जय हनुमान अति बलवान, कृपा निधान मारुति नन्दन, म्हारे तो थारी ही ध्यावना औ बाबा, म्हारे तो थारी ही ध्यावना॥ थारी ही ध्यावना, नित का मनावना, जय हनुमान अति बलवान, कृपा निधान मारुति नन्दन, म्हारे तो थारी ही ध्यावना औ बाबा, म्हारे तो थारी ही ध्यावना॥ लाल ध्वजा थारो लाल लंगोटो, भुजा है विशाल थारे हाथ मे घोटो, लाल ही लाल उड़े गुलाल, मालामाल केसरीनन्दन, म्हारे तो थारी ही ध्यावना औ बाबा, म्हारे तो थारी ही ध्यावना॥ बाल जती थारो तेज निरालो, तीनू ही लोक माही फेल्यो उजियारो, देख निहाल कारज सार, पलक उघाड़ अंतरयामी, म्हारे तो थारी ही ध्यावना औ बाबा, म्हारे तो थारी ही ध्यावना॥ रामचरित थाने खूब सुहावे, राम रसायन भजन बनावे, राम ही राम जय सियाराम, सीताराम जय रघुनन्दन, म्हारे तो थारी ही ध्यावना औ बाबा, म्हारे तो थारी ही ध्यावना॥
घट में बसे रे भगवान, मंदिर में काँई ढूंढ़ती फिरे म्हारी सुरता ॥टेर॥ मुरती कोर मंदिर में मेली, बा सुख से नहीं बोलै। दरवाजे दरबान खड्या है, बिना हुकम नहीं खोलै ॥1॥ गगन मण्डल से गंगा उतरी, पाँचू कपड़ा धोले । बिण साबण तेरा मैल कटेगा, हरभज निर्मल होले ॥2॥ सौदागर से सौदा करले, जचता मोल करालै । जे तेरे मन में फर्क आवेतो, घाल तराजू में तोले ॥3॥ नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा, दिल का परदा खोले । भानीनाथ शरण सतगुरु की, राई कै पर्वत ओलै ॥4॥