FAQ: Wolin's Defense of the Classical Political Tradition: 1. What is the main criticism Sheldon Wolin levels against behavioral political science? Wolin argues that behavioral political scientists, in their pursuit of scientific rigor and quantifiable methods, have abandoned the true "vocation" of political theory. He believes they have sacrificed deep, insightful, and critical analysis of political phenomena for the sake of objectivity and data-driven approaches. 2. According to Wolin, what are the two ways in which political theory represents "seeing" political phenomena? Firstly, political theory provides a descriptive account of the political world. Secondly, and more importantly, it offers a form of aesthetic or religious vision. This means that political theory engages the theorist's imagination to create a coherent understanding of the complex and often unseen connections within the political realm. 3. What does Wolin mean by "epic theory" and how does it differ from other types of theories? "Epic theory" is characterized by its grand scope and ambition. Unlike theories that focus on specific aspects of politics, epic theory attempts to provide a comprehensive and transformative understanding of the entire political order. It arises during periods of crisis and aims to reconstruct meaning and order out of chaos. 4. What role does "public concern" play in epic theory? Wolin emphasizes that epic theory is driven by a deep concern for the public good. This means that the subject matter of epic theory is of common interest to the entire community, and it seeks to provide knowledge that can guide individuals towards wiser political action. 5. How does Wolin view the relationship between political theory and the existing political order? Wolin acknowledges that political theory is inevitably shaped by the existing political order. Institutions and existing political thought create a framework within which theorists operate. However, he also argues that political theory should not simply mirror the status quo but rather critically examine and potentially challenge it. 6. What does Wolin mean when he says that the Western political tradition exhibits "a tendency towards an infinite regress to the past and a tendency towards cumulation"? He argues that political theory is constantly engaged in a dialogue with the past. Theorists draw upon and reinterpret the ideas of their predecessors. This leads to a continuous process of re-examining and refining political concepts, integrating new insights with those inherited from the past. 7. How does the study of historical development contribute to our understanding of political theory? According to Wolin, understanding the historical development of political thought is crucial for grasping the nuances and evolution of political ideas. By tracing the trajectory of ideas, we gain a deeper appreciation of the complexities of political theory and its relevance to contemporary issues. 8. How does Wolin critique contemporary political theory's focus on method? Wolin criticizes the overemphasis on scientific methodology in contemporary political theory, arguing that it has come at the expense of the critical dimension. He believes that political theory should not shy away from offering radical critiques of fundamental political principles and practices.
@KnowledgeisKeytoSuccess19 күн бұрын
FAQ: वोलिन की शास्त्रीय राजनीतिक परंपरा की रक्षा: 1. शेल्डन वोलिन ने व्यवहारवादी (Behavioral) राजनीतिक विज्ञान की मुख्य आलोचना क्या की है? वोलिन का मानना है कि व्यवहारवादी राजनीतिक वैज्ञानिक, वैज्ञानिक कठोरता और मात्रात्मक तरीकों की खोज में, राजनीतिक सिद्धांत की सच्ची "वocation" (कर्तव्य) को छोड़ चुके हैं। उन्होंने गहन, अंतर्दृष्टिपूर्ण और आलोचनात्मक विश्लेषण का त्याग कर दिया है और इसे वस्तुनिष्ठता और डेटा-आधारित दृष्टिकोणों के लिए बलिदान कर दिया है। 2. वोलिन के अनुसार, राजनीतिक सिद्धांत "राजनीतिक घटनाओं को देखने" के दो तरीके कैसे प्रस्तुत करता है? वर्णनात्मक दृष्टिकोण: राजनीतिक सिद्धांत राजनीतिक दुनिया का वर्णनात्मक खाता प्रदान करता है। सौंदर्यात्मक या धार्मिक दृष्टि: राजनीतिक सिद्धांत कल्पना का उपयोग करके राजनीतिक क्षेत्र में जटिल और अक्सर अदृश्य कनेक्शनों को समझने का एक सुसंगत ढांचा तैयार करता है। 3. "एपिक थ्योरी" (Epic Theory) का क्या अर्थ है, और यह अन्य सिद्धांतों से कैसे भिन्न है? "एपिक थ्योरी" उन सिद्धांतों को संदर्भित करती है जिनकी व्यापक दृष्टि और महत्वाकांक्षा होती है। यह राजनीति के विशिष्ट पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय पूरे राजनीतिक क्रम की व्यापक और रूपांतरित समझ प्रदान करने का प्रयास करता है। यह सिद्धांत आमतौर पर संकट के समय में उत्पन्न होता है और अराजकता से अर्थ और व्यवस्था का पुनर्निर्माण करता है। 4. एपिक थ्योरी में "सार्वजनिक चिंता" (Public Concern) की भूमिका क्या है? वोलिन के अनुसार, एपिक थ्योरी सार्वजनिक हित के प्रति गहरी चिंता से प्रेरित होती है। इसका उद्देश्य पूरे समुदाय के लिए सामान्य हितों के विषयों को संबोधित करना और व्यक्तियों को अधिक बुद्धिमान राजनीतिक क्रियाओं की ओर मार्गदर्शन करना है। 5. वोलिन ने राजनीतिक सिद्धांत और मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के बीच संबंध को कैसे देखा? वोलिन मानते हैं कि राजनीतिक सिद्धांत मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था से प्रभावित होता है। संस्थान और मौजूदा राजनीतिक विचार सिद्धांतकारों के लिए एक ढांचा तैयार करते हैं। हालांकि, वोलिन यह भी तर्क देते हैं कि राजनीतिक सिद्धांत को केवल यथास्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे आलोचनात्मक रूप से जांचना और संभावित रूप से चुनौती देना चाहिए। 6. वोलिन का "पश्चिमी राजनीतिक परंपरा" के "अनंत प्रतिगमन" और "संचयन" की प्रवृत्ति से क्या मतलब है? वोलिन का कहना है कि राजनीतिक सिद्धांत अतीत के साथ एक सतत संवाद में लगा रहता है। सिद्धांतकार अपने पूर्ववर्तियों के विचारों का उपयोग करते हैं और उन्हें फिर से व्याख्या करते हैं। यह प्रक्रिया राजनीतिक अवधारणाओं की पुन: परीक्षा और परिशोधन की ओर ले जाती है, जो नए अंतर्दृष्टि को विरासत में मिले विचारों के साथ एकीकृत करती है। 7. ऐतिहासिक विकास का अध्ययन राजनीतिक सिद्धांत की समझ में कैसे योगदान देता है? वोलिन के अनुसार, राजनीतिक विचार के ऐतिहासिक विकास को समझना राजनीतिक विचारों की जटिलताओं और उनकी समकालीन प्रासंगिकता की सराहना के लिए महत्वपूर्ण है। यह विचारों के प्रक्षेपवक्र को ट्रेस करके उनके महत्व और विकास को उजागर करता है। 8. समकालीन राजनीतिक सिद्धांत में पद्धति (Method) पर ध्यान केंद्रित करने की वोलिन की क्या आलोचना है? वोलिन समकालीन राजनीतिक सिद्धांत में वैज्ञानिक पद्धति पर अत्यधिक ध्यान देने की आलोचना करते हैं। उनका मानना है कि इससे आलोचनात्मक आयाम का बलिदान हो गया है। वोलिन का मानना है कि राजनीतिक सिद्धांत को बुनियादी राजनीतिक सिद्धांतों और प्रथाओं की कट्टरपंथी आलोचना करने से डरना नहीं चाहिए।
@tomfrombrunswick757116 күн бұрын
You guys are not the masters of short pithy presentations
@KnowledgeisKeytoSuccess16 күн бұрын
i will endeavor to do as per your wish
@tomfrombrunswick757116 күн бұрын
@@KnowledgeisKeytoSuccess Sorry I should not be so negative. You are doing a podcast to talk about a serious issue you should be congratulated good luck with it all
@KnowledgeisKeytoSuccess16 күн бұрын
@@tomfrombrunswick7571 Thanks for the appreciation and Please keep supporting 🙏🙏🙏