Thanks for Presenting this masterpiece in Good quality...💓
@vipulkumarjohnny36904 жыл бұрын
Chirag Hasan Hasrat😍😍🙏 poet/ lyrics of this gazal Jagjit ji 🙏😍😍😍🌹🌹🌹🌹
@rajtripathi349 Жыл бұрын
बेहतरीन लिरिक्स, सादगी भरा संगीत, सही जगह पर चित्रा जी की आवाज़ और सबसे ज्यादा जगजीत साहब की मखमली आवाज़ सबने मिलकर इस ग़ज़ल को जबरजस्त बना दिया है....💓
@irfansheikh642 Жыл бұрын
Chirag hassan hasrat is the poet of this gazal.He was born in poonch district of jammu and Kashmir but during partition he migrated to pakistan
@sharmaprabhat723 жыл бұрын
Nice gazal in a mesmerising voice.
@vipulkumarjohnny36904 жыл бұрын
या रब ग़म-ए-हिज्राँ में इतना तो किया होता जो हाथ जिगर पर है वो दस्त-ए-दुआ होता (ग़म-ए-हिज्राँ = जुदाई के दुःख), (दस्त-ए-दुआ = दुआ मांगने के लिए उठा हाथ) इक इश्क़ का ग़म आफ़त और उस पे ये दिल आफ़त या ग़म न दिया होता या दिल न दिया होता नाकाम तमन्ना दिल इस सोच में रहता है यूँ होता तो क्या होता यूँ होता तो क्या होता उम्मीद तो बँध जाती तस्कीन तो हो जाती वादा न वफ़ा करते वादा तो किया होता (तस्कीन = चैन, आराम) ग़ैरों से कहा तुम ने ग़ैरों से सुना तुम ने कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सुना होता -चराग़ हसन हसरत