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श्रद्धा ही परम सूक्ष्म धर्म है। श्रद्धा हो ज्ञान, हवन, तप, स्वर्ग तथा मोक्ष आदिका फल प्रदान करती है और इसी श्रद्धासे भक्त सदा मेरा साक्षात् दर्शन प्राप्त कर सकते हैं॥ ५२-५३॥#श्रीलिंगमहापुराण दसवाँ अध्याय
योगसिद्धिप्राप्त पुरुषोंके लक्षण, साधुधर्मका स्वरूप, भगवान् शिवके साक्षात्कारके उपायोंका वर्णन तथा भक्तिभावमें श्रद्धाकी महत्ता #लिंग_पुराण_कथा पूर्वभाग
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