 жыл бұрын
🙏🙏🙏🙏👍👍🙏🙏👍🙏👍🙏👍🙏🙏🙏🙏
@नवीनचन्द्रयादव
@नवीनचन्द्रयादव 3 жыл бұрын
हम आपका पुरानी इमारतें माधौपुर टोकाघाट फर्रुखाबाद में स्वागत करते हैं
@monikakashayap7619
@monikakashayap7619 2 жыл бұрын
Nice
@monikakashayap7619
@monikakashayap7619 2 жыл бұрын
New Delhi
@roopanimishra993
@roopanimishra993 2 жыл бұрын
Shah ji ne hi badhpur ka mandir bhi banvaya tha
@नवीनचन्द्रयादव
@नवीनचन्द्रयादव 3 жыл бұрын
ये हमारी संस्कृति है
@amitshrivastav9312
@amitshrivastav9312 2 жыл бұрын
Ye hai kha bhai
@Sumitguptaji4754
@Sumitguptaji4754 7 ай бұрын
Aapka dron koun sa hai
@monikakashayap7619
@monikakashayap7619 2 жыл бұрын
Gaurav
@gramvikasadhikari1995
@gramvikasadhikari1995 3 жыл бұрын
मुख्य विकास अधिकारी जी इन जगहों का जीर्णद्धार के लिए आप को प्रयास करना चाहिए जिससे फर्रुखाबाद जनपद की विरासत को सहेजा जा सके
@नवीनचन्द्रयादव
@नवीनचन्द्रयादव 3 жыл бұрын
किसी को भी विश्रांते देखने आना है तो आ सकता है ये हमारे लिए गौरव की बात होगी
@harshitkannauj2670
@harshitkannauj2670 2 жыл бұрын
ये कहां पर है फर्रुखाबाद में
@PankajKumar-yu4pk
@PankajKumar-yu4pk Жыл бұрын
आना तो चाहते हैं लेकिन रास्ता नहीं पता कई बार फर्रुखाबाद में पता किया लेकिन सही नहीं बताया
@नवीनचन्द्रयादव
@नवीनचन्द्रयादव 3 жыл бұрын
👍👍👍👍
@monikakashayap7619
@monikakashayap7619 2 жыл бұрын
Saroj
@shilpikushwaha619
@shilpikushwaha619 3 жыл бұрын
Very nice 👍👍sir ye kaun si jagah h fbd me...
@roopanimishra993
@roopanimishra993 2 жыл бұрын
Ye vishranten Shah ji ke dwara banvai gayi thin
@intizars1
@intizars1 2 ай бұрын
😅इसमें म्यूजिक में जो तबले की थाप सुनाई दे रही है उसका पालन पोषण भी फर्रुखाबाद में ही हुआ है।
@rajveersinghchauhan9848
@rajveersinghchauhan9848 3 жыл бұрын
Archeological Vibhag hamare Farrukhabad ki dharohar par dhyaan de doo....
@syedhassanmujeebirazzaqui474
@syedhassanmujeebirazzaqui474 3 жыл бұрын
बहुत खूब सर , आप फर्रुख़ाबाद के लिए बहुत बड़ा काम कर रहे है। अल्लाह आपको सलामत रखे। एक मेरा भी इन्स्टाग्राम पेज है @unzip_farrukhabad क्या मैं आपकी यह विडीओ अपने पेज पर डाल सकता हू ? और अगर कोशिश रही तो फर्रुख़ाबाद का पूरा एतिहास सबके सामने ले के आयेंगे एक दिन। 🙏🏻
@monikakashayap7619
@monikakashayap7619 2 жыл бұрын
Sunil
@hongkonggangster2270
@hongkonggangster2270 3 жыл бұрын
आजकल फर्रुखाबाद बहुत घुमाया जा रहा ।क्यों?🤔
@r-techtech2522
@r-techtech2522 2 жыл бұрын
Ye shah ji ki bisrate kehlati hai purane log batate hai
@areuwithme1238
@areuwithme1238 3 жыл бұрын
Farrukhbad ki imaarto ki Bahut Istithi bahut kharab hai
@नवीनचन्द्रयादव
@नवीनचन्द्रयादव 3 жыл бұрын
ये तो मेरे गांव की विश्रांते है
@harshitkannauj2670
@harshitkannauj2670 2 жыл бұрын
कौन सा गांव है तुम्हारा
@RamKumar-lp6ub
@RamKumar-lp6ub 2 жыл бұрын
Pahle Gangaji yahi par thi.yaha par bahut bar picnic ki hay ham ne.sadwade ke log pure savan me yahi rah kar bhajan karte the .
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