गजेन्द्र प्रियांशु, आप का यह गीत अविस्मरणीय है।❤❤❤
@PramodKumarChoudhary-r6z10 ай бұрын
वाह भाई वाह! सारे गम और दर्द खुशियों के साथ लूटा दिए। प्रेम तो प्रेम है, कभी रुलाती है तो कभी हसाती। मूल रूप से पागल बनाती है। 🌹🇮🇳🌹
@Developeyourself-A8 ай бұрын
सभी कवियों को मेरा प्रणाम्
@AnitaSharma-iw1to7 ай бұрын
❤🎉
@rameshdwivedi9 ай бұрын
वाह लोढा जी, आपने त्रिवेणी, गजेन्द्र, हेमंत और सुमन का संगम,जो एक से बढ़कर एक हैं। आप सबको नमन। रमेश कुमार द्विवेदी ,चंचल, सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश।
@the_devine_story229 ай бұрын
मेरा भी यही विचार था जो आपने प्रकट किया है धन्यवाद सर प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश से। सभी कवियों और शैलेश भैया जी को। 🙏
@AnitaSharma-iw1to7 ай бұрын
❤❤❤
@Skumar170953 ай бұрын
Nice... @@AnitaSharma-iw1to
@panditmunnalalchoubey57945 ай бұрын
तीनों कवियों ने गजव ढा दिया वाह भाई वाह बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति दी आप तीनों कवियों को भाई शैलेश लोढ़ा जी के साथ बार बार प्रणाम करता हूं
@Drrksagersager9804 ай бұрын
Inki premika jaha bhi hogi bahut yaad karti hogi inko itna payara geet sunaya rat rat bhar tumko gaya hame bhi 10sal purane yar ki yad gayi hai really bahut sandar
मै भी वाह भई वाह मे आना चाहती हूँ इसके लिए कहाँ संपर्क करे
@RahulJatav-e2y2 ай бұрын
Hii
@kunjbansal10 ай бұрын
😂
@jagdishnautiyal4376 ай бұрын
सौरभ भाई आप शैलेश लोढा जैसा क्यों बनना चाहते हो, वह तो सिर्फ चुटकुले सुनाते हैं और आप देश भक्ति की व वीर रस की उत्तम कविता करते हो, हाँ शैलेश लोढ़ा तारक मेहता का उल्टा चश्मा में अपना एक यूनीक स्थान बनाने में सफल रहे हैं लेकिन कविता में नहीं,
@funloverzzz45235 ай бұрын
अभी आपने शैलेश लोढा को जाना ही नही है। आप जिसके प्रशंशक है वह शैलेश लोढा के सबसे बड़े प्रशंशक है तो आप खुद ही समझ लीजिए