कोटि कुटिल मन गुरु पढ़ाई। आत्मा आधार जान प्राण पाँवर नहीं तो दुनिया मे कौन गुरु है जो मुर्दे को पढ़ाएगा। गुरु भी मुर्दा चेला भी मुर्दा ही मिलेगा।
@zdayaramyadav16 күн бұрын
सो कलिकाल कठिन उर गारी। पाप परायन सब नर नारी। इस कलिकाल में मे आत्मा आधार शरीर को छोड़ दे तो सबको दफ़नाना पड़ेगा। नर नारी आधार आत्मा के द्वारा पाप कर्म मे संलग्न हैं
@zdayaramyadav16 күн бұрын
विना आत्मा आधार के पाप पुण्य धर्म कर्म।
@zdayaramyadav16 күн бұрын
पल मे प्रलय होयगी जब प्राण जायेगा छूट।
@zdayaramyadav16 күн бұрын
अवध प्रभाव जान तब प्रानी । जब उर बसहि राम धनु पानी। अयोध्या मे राम का प्रभाव तब तक था। जब तक आधार आत्मा जान था। आत्मा प्राण आधार ने शरीर को पानी मे रख दिया। आधार आत्मा जान ही शरीर का परि त्याग कर देता है।
@zdayaramyadav16 күн бұрын
सत प्रतिशत सिर्फ एक ही बोल सकता है।99प्रतिशत् सब झूठ।
@user-personal-plz16 күн бұрын
Kalyan hota hai... Magar inshan uske layak hai vo us ke bad me chhal kar ne me intilagant ho jata hai. Vo galat tari ke se atma ghyan upyog kar ta hai kyo ki vo inshan hai.
@user-personal-plz16 күн бұрын
Atma ghyan hone se kya hota hai.
@zdayaramyadav16 күн бұрын
तामस बहुत रजो गुन थोरा । क लि प्रभाव विरोध चहु ओरा। आत्मा आधार प्राण के द्वारा जीव अहंकारी बन चुका है। यदि अपने को मिट्टी समझता तो बात समझ मे आती। विरोध का कारण आत्मा को स्वयं मान लेना शरीर को भूल जाना।