Рет қаралды 1,618
जय गुरुदेव जी,
गुरुदेव ने हर स्पीच में कहा है कि
ये कोई जादू नही है, कोई करिश्मा नही है, बाहर से देखने वाले को लगेगा कि किसी बाहर की शक्ति की चपेट में आ गया लेकिन अंदर से ये यौगिक क्रियाएं मातृ शक्ति खुद करवाती है, किसी को हंसना, रोना, कम्पन, किसी के पुराने संस्कार बाहर निकलते हैं(क्योंकि जीवात्मा ने न जाने कितने जन्म लिए होंगे कौन से जन्म का कौन सा प्रारब्ध कब कैसे कटना है ये शक्ति ही जानती है, किसी के बस का नही है ऐसे बाहर से अंदाज लगाना)
👆
ये शब्द खुद गुरुदेव के हैं:
लेकिन ऐसे लोग हैं जो बाहर से अंदाज लगाते हैं, कि तुम्हारे अंदर भूत है, तुम्हारे अंदर तामसिकता है, तुम्हारे अंदर दानव है etc, और खुद के अंदर का तो रावण भी नही मानता था कंस भी नही मानता था और सब अपने आप को भगवान समझते थे ऐसा होता आया है इतिहास में ऐसे लोगों के भक्त भी होते थे, सेना भी होती थी सब कुछ होता था तो ये कोई नई बात नही है
इन विडियोज को देखकर भी कोई बाहरी व्यक्ति(जिसको सिद्धयोग से कोई लेना देना नही) यही समझेगा कि कुछ तो हो गई गडबड, लेकिन आप गौर से देखेंगे आस पास वाले भाई बहन कोई नही डर रहे, कोई अभद्रता या बदतमीजी नही कर रहे, बड़े शांत मन से देख रहे हैं और उनके आज्ञा चक्र को प्रेस कर के ध्यान से बाहर भी ले आए बड़ी सादगी से,
लेकिन आपने एक चैनल देखा होगा उसमें कोई परिवार वाला लट्ठ मार रहा है साधक को, कोई मारने काटने की बात कर रहा है, कोई मंत्र जप के अलावा कुछ भी बोल रहा है,कोई डरा रहा है, धमका रहा है, इनकी भाषा देखो तरीका देखो
(पहली बात तो ये कि ऐसे आडंबर सिद्धयोग तो नही है, कुछ भटके हुए लोग दूसरे भटके हुए को भटकने का एक बहाना दे रहे हैं, खुद तो डूब चुके अब दूसरों को डुबाने का काम जारी है और साधक स्वयं जिम्मेदार है इसके लिए, क्योंकि गुरुदेव के दर्शन से हटकर कर्मकांड चालू है, और ऐसा पहली बार नही हो रहा पहले भी हो चुका है पहले सोशल मीडिया था नही तो ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है,
लेकिन जिसने किया उसको गुरुदेव ने दोबारा शरण में लिया ही नही, जबकि पहले पूरा परिवार गुरुदेव का भक्त था, इतनी सिद्धियां थीं, इतनी सामर्थ्य आ गई थी कि जो बोल दे वो सच हो जाए, लेकिन भटका और गुरुदेव ने निकाल दिया(बाहर से नही अंदर से सब गया पूरी साधना चली गई) कई साधकों को ले डूबा और उसका लड़का, लड़की बन कर सोशल मीडिया पर गुरुदेव के बारे में उल्टा सीधा लिखता है)
ऐसे ही आजकल चल रहा है एक भटके हुए लोगों का समूह इकट्ठा होता है और गुरुदेव के नाम पर आडंबर चालू कर दिया जाता है,
जो भी पुराने साधक हों वो बताएं क्या गुरुदेव ने ऐसा कभी किया, उल्टा गुरुदेव तो ऐसी बातों के खिलाफ थे आप स्पीच सुनो गुरुदेव की,
सिद्धयोग कोई मामूली साधना पद्धति नही है तो इसमें परीक्षा भी आसान नहीं है, परीक्षा की घड़ी हर साधक की जिंदगी में आती है आपको एक नही कई मौके मिलेंगे भटकने के ये आपके ऊपर है कि आप continue कर पाते हो या भटक जाते हो, होश में आओ अपने आपको जानो?
कोई तीसरा आपको बताएगा कि आपके अंदर क्या है, आपकी साधना कहां तक पहुंची, आपका कौन सा चक्र जागृत हो गया, आप कितने अंदर पहुंचे हुए हो,
गुरुदेव ने जोर देके कहा है कि जैसी मेरी श्रद्धा मेरे गुरुदेव के लिए है वैसी आपकी होगी तो ही पार पड़ेगी
गुरुदेव ने self realisation पर जोर दिया है, डिवाइन ट्रांसफॉर्मेशन पर जोर दिया है तो सेल्फ रियलाइजेशन का मतलब ये होता है कि आपके खुद समझ आए न कि कोई दूसरा बताएगा,
पूरा इतिहास उठा के देख लो कोई शिष्य ऐसा नहीं हुआ जिसको भटकने का मौका न मिला हो, और अच्छे अच्छे भटके भी
थोड़ी परेशानी आई आप डगमगा गए
मै छोटे से गार्डन में पौधों में रोज पानी देता हूं, आप सब भी देते होंगे मुझे पूरा ध्यान रहता है कि कहीं कोई पौधा छूट न जाए, तो गुरुदेव तो भगवान हैं परमसत्ता हैं तो ऐसा कैसे हो सकता है कि गुरुदेव को आपका ध्यान नहीं है हम तो इंसान हैं जो छोटे से पौधे का ध्यान रख लेते हैं,
वो परमसत्ता अपनी बगिया के हर छोटे से छोटे पौधे(हम और आप) का ध्यान नहीं रख सकती क्या?
तो आप उसकी बगिया छोड़ के क्यों इधर उधर जा रहे हो,
जैसा कि पहले भी बताया कि जब रावण की सेना थी कंस की सेना थी, सबके भक्त थे, तो ऐसे आडंबर वाले लोगों के भक्त होना कोई बड़ी बात नहीं है, और जल्दी बन जाते हैं, अब वो तर्क देंगे कि कुछ भी अलग नही है केवल गुरुदेव का नाम जप कर रहे हैं तो गुरुदेव क्या भूल गए थे आपको बताना,क्या गुरुदेव ऐसा नहीं कर सकते थे? कोई भी वीडियो उठा कर देख लो अगर गुरुदेव ने ऐसी बातों को कभी बढ़ावा दिया हो तो,
रावण को भी लगता था कि वो सही है, कंस को भी लगता था कि वो सही है ऐसे लोगों को और उनके भक्तों को भी लगता है कि वो सही है, न रावण किसी की सुनता था न ऐसे लोग किसी की सुनते हैं उल्टा ज्ञान देते हैं,
गुरुदेव समर्थ हैं आपको किसी तीसरे की जरूरत पड़ रही है मतलब कि आपकी आस्था और विश्वास है ही नही गुरुदेव में
अनन्य भक्ति केवल और केवल गुरुदेव बस
बड़ी सीधी आराधना है नाम जप और ध्यान बस
जय गुरुदेव जी
🙏🙏🙏💐