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दोस्तों वीडियो थोड़ी बड़ी हो गई है पर हिमालय की शिवालिक श्रखलाओ में नीलपर्वत के पहाड़ो के सुंदर नज़ारो के साथ माता के दर्शन करके आपको बहुत आनंद माता जी के आश्रीवाद की प्राप्ति ज़रूर होगी वीडियो को आनंद लेकर देखे और कॉमेंट और लाइक ज़रूर करे
यहाँ भी आपको माँ चाँदी देवी मंदिर की पूरी जानकारी मान्यता पढ़ने को मिलेगी और माता चण्डी देवी जी का आश्रीवाद आप सब पर सदैव बना रहे जय माता दी
हरिद्वार में शिवालिक पर्वत माला पर मां चंडी देवी का पौराणिक मंदिर हैं. यहां मां चंडी के दो रूप देखने को मिलते हैं. एक रूप मां का रौद्र रूप में हैं, जो खंभ के रूप में विराजमान हैं. जबकि, दूसरा मूर्ति के रूप में विराजमान हैं. यहां पर मां चंडिका ने शुंभ और निशुंभ राक्षसों का वध किया था.
देवी चंडी को चंडिका के रूप में भी जाना जाता है, जो इस मंदिर की प्रमुख देवी हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीनकाल में शुंभ और निशुंभ नामक राक्षसों ने स्वर्ग के देवता इंद्र के राज्य पर कब्जा कर लिया था और देवताओं को स्वर्ग से फेंक दिया था. देवताओं की प्रार्थना के बाद पार्वती ने चंडी के रूप को धारण किया और राक्षसों के सामने प्रकट हुईं.
उस असाधारण महिला की सुंदरता से चकित होकर शुंभ ने उनसे शादी करने की इच्छा जताई. इनकार किए जाने पर शुंभ ने अपने राक्षस प्रमुख चंड और मुंडा को उसे मारने के लिए भेजा, लेकिन वे देवी चामुंडा के हाथों मारे गए. फिर शुंभ और निशुंभ ने मिलकर चंडिका को मारने की कोशिश की, लेकिन देवी के हाथों दोनों राक्षस का संहार कर दिया गया.
मां त्रिशूल के रूप में हैं विराजमान: इसके बाद चंडिका ने नील पर्वत के ऊपर थोड़ी देर आराम किया था और इसके बाद से मां शांत रूप में यहीं विराजमान हो गई. ऐसा माना जाता है कि इसी स्थान पर बाद में एक मंदिर बनाया गया. इसके अलावा पर्वत श्रृंखला में स्थित दो चोटियों को शुंभ और निशुंभ कहा जाता है. हरिद्वार में मां मनसा देवी मध्य में मां माया देवी और फिर मां चंडी देवी एक त्रिशूल के रूप में हरिद्वार की रक्षा करती आ रही हैं. दरअसल, त्रिशूल बनने की मान्यता ये है कि तीन देवियां पर्वत पर विराजमान हैं.
दोस्तों माँ चण्डी देवी के दर्शन के बाद
आपको हनुमान जी माता माँ अंजनी माता मंदिर के दर्शन होंगे
सभी दर्शन करने के बाद आप सब माता के चरणों में जयकारा लगा कर ज़रूर जाये धन्यवाद
मंदिर आने की जानकारी -
चंडी देवी मंदिर हरिद्वार से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यदि आप बस या ट्रेन से आना चाहते हैं तो बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन से ऑटो या ई रिक्शा मिल जाती है. जो पैदल मार्ग या रोपवे तक जाने के लिए डेढ़ सौ रुपए किराया लेती है. यदि आप अपनी गाड़ी से बिजनौर की तरफ से आते हैं तो श्यामपुर क्षेत्र में ही मां चंडी का मंदिर स्थित है, लेकिन यदि आप ऋषिकेश-देहरादून या फिर दिल्ली की तरफ से आते हैं तो हरिद्वार पहुंचकर आप चंडी घाट पुल होते हुए मां के मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं
दोस्तों उमीद करता हूँ यह वीडियो आपको पसंद आयी होगी इस वीडियो को प्यार ज़रूर दे आप सभी
मैं फिर मिलता एक और धार्मिक मंदिर की वीडियो और मान्यता और दर्शन के साथ तब तक आप सब अपना ध्यान रखे
जय माता दी
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जय माँ गंगे हर हर गंगे
हर हर महादेव..
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