Phir to terrorist jo karate he vo bhi purv nirdhaarit hai, aur logo ko unake marane se pida milati hai vo bhi, fir to ishwar dukhvadi hai aur jo dukhvadi hai vo bhi dukh hi paaega...
@Hidden_Gems95 Жыл бұрын
Fir to jivan aek dahorav sa ho jata hai aek machine sa jise aek fix kam karana hai...
@iistheonlyproblem2241 Жыл бұрын
पहली बात तो ये कि यदि आतंकवादी इस बात को मान ले कि सब ईश्वर इच्छा या पहले से निर्धारित है, इसलिए हो रहा है तो शांत नहीं रहेगा क्या? क्योंकि उसको पता है कि मैं जिनको मारने जा रहा हु वो उस काम के लिए जिसका वो आतंकवादी विद्रोह कर रहा है, के लिए जिम्मेदार ही नहीं है। तो भला वो आतंकवादी क्यों बनेगा?
@iistheonlyproblem2241 Жыл бұрын
दूसरी बात सत्य के बारे में सारे आंकलन गलत होते है पहले आप जिए फिर देखे। फिक्स मशीन जैसा तो आपको तब लगेगा जब पता हो कि आगे क्या हो रहा है? दूसरी बात व्यक्ति तब बाह घटनाओं से प्रभावित ना होकर आत्मा में विश्रांति प्राप्त करता है और आत्मा बोरिंग नही है क्योंकि आत्मा अनंत है और उसकी पुनरावृति नही होती है और जिसकी पुनरावृत्ति नही होती है वो बोरिंग नही होती है। बोरिंग, गति का ही दूसरा पहलू है।