आज संविधान दिवस के अवसर पर चेनल पर कोई वीडियो देख रहा था कि सर ने अपडेट की है या नहीं । ये दिख गई। धन्यवाद सर ... हम thinking creatre की ओर बढ़ते जा रहे हैं.....
@shubhamroy903Ай бұрын
वैश्विक संविधानवाद में भारत का योगदान यह रहा है कि भारत ने ना सिर्फ प्रजातंत्र को स्वीकार किया बल्कि प्रजातंत्र के विचारों का प्रजातांत्रिकरण किया है।
@arunyaduvanshi856425 күн бұрын
शानदार लेक्चर।
@anuragsingh9031Ай бұрын
Sir❤
@supriyabharti3120Ай бұрын
Thankyou so much sir ❤❤ your lecture make my day happy ❤❤
@UyuiaskАй бұрын
Sir aapse nivedan hai ki 1 year me jitne bhi Important articles news me rhe ho use aap discuss kr dijiye sir...🙏🏼🙏🏼❤️
@prashantkumar-w6o2eАй бұрын
Nhi krenge bo
@harikakde9694Ай бұрын
💯
@rakhi8434Ай бұрын
Good evening sir ji
@fanofvaladimirputin3731Ай бұрын
Gurudev aapki shaalinta ❤❤adbhut hai🙏
@ragnisingh3445Ай бұрын
Tqq sir 🙏
@Vikas-rx3gv24 күн бұрын
जब तक हम मानसिक गुलामी से बाहर नहीं आएंगे तब तक की असमानता बनी रहेगी और लोग बोरियों में पैसे भरते रहेंगे और हमारी एलीट क्लास इन लोगों को बचाती रहेगी
@noone6-7Ай бұрын
Informative 💯🙏🙏
@Error-ts4soАй бұрын
♥️
@SUNILKUMAR-rn4iq15 күн бұрын
भारत के सविधान को रद्द करके दोबारा सविधान बनाया जाए क्योंकि मौजूदा सविधान के कारण जनता को न्याय नहीं मिल सकता देश हित मे सरकार कोई भी काम करतीहै तो उसको कोर्ट के जरिये रोक दिया जाता है इस सविधान मे ही गड़बड़ी है
@TapHorrorGameАй бұрын
Ek law mujhe bhi banane do, corruption me jo bhi neta, judge samil hoga use, umarkeyd ki saja👍 des hi badal jayega
@subhashchandra317221 күн бұрын
बैंकों का राष्ट्रीयकरण आवशयक हो गया था। स्टेट बैंक इंडिया के अलावा सभी बैंक साहूकारों के नीजी बैंक थे। लोन पर अधिक ब्याज दर और जमा पर मामूली ब्याज दर।जनकल्याणकारी योजनाओं में रियायती दर पर ऋण देने के लिए बैंक तैयार नहीं थे। इसलिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। इसी तरह प्रीवी पर्स जो विलय से पूर्व के राजाओं को दिया जाता था, उसे भी समाप्त कर दिया, यह कहा गया कि जमींदारी प्रथा समाप्त हो गई है इसलिए प्रीवी पर्स के रूप में अरबों रुपए देने का कोई औचित्य नहीं है।
@akhileshsingh.3096Ай бұрын
🙏
@ashunautiyal9714Ай бұрын
संविधान में कुछ सालों से कुछ ज्यादा ही बदलाव किए जा रहे है!
@rishabhshukla979Ай бұрын
@@ashunautiyal9714 bhimtal 😁😁
@gauravbaijani7192Ай бұрын
@@ashunautiyal9714 sir please बताए कुछ सालों से कौन सा संवैधानिक भाग में ज्यादा बदलाव किए जा रहे है
@Akssurya1206Ай бұрын
@@rishabhshukla979 aur tu mukh putra 😀😀
@noone6-7Ай бұрын
हां भाई देश ने इससे पहले इतना खतरनाक कुछ नहीं देखा। Nehruji- 17 ammendment (In 16 years 286 day) Shashtri ji - 3 amme.(1yr 216 day) Indira Gandhi- 22 amme(11 yrs 59 days) Morarji Desai -2 amme (2yrs 126 day) Indira Gandhi - 6 ammen (4yrs 291 days) Rajiv Gandhi - 10 ammend(5 yrs 32days) Vp Singh- 6 amme. (343 day) Chandrashekhar - 1 ammend (223 day) Narsihma Rao - 10 ammend (4yrs 330 day) Atal Bihari - 14 ammend (6 yrs 64days) Manmohan Singh- 6 ammend(10 yrs 2days) Narendra Modi - 8 ammend (10 yrs 168 days till today).
@ajaykumarbaiga5727 күн бұрын
@@rishabhshukla979 kyu bhai itni thandi me bhi jal rahi hai tumhaari.
@Vikas-rx3gv24 күн бұрын
27:00 जमींदारी उन्मूलन हो गया लेकिन क्या असमानता खत्म हो गई आज भी भारत में वही असमानता है जो 1947 में थी..... 1% लोगों के पास 40% संपत्ति है.... और हमारे जज साहब और पॉलीटिकल क्लास भी इन्हीं 1% लोगों में शामिल है ... तो तो क्या इसका मतलब हमारी ज्यूडिशरी अपनी जमींदारी को प्रोडक्ट कर रही है