आओ वीर हनुमान देवता सारे म्हारे रीद्ध सिद्ध लेकर आओ गजानंद प्यारे रणत भँवर से आवो गजानंद देवा थारे रीद्ध सिद्ध घर नार करे थारी सेवा थे आवो वीर हनुमान... सिंह चढ़ी हिंगलाज जगे मेया ज्योति थारे गल पुष्पन का हार, हंस चुगे मोती थे आवो वीर हनुमान... हो बेल न असवार शंकर देवा थारे भूत जोगनी नार करे थारी सेवा थे आवो वीर हनुमान... हो भैसे असवार शनि महाराजा तेरा भक्त करे अरदास सार तेरो काजा थे आवो वीर हनुमान... गावे नरसिंह दास सिंघाने वाला , थाणे थारा हरदम करता ध्यान करो प्रतिपाला थे आवो वीर हनुमान...