में भी ग्राम प्रतिहारी भंवरलाल मेघवाल निम्बला राजस्थान
@vijaymahawar27492 ай бұрын
जय गौ माता की
@l.k.bindlish38342 ай бұрын
Behtareen
@yogeshsharma24603 ай бұрын
अतिउत्तम
@jayasgriji8314 ай бұрын
Bahut badiya sarahniy kam kar rahe hei.
@radherai29254 ай бұрын
दी भारत स्काउट एवं गाइड कोटा मंडल के गंगापुर सिटी यूनिट द्वारा सराहनीय कार्य
@ROHITMEENA-dy3qy4 ай бұрын
Good 🎉🎉🎉🎉
@healthtipschannel61234 ай бұрын
Very good sir ❤❤❤
@hmtcreations4 ай бұрын
Flag को नीचे jhukaana गलत h
@hmtcreations4 ай бұрын
Nice
@rekhasingh91196 ай бұрын
Hare Krishna hare Krishna Krishna Krishna hare hare ❤
@rekhasingh91196 ай бұрын
Very nice song 💖
@Education.80M_views6 ай бұрын
Esi news ki update batate raho sir ji Thank you
@RajneeshAwasthi-iq8kr8 ай бұрын
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
@krishanarya31298 ай бұрын
विश्व की सबसे प्राचीन और महान् प्रजापति जाति को भगवान् ब्रह्मा जी के पुत्र *दक्ष प्रजापति* की सन्तान माना जाता है। प्रजापति कर्तव्यनिष्ठ, परिश्रमी और स्वाभिमानी किस्म की जाति है। न तो कभी चोरी-डाका नहीं डालते हैं और ना कभी किसी से छीन-झपट और मांग कर खाते हैं। बेहद ईमानदार, धर्मनिष्ठ, संतोषी और भगवान् में गहरी आस्था रखने वाली हिन्दू जाति है, इसलिये प्राचीन काल में ही सर्वमान्य रूप से स्थापित हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इन्हें *प्रजापति* के साथ-साथ *"भगत जी"* कह कर भी सम्मानित किया जाता है। इतिहास प्रसिद्ध *महाराजा शालिवाहन* और *मैसूर के वाडियार राजा* प्रजापति ही थे/हैं।। मिट्टी के बर्तन अत्यन्त पवित्र माने जाते हैं। आज आधुनिक युग में भी अनेक प्राचीन हिंदू मंदिरों, विशेष तौर पर *पुरी, ओड़िशा* के भगवान् जगन्नाथ मंदिर में भगवान् को भोग लगाने के लिए भोजन मिट्टी के पात्रों में ही पकाया जाता है। शताब्दियों से परम्परा रही है कि विवाह संस्कार के अवसर पर *मिट्टी के बर्तन बनाने वाले चाक* की पूजा किये बिना धार्मिक अनुष्ठान सम्पूर्ण नहीं माने जाते, *क्योंकि भगवान् श्रीहरि विष्णु जी ने अपना सुदर्शन चक्र प्रजापति को दिया था, इसीलिये चाक पूजन करके एक तरह से प्रजापति जाति की श्रेष्ठता को स्वीकार किया जाता है और उसका सम्मान किया जाता है।* बर्बर मुस्लिम आक्रांताओं के लगातार आक्रमणों ने हिन्दू धर्म की अनेकों महान् परम्पराओं को नष्ट कर दिया। सम्पूर्ण जानकारी के अभाव में आज इनका स्वरूप काफी हद तक बदल गया है। सृष्टि के आरम्भिक काल से ही निर्विवाद रूप से *प्रजापति* कहे जाते हैं अर्थात् यह कोई कमजोर अथवा दीन-हीन जाति नही है। *प्रजापति का अर्थ है - प्रजा का पालन करने वाला प्रजा का सरंक्षक।* प्रजापति को "आदि गुरु" भी माना जाता है, इसीलिये हिन्दू धर्म के मर्म और प्राचीन मान्यताओं को जानने-समझने वाले साधु-संत कभी किसी प्रजापति जाति के व्यक्ति को संन्यास आश्रम की दीक्षा देते समय उसके कानों का छेदन तक नहीं करते। सृष्टि के रचयिता भगवान् ब्रह्मा जी को भी प्रजापति कहा जाता है। *मनु महाराज* भी प्रजापति कहे जाते हैं। विवाह (पाणिग्रहण संस्कार) एवं हवन-यज्ञ के शुभ अवसरों पर *ओम् प्रजापत्ये स्वाहा* जैसे मंत्रों का उच्चारण कुछ विशेष कारणों से ही किया जाता है। एक प्रचलित प्राचीन मान्यता यह भी है कि कोई भी गॉंव अथवा खेड़ा बिना प्रजापति जाति के बसा नहीं रह सकता अर्थात् जिस गॉंव में मिट्टी के बर्तन बनाने वाली जाति *"प्रजापति"* का कोई घर मकान नहीं है, वह गॉंव देर-सवेर उजड़ जाता है, *"उजड़ खेड़ा"* हो जाता है। प्रजापति जाति की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए गहन शोध की आवश्यकता है। पैसे की चमक-दमक में अब पुराना बहुत कुछ खो सा गया है, अन्यथा प्रजापति कभी किसी समय में एक बेहद सम्मानित जाति मानी जाती थी और है भी। प्रचलित लोककथाओं के अनुसार द्रोपदी स्वयंबर से पहले पाण्डवों ने माता कुंती के साथ प्रजापति की कार्यशाला *(मिट्टी के पवित्र बर्तन बनाने का स्थान)* में ही प्रवास करना ठीक समझा था। द्रौपदी अपने ब्याह के बाद अपने पिता महाराज द्रुपद के राजभवन से निकल कर सर्वप्रथम प्रजापति के घर पर ही ब्याही आई थी। इतिहास प्रसिद्ध अमरत्व प्राप्त *भृतहरि और उनके भानजे गोपीचंद* ने गांव तिजारा, जिला अलवर (राजस्थान) में प्रजापति की कार्यशाला में १२ वर्षों तक प्रवास करके योगसाधना की थी। समुद्र मंथन के समय आयुर्वेद के जनक भगवान् धनवंतरि एक कलश (कुम्भ) में अमृत लेकर उत्पन्न हुये थे। इस कुंभ से अमृत की कुछ बूंदें नासिक, उज्जैन, प्रयागराज और हरिद्वार में छलकी थी। इन पवित्र स्थानों पर कुम्भ का मेला लगता है। कुम्भ को बनाने वालों को कुम्भकार (प्रजापति) कहा जाता है।
@saubhagmeena58428 ай бұрын
पुरानी पेंशन बहाल करो
@hariprasadmeena43708 ай бұрын
रेल कर्मचारी आन्दोलन तो करते हैं पर जब चुनाव का समय आता है तब उसी पार्टी के पक्ष में मतदान करते हैं जो नई पेंशन योजना को जारी रखना चाहती है।
@pushpakshetrapal50938 ай бұрын
उत्कृष्ट सराहनीय
@shreeshyamenterprizes2528 ай бұрын
Mujhe iski jankari nahi thi wrna 200 girls aur aati....
@NirmaBeniwal-vl5rf9 ай бұрын
Yah college ek sal ka kitna डोनेशन leti h btana please🙏 college kesi hai regular jana pdta hai kya?
@BadhtiKalam9 ай бұрын
Regular hi Jana padega
@NirmaBeniwal-vl5rf9 ай бұрын
@@BadhtiKalam aap kaha se ho
@NirmaBeniwal-vl5rf9 ай бұрын
@@BadhtiKalam kya pta
@NirmaBeniwal-vl5rf9 ай бұрын
Yah college ek ka डोनेशन kitna leti hai
@arjun2raj210 ай бұрын
MEENA BHI VOTE NHI DENGE ...ARJUN MEENA
@binodkumardwivedi296211 ай бұрын
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
@ashutosharya110711 ай бұрын
शानदार कार्यक्रम
@theprideart399911 ай бұрын
harmonium ki aawj bahut he
@sudhanshujaggi309611 ай бұрын
Backchodi hai iski paise khayi hain yeh
@sureshgupta365411 ай бұрын
शुभ कार्य
@maheshgupta291511 ай бұрын
❤❤🎉🎉
@ameriyamahesh156911 ай бұрын
Jay Airwalk kaniya mhabidhaly prnam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@ameriyamahesh156911 ай бұрын
Ye ak sundar acchi pahal he kawile tarif he jay shree shyam shyam bhgat jag me bade unko mera prnam jay shree baba shyam🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@arjun2raj211 ай бұрын
Harega tu....ramkesh
@arjun2raj211 ай бұрын
Mansingh ko bjp ka ticket do
@devisinghsolankishekhpur972211 ай бұрын
वन्दे मातरम्
@vickykumarshakya533611 ай бұрын
Sab bekar he...... 1 din safai krne se koi swach Bharat nhi hota.....😡😡😡
@arjun2raj2 Жыл бұрын
Mansingh jitega
@outofcontinent8272 Жыл бұрын
❤
@manendrakumar2088 Жыл бұрын
Jai gajanan ji🙏
@vickykumarshakya5336 Жыл бұрын
Ganpati bappa morya 🙏
@rijulgarg6105 Жыл бұрын
जय श्री गणेश❤
@gulshannagee5884 Жыл бұрын
Good 👍
@amritvani_Arya_sudha Жыл бұрын
Waah
@ajaygarg4597 Жыл бұрын
सराहनीय कदम
@jitendrabagwani8897 Жыл бұрын
Kuber pahli aur last baar bana h ward member faltu ki baato se achha to kuch Kam karwa ward me
@rajkumarmeena1171 Жыл бұрын
🚩👍
@bhagwan0288 Жыл бұрын
जबरदस्त
@ashutosharya1107 Жыл бұрын
बहुत खूब
@maheshkhandelwal1410 Жыл бұрын
कवरेज के लिए बढ़ती कलम परिवार को बहुत बहुत बधाई धन्यवाद