2 mhine phle aati hai na news sr🙏 ye to sach na hai🤔
@arnavgangwar36302 күн бұрын
सर जी रचनानुवाद करवा दीजिये🙏💕
@brijeshshukla98823 күн бұрын
महोदय आप का चयन बिहार मे हो गया क्या 🤔🤔🤔
@By-ui9jr3 күн бұрын
फर्जी न्यूज़ है।यह अध्यक्ष का हस्ताक्षर ही नहीं है।
@VickySingh-c1p2 күн бұрын
Sahi news hai
@VickySingh-c1p2 күн бұрын
Aaj sabhi kah rahe hai
@RaginiPandey-xv3bn3 күн бұрын
सर जी सच में दिसम्बर में परीक्षा होगी??🤔🙏
@PoonamSingh-iv5cu10 күн бұрын
नमो नमः महोदय धन्यवाद आपने प्रश्नोत्तरी शुरू किया।
@poonambharti60121 күн бұрын
Priymbda
@poonambharti60121 күн бұрын
Kasypa
@krishnakumari33722 күн бұрын
धन्यवाद सर 🙏🙏
@vandana78882 ай бұрын
Please
@vandana78882 ай бұрын
Sir please शिवराजविजयम ek bar fir se padha dijiye
@muskankumari95792 ай бұрын
सर आप णिजन्त प्रत्यय पढ़ा दीजिए
@Dharamveersingharya38872 ай бұрын
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो आर्यावर्त की जय हो भारत माता की जय हो महर्षि दयानंद की जय हो आर्य समाज अमर रहे वेद की ज्योति जलती रहे ओम का झंडा ऊंचा रहे आचार्य जी को नमस्ते
@वीरशिवाजी-ट3ढ2 ай бұрын
sir इस पुस्तक का नाम बताए कृपया करके
@arnavgangwar36302 ай бұрын
सर जी प्रणाम सर आपका नंबर चाहिए
@awdheshmishra81902 ай бұрын
SHRI RAM BHDRACHARY THIK BOLE HAIN. STYARTH PRKASH KO DEKHNA AUR PTHNA PAP HAI
@जितेन्द्रीराजपूत2 ай бұрын
Sir श्लोक 11,12,13, की वीडियों नहीं है सर 🙏🏻🙏🏻 plz sir dal dijiye
@AmarBahadurPbh2 ай бұрын
Kha par class hoti h
@parmarthchintan2 ай бұрын
झूठ बोल रहे हैं कोई भी आर्य समाजी महाभारत को नहीं मानता l जिन तीर्थों की यात्रा पांडवों ने की आर्य समाजी उन्हीं तीर्थों का निषेध करके तीर्थ यात्रा क्यों नहीं करता? और जिन मंदिरों की प्रतिष्ठा पांडवों ने की आर्य समाज क्यों उनका निषेध करता है ।
@parmarthchintan2 ай бұрын
इतिहास पुराणाभ्यां वेदं समुपबृंहयेत। बिभेत्यल्पश्रुताद् वेदो मामयं प्रहरिष्यतीति।। इतिहास और पुराणों के सहायता से ही वेदों के अर्थ का विस्तार एवं समर्थन करना चाहिए। जो इतिहास एवं पुराणों से अनभिज्ञ हैं, उनसे वेद डरते हैं की कहीं यह मुझ पर प्रहार न करदे। महाभारत
@vinayrai83583 ай бұрын
महोदय आपने यूट्यूब पर कक्षा बन्द क्यूं कर दी है कृपया कुछ आवश्यक सामग्री देते रहे परीक्षा की दृष्टि से, विजय लक्ष्मी
@SulekhaAarya3 ай бұрын
🚩🚩
@munnalal-ui6lb3 ай бұрын
वेदों में सृष्टि का ज्ञान है और सृष्टि निराकार साकार है। सृष्टि से बाहर का ज्ञान वेदों में नहीं है लेकिन वेदों की शिक्षा जो सृष्टि से बाहर है उसके जानने के लिए प्रेरित करती है। वेद ज्ञान:-जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं। यह वेद शिक्षा है। सृष्टि से बाहर क्या है उसका वर्णन वेदों में नहीं है। जो सृष्टि से बाहर है यही पूर्ण ब्रह्मसच्चिदानंद है और उसका वर्णन भागवत में है। भागवत को पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के बिना कोई खोल नहीं सकता। अब कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से भागवत के प्रमाण से एक पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद की पहचान कराई है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं।🎉🎉
@vandanarai66623 ай бұрын
Very much sir🙏🙏
@bhagwanaramverma84963 ай бұрын
शास्त्रार्थ होना ही चाहिए अज्ञानियों को जबसमझ में आयेगा।
@munnalal-ui6lb3 ай бұрын
सतलोक की जरूरत नहीं है स्वर्ग की जरूरत नहीं है बैकुंठ की जरूरत नहीं है चार वेदों की जरूरत नहीं है गीता की जरूरत नहीं है नवधा की जरूरत नहीं है अष्टांग योग की जरूरत नहींहै निराकार साकार की जरूरत नहीं है। अब कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से भागवत और कुरान के प्रमाण से एक पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड की पहचान कराई है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं।🎉🎉🎉🎉🎉
@सुखदेवआर्य-थ5ब3 ай бұрын
लगता है अब कोई भी देश जीत नहीं पायेगा "😅आपसे " कि अब तक एक तरफ से भी नहीं खेलते थे और अब दोनो तरफ से छक्का मारने की कोशिश😅
@BinodKrYadav-vl9fs3 ай бұрын
रामभष्ट्राचार्य असली नाम होना चाहिए रामभद्राचार्य का , यह कुपढ़, कुविचारी, है ।वेद,वैदिक संस्कृति और सनातन विरोधी है यह रामभष्ट्राचार्य ।
@ReenaDevi-no4ec3 ай бұрын
Bahut hi sunder 👍🙏🚩🔥
@munnalal-ui6lb3 ай бұрын
महर्षि दयानंद का सत्यार्थ प्रकाश नास्तिक विचारों से ग्रसित है। एकादश समुल्लास भागवतसमीक्षा लाल जिलत सत्यार्थ प्रकाश में 225 और 271 पृष्ठ पर देखें। वेदों को पढ़कर कोई पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद को जान नहींसकता अगर वेदों से पूर्ण ब्रह्म प्राप्त होते तो सृष्टि का ब्रह्मा क्यों नहीं कर लेता विष्णु क्यों नहीं कर लेते शंकर क्यों नहीं कर लेते। किसी ने भी पूर्ण ब्रह्म परमात्मा को नहीं जाना। जितने भी सृष्टि में अवतार पैगंबर ऋषि मुनि तपस्वी जाति सती हुए किसी ने भी पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद को नहीं जाना। सब निराकार सहकारिता की सीमित रहे महर्षि दयानंद भी निराकार साकार की मालाजाप कर चले गए लेकिन पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद कोनहीं जाना। अब कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से अखंड परमधाम जाहिर हुआ है जिसका किसी को पता ही नहीं था। इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है।
@rajatdas45223 ай бұрын
Dayanand se adhik agyani koi nahi ho sakta. Ye final baat hai.. किसी माँ के एक काले रंग की औलाद पैदा हो गयी तो उस को रगड़ रगड़ कर नहला रही थी। तभी एक व्यक्ति ने कहा ज्यादा मत रगड़ क्योंकि अंदर और ज्यादा काला निकलेगा फिर किस को रोयेगी 😂 समझ गये दयानंद ki ये माँ बन रहा है
@yadnyaprakashhulgunde90363 ай бұрын
महर्षी स्वामी दयानंद सरस्वती जी की जय हो...🙏🙏🙏
@Yogeshyadav_rn3 ай бұрын
रामभद्राचार्य ने महर्षि दयानंद पर झूठा आरोप लगाकर अपनी विद्वता को कलंकित किया है यह भी सत्य है कि वेद सृष्टि काल के हैं जबकि रामायण वेद के बाद एवं आज से 900000 वर्ष पहले लिखी गई है मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने गुरुकुल में वेद वेदांग शास्त्रों का अध्ययन किया था तो रामायण वेद से पहले कैसे हो सकती है इससे से सिद्ध होता है कि रामभद्राचार्य का ज्ञान रटा हुआ है क्योंकि वे नेत्रहीन है उनको श्लोक बालक की तरह याद कराए गए हैं। यह झूठा आरोप किसी ने आर्य समाज से नफरत करने वाले ने रामभद्राचार्य द्वारा वोलवाया गया है।
@tiwarioraon47013 ай бұрын
मेरे विचार में रामभद्राचार्य से अज्ञानता में भूल नहीं हुई है, किन्तु किन्हीं स्वार्थ सिद्धि हेतु कपट कर रहे हैं!
@Anjali_Tripathi3 ай бұрын
🙏🙏
@jayrajsinhrajput59403 ай бұрын
Swami Dayanand Saraswati Ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@satyabhansingh20853 ай бұрын
यह शास्त्रार्थ अवश्य होना चाहिए! तथा उसका आम- जनता के बीच लाइव प्रसारण होना चाहिए! ताकि! सबके- सामने दूध का दूध और- पानी का पानी हो सके । धन्यवाद!
@subhashbhatt7653 ай бұрын
रामभद्राचार्य दिमाग से अंधे
@vagishwarisanskrit3 ай бұрын
namaste ji...dhnyavad ye mudda uthane ke liye ..apko shubhkamnayen 🙏 video link ko share kar rahi hun .....pratibha arya
@lokvichar35783 ай бұрын
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
@mayanksaran-ko9rh3 ай бұрын
Iski charcha jald se jald hona chahiye
@RanveerSingh-nd9qt3 ай бұрын
क्यों इस अनपढ़ को हिरो बना रहे हो ?
@athe_ist41923 ай бұрын
ये पुराण पड़ने वालो को ब्रह्म ज्ञान नहीं होता, ये मूर्ति को ही परमात्मा मानते है,
@rajivkumarthakur48053 ай бұрын
kzbin.info3yHnnkWX4TA?si=Xx2MHr0K2HGFUQpQ rambhadracharya ji ki विद्वता को प्रमाणित करते हुए इनके ही मुख से देख सकते है । हमारे ऋषि दयानंद सरस्वती जी कभी भी अपना गुणगान करते हुए नही दिखे ।
@rajivkumarthakur48053 ай бұрын
हम आर्य जब भी ग्रंथों में मिलावट की बात करते है तो बहुत से लोगों को आश्चर्य लगता है l उनको लगता है मिलावट कभी हो ही भी सकता। हमारे प्यारे हिंदू भाइयों अब तो बात को मानिए । आपके सामने ही एक महान ग्रंथ जिनको तुलसीदास जी जैसे विलक्षण विद्वान द्वारा रचित किया गया जिनको हम रामचरिमानस के रूप में जानते है । इस ग्रंथ में हमारे दुनिया के सबसे बड़े विद्वान जो आपने विद्वता का गुणगान आपने मुख से करते नही थकते ऐसे महान रामभद्राचार्य महाराज ने तुलसी कृति रामचरितमानस में इतनी त्रुटि निकले जिसके सुधार हेतु इनको एक अलग के रामचरितमानस की रचना करनी परी । ग्रंथों में मिलावट होने की इससे अच्छा प्रमाण और क्या हो सकता है भईया।
@rajivkumarthakur48053 ай бұрын
आचार्य जी आप क्या बोल दिए ? आप जिनके बारे में बात कर रहे है उनकी योग्यता आपको पता है , हालाकि पहले तो किसी को पता नही था लेकिन जबसे रामभद्राचार्य जी बाबा आपने योग्यता का गुणगान आपने से ही करने लगे बस तभी सबों को पता चला की वो कितने विद्वान है। ये इतने विद्वान है की तुलसीदास जी महाराज के द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस में इतनी त्रुटि मिला की इनको अलग से रामचरिमानस की रचना करनी परी। हमारे ऋषि दयानंद सरस्वती जी की अलौकिक विद्वता की चर्चा पूरा संसार करता है , ऋषि दयानंद सरस्वती के बारे में अगर ये गलत नही बोलेंगे तो आप ही बताइए क्या इनका व्यापार इतने अच्छे से चलेगा क्या ।
@nishantsharma57863 ай бұрын
रामभद्राचार्य का आरोप। सूरज पर थूकने जैसा है।
@Prabhupadcharan3 ай бұрын
@@nishantsharma5786 ha par wo suraj nakli h jo ki pani ke andar pratibimb matr hai or waise par thuk diye to Achha hi kiye
@nishantsharma57863 ай бұрын
@@Prabhupadcharan ये तुम्हारी बाते अज्ञानता से परिपूर्ण हैं। क्योंकि पानी हो या शीसा प्रतिबिंब तभी दिखाता है जब की उसके समक्ष वास्तविक वस्तु उपस्थित हो । और महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने सनातन का वास्तविक स्वरूप लोगों के समक्ष रखा। रही बात रामभद्राचार्य की तो उनमें या किसी और पौराणिक पाखंडी मैं इतनी हिम्मत नहीं की आर्य समाज से शास्त्रार्थ कर सके । और न वह बुलाने पर आए
@praveshfoodvlog3 ай бұрын
धन्यवाद आचार्य जी संस्कृत के विद्वान हित का टिक टिक उत्तर दे सकते हैं रही बात होगी तो वेद तो प्रकृति के प्रारंभ से हैं सृष्टि के प्रारंभ से यह रचना है बहुत सुंदर